NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल जारी, लाल किले पर तैनाती के लिए भी दूसरे राज्यों से मदद
हाई अलर्ट के बावजूद दिल्ली सरकार स्वतंत्रता दिवस पर एंबुलेंस सेवाएं देने में नाकाम। यूनियन ने कहा- जिस दिन सरकार अपना निजीकरण का फैसला वापस लेगी उसके दो घंटे में सभी गाड़ियां सड़क पर होंगी।
मुकुंद झा
13 Aug 2019
 Ambulance personnel

दिल्ली में स्वास्थ्य आपातकाल सेवा खुद बीमार हैं। दिल्ली के लगभग1200 कैट्स एंबुलेंस कर्मचारी बीते डेढ़ महीने से निजीकरण के खिलाफ हड़ताल पर है। स्थिति इतनी गंभीर है की अगर कोई दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति है, गर्भवती महिला है, या फिर आपको स्वास्थ्य को लेकर कुछ भी इमरजेंसी है और आपको एंबुलेंस चाहिए। आप एंबुलेंस हेल्पलाइन102 पर कॉल करिए मुश्किल ही है की आपको एंबुलेंस सेवा मिल जाए।
स्थिति इतनी गंभीर है कि कई बार पुलिस पीसीआर को मरीजों को अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है। ये स्थति एक दो दिन से नहीं बल्कि बीते 44 दिनों से है, इस बीच कई ऐसी दुर्घटनाएं हुईं जिसमें लोगों ने कहा कि अगर एंबुलेंस मिल जाती तो जान बच जाती।

हाई अलर्ट के बावजूद दिल्ली सरकार स्वतंत्रता दिवस पर एंबुलेंस सेवाएं देने में नाकाम!

इस बीच हर साल की तरह पूरा देश15अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है। जैसा कि आप जानते हैं कि इस दिन प्रधानमंत्री देश की जनता को लालाकिले की प्राचीर से संबोधित करते हैं। इस दौरान यहाँ देश और विदेश की कई जाने-माने लोगों के साथ हज़ारों की संख्या में लोग एकत्रित होते हैं।

इस दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए वहां दिल्ली की लगभग100 एंबुलेंस खड़ी होती हैं लेकिन इसबार दिल्ली सरकार ने अपने हाथ खड़े कर दिए की वो स्वतंत्रता दिवस के लिए एंबुलेंस सेवाएं नहीं दे पाएगी। इसका कारण सर्वविदित है कि दिल्ली के एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर हैं।

इसी कारण अब सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश और राजस्थान से एंबुलेंस मांगने का निर्णय किया है।

हर साल की तरह इस साल भी केंद्र ने दिल्ली सरकार से ऐंबुलेंस सेवा मांगी लेकिन सरकार की तरफ से मना करने के बाद यह सूचना केंद्रीय गृह विभाग को दी गई। इसके बाद केंद्र सरकार ने एंबुलेंस की व्यवस्था दूसरे राज्यों से की। 

कैट्स अधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश से 25 और राजस्थान से पांच एंबुलेंस मंगाई गईं हैं। इस तरह दिल्ली कैट्स की 15 और कुछ निजी अस्पतालों की एंबुलेंस मिलाकर कुल59 एंबुलेंस स्वतंत्रता दिवस पर तैनात रहेंगी।

क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि 1जुलाई को जब से कैट्स एंबुलेंस को चलाने की जिम्मेदारी जीवीके- एमआईआर कंपनी को दी गई उसके बाद से ही 1200 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। ये कैट्स द्वार एंबुलेंस का संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनी को दिये जाने का विरोध कर रहे है। कर्मचारियों की एक सबसे प्रमुख मांग है कि उन्हें ठेके पर ही रखा जाए लेकिन एंबुलेंस का संचालन कैट्स खुद करे, बीच में किसी ठेकदार को न रखा जाए।

कर्मचारियों के संगठन कैट्स एंबुलेंस स्टाफ यूनियन, जिसके बैनर तले यह अंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आम तौर पर स्वतंत्रता दिवस पर100 एंबुलेंस लगाए जाते थे। लेकिन इस बार हालत ये है कि अलर्ट के बाद भी दिल्ली सरकार एंबुलेंस का व्यवस्था नहीं कर सकी। यह उनकी अव्यवस्था को दिखाता है।

2nd.jpg
निजीकरण का विरोध क्यों?

उन्होंने यह भी बताया कि वो लोग निजीकरण का विरोध क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब किसी निजी कंपनी द्वारा आपतकालीन सेवाएं चलाई जाती हैं तो वो लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़ करती है क्योंकि उन्हें सुरक्षा से नहीं अपने शुद्ध लाभ से मतलब होता है। उन्होंने बताया कि जब हम निजी कंपनी से गाड़ी की खराब हालत के बारे में कहते है, तो वो हमें नौकरी से निकलने की धमकी देते हैं।

आगे उन्होंने यह कहा कि एंबुलेंस,फायर,पुलिस ये सभी लाइफ सेविंग सेवाएं हैं, इसका निजीकरण लोगों की जान को खतरे में डालता है। क्योंकि इसमें जिम्मेदारी का काम है और सरकार से जिम्मेदार संस्था कोई नहीं है। लेकिन सरकार पता नहीं क्यों एंबुलेंस सेवाओं का निजीकरण करने में लगी हुई है जबकि हमने पहले कैट्स के तहत ही एंबुलेंस चलाया है, वो भी किसी कंपनी से बेहतर, इसलिए सवाल उठता की सरकार निजीकरण क्यों चाहती है?

आज (मंगलवार, 13 अगस्त) 45दिन हो जाने के बाद हमने पूछा कि यह अंदोलन और जनता की समस्या कब तक चलेगी तो यूनियन ने कहा कि जिस दिन सरकार अपने निजीकरण का फैसला वापस लेगी उसके दो घंटे में सभी गाड़ियां सड़क पर होंगी।

इस पूरे मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। हमने कई अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। अगर कोई जवाब आएगा तो ये खबर अपडेट कर दी जाएगी।

New Delhi
Ambulance personnel
delhi government
independence day
privatization
Arvind Kejriwal

Related Stories

दिल्ली गैंगरेप: निर्भया कांड के 9 साल बाद भी नहीं बदली राजधानी में महिला सुरक्षा की तस्वीर

ख़बरों के आगे पीछे: हिंदुत्व की प्रयोगशाला से लेकर देशभक्ति सिलेबस तक

दिल्ली बलात्कार कांड: जनसंगठनों का कई जगह आक्रोश प्रदर्शन; पीड़ित परिवार से मिले केजरीवाल, राहुल और वाम दल के नेता

किसानों के समर्थन में ‘भारत बंद’ सफल, बीजेपी शासित राज्यों में भी रहा असर, कई नेता हिरासत में या नज़रबंद रहे

'ऐश्वर्या ने आत्महत्या नहीं की, उन्हें सरकार के भ्रष्ट सिस्टम ने मारा है'

दिल्ली गुड़ मंडी मामले में प्रदर्शन: "मुझे न्याय चाहिए, इससे ज़्यादा और कुछ नहीं!"

दिल्ली: नाबालिग दलित लड़की की गैंगरेप के बाद हत्या का आरोप, पुलिस ने नहीं दर्ज की रिपोर्ट

हाथरस की ‘निर्भया’ के इंसाफ़ के लिए जगह-जगह प्रदर्शन, फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा मुकदमा

दिल्ली में नहीं थम रही यौन हिंसा, आख़िर इस पर बात क्यों नहीं होती?

दिल्ली: महिला मज़दूर से सामूहिक दुष्कर्म, चार आरोपी गिरफ्तार


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License