NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एनआरसी और असम के डिटेंशन कैंपों में हो रही मौतों के ख़िलाफ़ भाकपा-माले का देशव्यापी विरोध
विरोध सभाओं में वक्ताओं ने कहा कि भारत भर में मोदी सरकार देशभर में एनआरसी लागू करने की कोशिश में है, यह नागरिकता पर हमला है। भाकपा-माले, भाजपा-आरएसएस की इन कोशिशों को कभी कामयाब नहीं होंने देगी और आने वाले दिनों में एनआरसी को वापस करने की मांगों पर और भी जोरदार आंदोलन किए जाएंगे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Nov 2019
nrc

असम के डिटेंशन कैंपों में कथित तौर पर 27 लोगों की मौतों को लेकर डिटेंशन कैंप को बंद करने और नागरिकता संशोधन बिल वापस करने की मांग को लेकर आज, बुधवार को भाकपा-माले ने देश भर में विरोध प्रदर्शन कर सभाएं कीं।  
बिहार की राजधानी पटना में कारगिल चैक पर भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने विरोध सभा का आयोजन किया। इस दौरान माले कार्यकर्ता डिटेंशन कैंप में हुई मौतों के जिम्मेवार मोदी-शाह जवाब दो, देश भर में एनआरसी को थोपना बंद करो, डिटेंशन कैंपों को बंद करो, नागरिकता पर हमला नहीं सहेंगे आदि नारे लगा रहे थे।
सभा में भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता राजाराम, केंद्रीय कमेटी के सदस्य व पटना नगर के सचिव अभ्युदय, माले की राज्य स्थायी समिति के सदस्य आरएन ठाकुर, राज्य कमेटी के सदस्य रणविजय कुमार, अनीता सिन्हा व रामबलि प्रसाद, उमेश सिंह, माले नेता मुर्तजा अली, जितेन्द्र कुमार, अनुराधा, संतोष पासवान, विश्वमोहन कुमार, अफशां जबीं, पटना सिटी से नसीम अंसारी , अनय मेहता, पन्नालाल सिंह, इनौस के विनय कुमार, लंकेश कुमार, बीएके शर्मा, केके सिन्हा आदि शामिल हुए।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि असम के डिटेंशन कैंपों में अब तक 27 लोगों की मौत हो गई है। फाइनल सूची के पहले 25 लोग मारे गए और उसके बाद दो लोगों की मौत हुई है। इन दो लोगों में 70 वर्षीय फालू दास और 65 वर्षीय दुलाल चंद्र पाल शामिल हैं। दुलाल पाल और फालू दास के परिवार ने उनके शव लेने से इंकार करते हुए कहा है कि अगर वे बांग्लादेशी थे, तो बांग्लादेश में उनके परिवार को तलाशिये, और शव को बांग्लादेश भेजिए। नहीं, तो मानिये कि वे भारत के नागरिक थे जिनकी हत्या सरकार द्वारा डिटेंशन कैम्प में हुईं। इन मौतों के लिए पूरी तरह से मोदी-शाह की जोड़ी जिम्मेवार है। भाजपा ने असम के लगभग 19 लाख लोगों की नागरिकता को खतरे में डाल दिया है। इन लोगों को डिटेंशन कैंपों में डाला जा रहा है जहां लोगों की लगातार मौतें हो रही हैं।
वक्ताओं ने कहा कि आज भाजपा-आरएसएस के लोग पूरे देश में एनआरसी थोपना चाहते हैं। अमित शाह अब देश भर में एनआरसी लागू करवाने पर आमादा हैं, जिसमें हर किसी को कागजात के जरिए साबित करना होगा कि 1951 में उनके पूर्वज भारत में वोटर थे। हर राज्य में डिटेंशन कैम्प खुलवा रहे हैं- महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में ऐसे कैम्प बन रहे हैं। गरीब तो बीपीएल की सूची, वोटर लिस्ट, आधार आदि से भी बाहर रह जाते हैं। वे 1951 के अपने पूर्वजों के कागजात कहाँ से लाएंगे? अगर न ला पाएं तो उन्हें डिटेंशन कैम्प में डाल दिया जाएगा। मोदी - शाह कह रहे हैं कि अगर आप मुसलमान हैं तो आपको देश से निकाल दिया जाएगा, पर अगर आप हिन्दू या गैर मुसलमान हैं, तो हम नागरिकता कानून में संशोधन करके आपको शरणार्थी मान लेंगे।
इस तरह आज नागरिकों की नागरिकता पर भाजपा-आरएसएस ने खतरा पैदा कर दिया है। उन्हें या तो डिटेंशन कैम्प में मारा जाएगा, या नागरिक के बजाय शरणार्थी बना दिया जाएगा।

