NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एनआरसी को लेकर कोलकाता समेत प.बंगाल के कई हिस्सों में अफरा-तफरी
भाजपा शासित असम में अंतिम एनआरसी सूची से बड़ी संख्या में हिंदू बंगालियों के नाम बाहर रह जाने के कारण लोगों के बीच दहशत फैल गयी है और राज्य में अब तक छह मौतें हो चुकी है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
24 Sep 2019
NRC
प्रतीकात्मक फोटो : गूगल से साभार

कोलकाता: एनआरसी लागू होने की आशंका के कारण कोलकाता और पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में सैकड़ों लोग मंगलवार को अपना जन्म प्रमाणपत्र और जरूरी दस्तावेज एकत्र करने के लिए सरकारी और निगम कार्यालयों में जुटे। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस सरकार कह चुकी है वह इसकी अनुमति नहीं देगी।

भाजपा शासित असम में अंतिम एनआरसी सूची से बड़ी संख्या में हिंदू बंगालियों के नाम बाहर रह जाने के कारण लोगों के बीच दहशत फैल गयी है और राज्य में अब तक छह मौतें हो चुकी है।

शहर में कोलकाता नगर निगम (केएमसी) मुख्यालय और अन्य संभागीय कार्यालय तथा राज्य के अन्य हिस्सों में बीडीओ कार्यालयों के बाहर लंबी-लंबी कतारों में लोग भूमि और अन्य जरूरी दस्तावेज निकालने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।

केएमसी मुख्यालय के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे 75 वर्षीय अजित रे ने कहा, ‘‘मैं अपना जन्म प्रमाणपत्र लेने के लिए केएमसी कार्यालय आया हूं क्योंकि बहुत पहले मैंने इसे खो दिया था। मैंने सुना है कि बंगाल में एनआरसी लागू होने की स्थिति में इस देश का नागरिक साबित करने के लिए हमें अपने जन्म प्रमाण पत्र चाहिए होंगे।’’

केएमसी के भूमि अभिलेख विभाग के बाहर 55 वर्षीय विमल मंडल जमीन के कागजात निकालने आए थे।

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न सरकारी और पंचायत कार्यालयों के बाहर की भी यही स्थिति है।

दक्षिण 24 परगना जिले के 25 वर्षीय खलीक मुल्ला ने कहा, ‘‘इस देश में जन्म लेने, पलने-बढ़ने के बावजूद अगर हमें विदेशी घोषित कर दिया गया तो हम क्या करेंगे। इस देश में जन्म लेने के संबंध में अपने पिता का दस्तावेज मैं कहां से लाउंगा।’’

सरकारी सूत्रों के मुताबिक जिले में अब तक छह लोगों की मौत हो गयी है। दो लोगों ने पुराने दस्तावेज नहीं जुटा पाने के कारण खुदकुशी कर ली और चार लोग कतारों में ही गश खाकर मौत के शिकार हो गए।

कोलकाता के मेयर और वरिष्ठ मंत्री फरहाद हाकिम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम हर जगह लोगों से नहीं घबराने को कह रहे हैं। बंगाल में एनआरसी लागू नहीं की जाएगी। तृणमूल कांग्रेस सरकार ऐसा कभी नहीं होने देगी। जब तक तृणमूल कांग्रेस सरकार सत्ता में हैं एक भी व्यक्ति को नहीं छुआ जाएगा।’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को भाजपा पर एनआरसी को लेकर दहशत फैलाने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह राज्य में एनआरसी की प्रक्रिया नहीं होने देंगी।

हालांकि, प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर पश्चिम बंगाल में एनआरसी के संबंध में हिंदुओं के बीच दहशत फैलाने का आरोप लगाया ।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘राज्य में एनआरसी पर मौतों के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस ही जिम्मेदार होगी। हमने साफ कहा है कि दूसरे देशों से आने वाले हिंदुओं को नागरिकता (संशोधन) विधेयक के अंतर्गत नागरिकता दी जाएगी और फिर घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए एनआरसी लागू की जाएगी।’’

आपको बता दें कि न्यूज़क्लिक ने इस बारे में आपको पहले भी ख़बर दी थी कि एनआरसी को लेकर पश्चिम बंगाल में बेचैनी है।
इसे भी पढ़ें : एनआरसी पर पश्चिम बंगाल में बढ़ती बेचैनी

इस बेचैनी के दो पहलू हैं। एक तो अ-नागरिक करार दिये गये 19 लाख लोगों में से बहुसंख्य बंगाली हैं। दूसरा यह कि पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी लागू करने के लिए भाजपा लगातार अभियान छेड़े हुए है। बंगाल की अपनी सभा में उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह साफ ऐलान कर चुके हैं कि राज्य में उनकी सरकार आने पर एनआरसी लागू की जायेगी और एक-एक घुसपैठिये को चुन-चुनकर बाहर किया जायेगा।
भाजपा के राज्य स्तरीय नेता भी किसी कार्यक्रम में एनआरसी का जिक्र करना नहीं भूलते।

2021 में बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा का पूरा प्रचार अभियान लोकसभा चुनाव की तर्ज पर ही ध्रुवीकरण पर आधारित है। और इस ध्रुवीकरण में एनआरसी का भी जमकर इस्तेमाल होगा।

पश्चिम बंगाल में एनआरसी पर कांग्रेस दुविधा में फंसी है, जबकि तृणमूल कांग्रेस और माकपा यह कहते हुए एनआरसी का तीखा विरोध कर रहे हैं कि इससे राज्य का आपसी भाईचारा और सौहार्द नष्ट होगा।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

NRC
West Bengal
kolkata
Assam
BJP
NRC Crisis
Kolkata Municipal Corporation
mamta banerjee

Related Stories

राज्यपाल की जगह ममता होंगी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति, पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने पारित किया प्रस्ताव

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    विश्व आर्थिक मंच पर पेश की गई ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौर में फूड फ़ार्मा ऑयल और टेक्नोलॉजी कंपनियों ने जमकर कमाई की।
  • परमजीत सिंह जज
    ‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप
    26 May 2022
    पंजाब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंजाब की गिरती अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करना है, और भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियों को पकड़ना अभी बाक़ी है, लेकिन पार्टी के ताज़ा क़दम ने सनसनी मचा दी है।
  • virus
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या मंकी पॉक्स का इलाज संभव है?
    25 May 2022
    अफ्रीका के बाद यूरोपीय देशों में इन दिनों मंकी पॉक्स का फैलना जारी है, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मामले मिलने के बाद कई देशों की सरकार अलर्ट हो गई है। वहीं भारत की सरकार ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है…
  • भाषा
    आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद
    25 May 2022
    विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    "हसदेव अरण्य स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व का सवाल"
    25 May 2022
    हसदेव अरण्य के आदिवासी अपने जंगल, जीवन, आजीविका और पहचान को बचाने के लिए एक दशक से कर रहे हैं सघंर्ष, दिल्ली में हुई प्रेस वार्ता।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License