न्यूज़क्लिक ने धर्म के आधार पर जारी हुए जनगणना के आकड़ों पर दिल्ली साइंस फोरम के अमित सेनगुप्ता से बात की. अमित ने बताया कि अगर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश को अलग रखा जाए तो ये आकड़ें सकारात्मक हैं क्योंकि आबादी की बढ़त की रफ़्तार में कमी आई है. पर अमित ने इन आकड़ों को जारी करने के समय पर सवाल उठाये क्योंकि ये आकड़ें हड़बड़ी में तैयार किए गए हैं और साथ ही सामाजिक एवं आर्थिक पक्ष पर प्रकाश नहीं डाला गया है. उनके अनुसार जनसँख्या के आकड़ें केवल व्यक्तियों को गिनने का माध्यम नहीं बल्कि नीतियों को तैयार करने का एक जरिया भी हैं और अधूरे आकड़ों से इस पर असर पड़ता है. अमित ने बताया कि भाजपा सरकार इन आकड़ों का संप्रदायीकरण कर आगामी बिहार चुनावों में फायदा उठाना चाहती है.