PATNA-2_0.jpg
सभा में कहा गया कि भाकपा-माले, भाजपा-आरएसएस की इन कोशिशों को कभी कामयाब नहीं होंने देगी। आने वाले दिनों में एनआरसी को वापस करने की मांगों पर और भी जोरदार आंदोलन किए जाएंगे।
बिहार में पटना के अलावा आरा, अरवल, सिवान, जहानाबाद, पटना ग्रामीण के पुनपुन, दुल्हिन बाजार, मसौढ़ी; दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, नवादा, नालंदा आदि केंद्रों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए गए।
नालंदा में माले कार्यकर्ताओं ने बिहारशरीफ में धरना दिया, जिसका नेतृत्व पार्टी के जिला सचिव सुरेन्द्र राम, मकसुदन शर्मा, मनमोहन, पाल बिहारी लाल आदि नेताओं ने किया। मसौढ़ी में कार्यक्रम का नेतृत्व पार्टी की केंद्रीय कमेटी के सदस्य व खेग्रामस के राज्य सचिव गोपाल रविदास, अकलू पासवान, विनेश चैधरी, कमलेश कुमार आदि नेताओं ने किया। अरवल में विरोध मार्च का नेतृत्व पार्टी के जिला सचिव महानंद, विजय यादव, जितेन्द्र यादव आदि नेताओं ने किया।
नवादा में माले कार्यकर्ताओं ने मोदी का पुतला दहन किया। जहानाबाद में जिला सचिव श्रीनिवास शर्मा, किसान महासभा के राज्य सचिव रामाधार सिंह, हसनैन अंसारी आदि नेताओं ने शहर में मार्च किया और नागरिकता संशोधन बिल को वापस लेने की मांग की।

IMG-20191106-WA0015.jpg

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हज़रत गंज स्थित अंबेडकर प्रतिमा के सामने धरना-प्रदर्शन किया गया। 

इसके अलावा झारखंड, पंजाब, असम और पश्चिम बंगाल इत्यादि राज्यों में भी विरोध मार्च और सभाएं की गईं।

 

NRC
Assam
people protest
Bihar
UP
Nationwide Protest

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

15 राज्यों की 57 सीटों पर राज्यसभा चुनाव; कैसे चुने जाते हैं सांसद, यहां समझिए...

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’


बाकी खबरें

  • cartoon
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ख़बर भी-नज़र भी: दुनिया को खाद्य आपूर्ति का दावा और गेहूं निर्यात पर रोक
    14 May 2022
    एक तरफ़ अभी कुछ दिन पहले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावा करते हैं कि अगर विश्व व्यापार संगठन (WTO) भारत को अनुमति देता है, तो हमारा देश अपने खाद्य भंडार से दुनिया को खाद्य आपूर्ति कर सकता है,…
  • aadhar
    भाषा
    आधार को मतदाता सूची से जोड़ने पर नियम जल्द जारी हो सकते हैं : मुख्य निर्वाचन आयुक्त
    14 May 2022
    "यह स्वैच्छिक होगा। लेकिन मतदाताओं को अपना आधार नंबर न देने के लिए पर्याप्त वजह बतानी होगी।"
  • IPC
    सारा थानावाला
    LIC IPO: कैसे भारत का सबसे बड़ा निजीकरण घोटाला है!
    14 May 2022
    वी. श्रीधर, सार्वजनिक क्षेत्र और सार्वजनिक सेवाओं पर जन आयोग के सदस्य साक्षात्कार के माध्यम से बता रहे हैं कि एलआईसी आईपीओ कैसे सबसे बड़ा निजीकरण घोटाला है।
  • congress
    रवि शंकर दुबे
    इतिहास कहता है- ‘’चिंतन शिविर’’ भी नहीं बदल सका कांग्रेस की किस्मत
    14 May 2022
    देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस चुनावों में जीत के लिए पहले भी चिंतन शिविर करती रही है, लेकिन ये शिविर कांग्रेस के लिए इतने कारगर नहीं रहे हैं।
  • asianet
    श्याम मीरा सिंह
    लता के अंतिम संस्कार में शाहरुख़, शिवकुमार की अंत्येष्टि में ज़ाकिर की तस्वीरें, कुछ लोगों को क्यों चुभती हैं?
    14 May 2022
    “बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख़, मशहूर गायिका लता मंगेशकर के अंत्येष्टि कार्यक्रम में श्रद्धांजलि देने गए हुए थे। ऐसे माहौल में जबकि सारी व्याख्याएँ व्यक्ति के धर्म के नज़रिए से की जा रही हैं, वैसे में…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License