NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एनएफएचएस रिपोर्ट के मुताबिक़ दलित, आदिवासी बच्चे ज्यादा कुपोषित
एनएफएचएस-4 सर्वेक्षण ने खुलासा किया है कि पिछले दस सालों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकेतकों में थोड़ा-सा ही सुधार हुआ है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Jan 2018
Translated by महेश कुमार
malnutrition

आदिवासियों और दलित सामाजिक श्रेणियां ऐसी हैं जो बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से सबसे ज्यादा वंचित हैं, नवीनतम एनएफएचएस-4 सर्वेक्षण इस बात का खुलासा करता हैं कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के बच्चे कुपोषण से पीड़ित हैं, यह स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि देश में पिछले सत्तर साल से लागू स्वतंत्र शासन में विकास और कल्याण की नीतियों का लाभ निचले स्तर के लोगों को नहीं मिला।

2015-2016 में आयोजित किए गए चौथे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-4) के मुताबिक, वंचित श्रेणी में से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों सहित अल्पसंख्यक वर्गों के लोगों में भी खून की कमी (एनीमिया) और कुपोषण का प्रसार अधिक है।

सर्वेक्षण ने पांच साल से कम उम्र के बच्चों के बीच कुपोषण के प्रमुख संकेतकों के विभिन्न प्रतिशत के बढ़ने के सकेतों को दिखाया है कि – देश में 38 प्रतिशत अविकसित (उम्र से कम), 21 प्रतिशत कमज़ोर (ऊंचाई के मुकाबले पतले) और 36 प्रतिशत वजन कम (उम्र के मुकाबले पतले) वाले बच्चे हैं।

अनुसूचित जनजातियों के बच्चों (पांच वर्ष से कम) के बीच, 43.8 प्रतिशत अविकसित बच्चे हैं, 27.4 कमज़ोर हैं और 45.3 कम वजन वाले हैं। इन तीनों श्रेणियों में अनुसूचित जाति में सबसे अधिक प्रतिशत अविकसित बच्चों में, 42.8 प्रतिशत हैं, 21.2 प्रतिशत कमज़ोर हैं और 39.1 प्रतिशत कम वजन वाले हैं।

नीचे दी गई तालिका पांच साल से कम उम्र के बच्चों में जाति-आधारित कुपोषण के प्रतिशत को दर्शाती है:

आंकड़े

बच्चों के बीच एनीमिया (रक्त में हीमोग्लोबिन के निचले स्तर) का प्रसार एससी और एसटी के बीच भी अधिक है। सामान्य श्रेणी में यह 53.9 प्रतिशत बच्चों की तुलना में पांच साल से कम उम्र के 58 प्रतिशत बच्चे एनीमिया से प्रभावित हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग जातियों की पीढ़ी बच्चों का प्रतिशत क्रमशः 60.5, 63.1 और 58.6 से कम है।

आंकड़े

एनएफएचएस 4 सर्वेक्षण ने प्रजनन, मृत्यु दर, परिवार नियोजन, मातृ एवं बाल स्वास्थ्य, बाल पोषण, घरेलू हिंसा पर भी संकेत दिए हैं और पिछले दस सालों में इसमें बहुत कम सुधार हुए हैं।

पिछले साल, ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2017 में भारत 119 देशों में से 100वें स्थान पर आ गया था।

Global Hunger Index
malnutrition in children
Scheduled Caste
scheduled tribes
. national family heath survey
NFHS
Anemia

Related Stories

गुजरात: पार-नर्मदा-तापी लिंक प्रोजेक्ट के नाम पर आदिवासियों को उजाड़ने की तैयारी!

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

अब झूठ मत बोलिए, सरकारी आंकड़ें बोलते- मुस्लिम आबादी में तेज़ गिरावट

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

बेंगलुरु: बर्ख़ास्तगी के विरोध में ITI कर्मचारियों का धरना जारी, 100 दिन पार 

यूपी चुनाव : माताओं-बच्चों के स्वास्थ्य की हर तरह से अनदेखी

सीवर और सेप्टिक टैंक मौत के कुएं क्यों हुए?

यूपी चुनाव: पूर्वी क्षेत्र में विकल्पों की तलाश में दलित

जलसंकट की ओर बढ़ते पंजाब में, पानी क्यों नहीं है चुनावी मुद्दा?

यूपीः एनिमिया से ग्रसित बच्चों की संख्या में वृद्धि, बाल मृत्यु दर चिंताजनक


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई
    17 May 2022
    मुण्डका की फैक्ट्री में आगजनी में असमय मौत का शिकार बने अनेकों श्रमिकों के जिम्मेदार दिल्ली के श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर उनके इस्तीफ़े की माँग के साथ आज सुबह दिल्ली के ट्रैड यूनियन संगठनों…
  • रवि शंकर दुबे
    बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'
    17 May 2022
    आज की तारीख़ में जब पूरा देश सांप्रादायिक हिंसा की आग में जल रहा है तो हर साल मनाया जाने वाला बड़ा मंगल लखनऊ की एक अलग ही छवि पेश करता है, जिसका अंदाज़ा आप इस पर्व के इतिहास को जानकर लगा सकते हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    यूपी : 10 लाख मनरेगा श्रमिकों को तीन-चार महीने से नहीं मिली मज़दूरी!
    17 May 2022
    यूपी में मनरेगा में सौ दिन काम करने के बाद भी श्रमिकों को तीन-चार महीने से मज़दूरी नहीं मिली है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • सोन्या एंजेलिका डेन
    माहवारी अवकाश : वरदान या अभिशाप?
    17 May 2022
    स्पेन पहला यूरोपीय देश बन सकता है जो गंभीर माहवारी से निपटने के लिए विशेष अवकाश की घोषणा कर सकता है। जिन जगहों पर पहले ही इस तरह की छुट्टियां दी जा रही हैं, वहां महिलाओं का कहना है कि इनसे मदद मिलती…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध
    17 May 2022
    कॉपी जांच कर रहे शिक्षकों व उनके संगठनों ने, जैक के इस नए फ़रमान को तुगलकी फ़ैसला करार देकर इसके खिलाफ़ पूरे राज्य में विरोध का मोर्चा खोल रखा है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License