NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अंतरराष्ट्रीय
कंजर्वेटिव गिलर्मो लासो ने इक्वाडोर के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली
नए राष्ट्रपति ने देश में लोकतंत्र को मज़बूत करने और अपने पूर्ववर्ती लेनिन मोरेनो द्वारा प्रचलित किए गए विपक्षी ताकतों के राजनीतिक उत्पीड़न की संस्कृति को समाप्त करने का संकल्प लिया है।
पीपल्स डिस्पैच
26 May 2021
ec

क्रिएटिंग अपॉर्चुनिटीज पार्टी (सीआरईओ) और सोशल क्रिश्चियन पार्टी (पीएससी) के दक्षिणपंथी गठबंधन के गिलर्मो लासो ने 24 मई को इक्वाडोर के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। अल्फ्रेडो बोरेरो ने देश के उपराष्ट्रपति के रूप में भी शपथ ली। ये दोनों अगले चार साल तक इस लैटिन अमेरिकी देश के अहम पद बने रहेंगे।

उद्घाटन समारोह राजधानी क्विटो के लेजिस्लेटिव पैलेस में आयोजित किया गया। इसमें ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो, डोमिनिकन रिपब्लिक के राष्ट्रपति लुइस एबिनेडर, हैती के डी-फैक्टो प्रेसिडेंट जोवेनेल मोइसे, स्पेनिश किंग फेलिपे VI के साथ साथ विभिन्न लैटिन अमेरिकी देशों और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

नए राष्ट्रपति ने लोकतंत्र को मजबूत करने और राजनीतिक उत्पीड़न को समाप्त करने का संकल्प लिया है जिसके लिए मोरेनो को व्यापक तरीके से अस्वीकार कर दिया गया था। उन्होंने लैंगिक समानता सहित देश में वास्तविक समानता हासिल करने का भी वादा किया। उन्होंने आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय योजनाओं को अपने प्रशासन के स्तंभ के रूप में बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने अपनी सरकार के पहले 100 दिनों में नौ मिलियन नागरिकों के COVID-19 के टीकाकरण की गारंटी के लिए आवश्यक उपाय करने की शपथ ली।

अपने भाषण में उन्होंने कहा कि "आज पैदा हुई इस सरकार में, गणतंत्रवाद की नई सदी में, कौडिलोस का युग समाप्त होता है!" और आश्वासन दिया कि "हम सभी के लिए शासन करेंगे।"

ठीक इसी समय इन आधिकारिक आयोजनों के दौरान मोरेनो के नवउदारवादी शासन को खारिज करने वाले विरोध प्रदर्शन नेशनल असेंबली के मुख्यालय के बाहर आयोजित किए गए थे। प्रदर्शन करने वाले लोगों के समूहों ने मांग की कि नए राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य मामलों को लेकर किए गए अपने वादों को पूरा करें।

65 वर्षीय कन्जर्वेटिव बैंकर लासो ने अप्रैल में प्रगतिशील अर्थशास्त्री आंद्रेस अराउज के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर में ये जीत हासिल की। उन्हें मोरेनो की कठोर नीतियों और COVID-19 महामारी से उत्पन्न आर्थिक, स्वास्थ्य और सामाजिक संकटों को कम करने की चुनौती का सामना करना है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष के दौरान बेरोजगारी 4.6% से बढ़कर 5.5% हो गई जबकि गरीबी 25% से बढ़कर 32% हो गई। कई राजनीतिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि उनका प्रशासन मोरेनो द्वारा अपनाई गई नवउदारवादी नीतियों को जारी रखेगा और अधिकांश आबादी जो श्रमिक वर्ग की है उसके लिए स्थिति नहीं बदलेगी।

Ecuador
ecuador new president
gilormo laso
Brazil
South America

Related Stories

क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति

इक्वाडोर के नारीवादी आंदोलनों का अप्रतिबंधित गर्भपात अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प

पुतिन को ‘दुष्ट' ठहराने के पश्चिमी दुराग्रह से किसी का भला नहीं होगा

इक्वेडर और उरूग्वे ने विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया

दुनिया भर की: दक्षिण अमेरिका में वाम के भविष्य की दिशा भी तय करेंगे बोरिक

हासिल किया जा सकने वाला स्वास्थ्य का सबसे ऊंचा मानक प्रत्येक मनुष्य का मौलिक अधिकार है

बच्चों को हरे खेत दिखाओ और सूरज की रौशनी उनकी ज़ेहन में उतरने दो

इक्वाडोर के लोग राष्ट्रपति लासो की आर्थिक नीतियों के ख़िलाफ़ लामबंद

इंटरकल्चरल एजुकेशन लॉ लागू करने की मांग को लेकर इक्वाडोर के शिक्षक भूख हड़ताल पर

पड़ताल दुनिया भर की: ब्राज़ील में घिरे बोलसोनारो, काबुल में हारा अमेरिका


बाकी खबरें

  • भाषा
    चारा घोटाला: झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू यादव को डोरंडा कोषागार मामले में ज़मानत दी
    22 Apr 2022
    लालू प्रसाद के खिलाफ रांची में चारा घोटाले का यह अंतिम मामला था और अब उनके खिलाफ पटना में ही चारा घोटाले के मामले विचाराधीन रह गये हैं। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में…
  • अजय कुमार
    जहांगीरपुरी में चला बुल्डोज़र क़ानून के राज की बर्बादी की निशानी है
    22 Apr 2022
    बिना पक्षकार को सुने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। कानून द्वारा निर्धारित यथोचित प्रक्रिया को अपनाए बिना किसी तरह के डिमोलिशन की करवाई करना अन्याय है। इस तरह के डिमोलिशन संविधान के अनुच्छेद…
  • लाल बहादुर सिंह
    संकट की घड़ी: मुस्लिम-विरोधी नफ़रती हिंसा और संविधान-विरोधी बुलडोज़र न्याय
    22 Apr 2022
    इसका मुकाबला न हिन्दू बनाम हिंदुत्व से हो सकता, न ही जातियों के जोड़ गणित से, न केवल आर्थिक, मुद्दा आधारित अर्थवादी लड़ाइयों से। न ही महज़ चुनावी जोड़ तोड़ और एंटी-इनकंबेंसी के भरोसे इन्हें परास्त किया…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला
    22 Apr 2022
    कई आदिवासी संगठन पंचायती चुनावों पर रोक लगाने की मांग को लेकर राजभवन पर लगातार धरना दे रहें हैं। 
  • अनिल जैन
    मुद्दा: हमारी न्यायपालिका की सख़्ती और उदारता की कसौटी क्या है?
    22 Apr 2022
    कुछ विशेष और विशिष्ट मामलों में हमारी अदालतें बेहद नरमी दिखा रही हैं, लेकिन कुछ मामलों में बेहद सख़्त नज़र आती हैं। उच्च अदालतों का यह रुख महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली और दूसरे…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License