NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एनआरसी की अंतिम सूची जारी, 19 लाख 6 हज़ार 657 लोग बाहर
असम में एनआरसी की अंतिम लिस्ट से कुल 19 लाख 6 हजार 657 लोग बाहर  हैं। यानी हाल-फिलाहल ये सारे लोग भारत की नागरिकता से बाहर कर दिए गए हैं। इन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए अब फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल जाना होगा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
31 Aug 2019
NRC

तकरीबन चार साल की लम्बी कार्रवाई के बाद एनआरसी अपने अंतिम मुकाम पर आ गया है। असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। इसमें कुल 19 लाख 6 हजार 657 लोगों बाहर हैं। इसमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने एनआरसी में शामिल होने का कोई दावा प्रस्तुत नहीं किया गया था। यानी हाल-फिलाहल ये सारे लोग भारत की नागरिकता से बाहर कर दिए गए हैं। इन्हें अपनी नागरिकता को साबित करने के लिए अब फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में अपील करनी होगी। या उसके बाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने का अधिकार होगा।

एनआरसी की अपडेशन की यह प्रक्रिया साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में शुरू की गयी थी। जिसके तहत शर्त यह थी कि सरकार द्वारा निर्धारित डॉक्यूमेंटों (दस्तावेज़) के आधार पर जो लोग यह साबित कर देंगे कि वे 24 मार्च 1971 की मध्यरात्रि से पहले भारत के नागरिक थे, उन्हें भारत का नागरिक मान लिया जाएगा। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर  एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया मई 2015 से शुरू की  गयी।  जिसकी अंतिम तिथि 31 अगस्त 2015 थी।  इस दौरान एनआरसी में शामिल होने के लिए तकरीबन 3 करोड़ 30 लाख लोगों ने आवेदन किया। इनसे मिले आवेदनों की जाँच परख की गयी।  इस प्रक्रिया में राज्य सरकार के तकरीबन 52 हजार कमर्चारी शमिल थे। 

पिछले साल 21 जुलाई को जारी की गयी एनआरसी सूची में 3.29 करोड़ लोगों में से 40.37 लाख लोगों का नाम नहीं शामिल था। इस पर काफी आपत्ति आईं। इसके बाद अब 31 अगस्त 2019 को अंतिम लिस्ट जारी हुई है। 

एनआरसी के स्टेट कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला के मुताबिक, अंतिम सूची में 19 लाख 6 हजार 657 लोग बाहर हैं और 3 करोड़ 11 लाख 21 हज़ार 4 लोगों को शामिल किया गया है। शामिल किए गए और बाहर किए गए नामों को लोग एनआरसी की वेबसाइट www.nrcassam.nic.in पर देख सकते हैं।

एनआरसी लिस्ट के मद्देनजर हिंसा और सांप्रदायिक झड़पों की आशंकाओं को देखते हुए राज्य सरकार और गृह मंत्रालय ने लोगों से शांति की अपील की है। पुलिस द्वारा जारी एडवाइजरी में लोगों से अफवाह, सुनी-सुनाई बातों, फेक न्यूज पर विश्वास न करने की अपील की गई है। गुवाहाटी समेत 5 जिलों में धारा 144 लागू है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

इसे भी पढ़ें : NRC से जुड़ी अब तक की कहानी

NRC
NRC Process
NRC Assam
NRC deadline
Citizenship

Related Stories

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

शाहीन बाग़ की पुकार : तेरी नफ़रत, मेरा प्यार

देश बड़े छात्र-युवा उभार और राष्ट्रीय आंदोलन की ओर बढ़ रहा है

सामाजिक कार्यकर्ताओं की देशभक्ति को लगातार दंडित किया जा रहा है: सुधा भारद्वाज

भाजपा का हिंदुत्व वाला एजेंडा पीलीभीत में बांग्लादेशी प्रवासी मतदाताओं से तारतम्य बिठा पाने में विफल साबित हो रहा है

अदालत ने फिर उठाए दिल्ली पुलिस की 2020 दंगों की जांच पर सवाल, लापरवाही के दोषी पुलिसकर्मी के वेतन में कटौती के आदेश

सरकार के खिलाफ शिकायत करने पर 'बाहर' नहीं कर सकते: गुजरात HC ने CAA-NRC प्रदर्शनकारी का बचाव किया

नर्क का दूसरा नाम...

असम डिटेंशन कैंप में रह रहे विदेशी नागरिकों के 22 बच्चे!

नागरिकता और संविधान


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License