NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एससी/एसटी पदोन्नति के लिए आंकड़े जुटाने की जरूरत नहीं : सुप्रीम कोर्ट
अदालत ने अपने पिछले फैसले में एससी/एसटी को पदोन्नति में आरक्षण देने पर विचार करने के लिए मात्रात्मक आंकड़े जुटाने की व्यवस्था जोड़ी थी।
आईएएनएस
26 Sep 2018
SC

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक और महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि राज्य को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के लोगों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए उनके पिछड़ेपन पर मात्रात्मक आंकड़े जुटाने की जरूरत नहीं है।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्र द्वारा अदालत के वर्ष 2006 में दिए गए फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दाखिल याचिका पर यह बात कही। अदालत ने अपने पिछले फैसले में एससी/एसटी को पदोन्नति में आरक्षण देने पर विचार करने के लिए मात्रात्मक आंकड़े जुटाने की व्यवस्था जोड़ी थी। 

शीर्ष अदालत ने अपने 2006 के फैसले में कहा था, "राज्य को पदोन्नति में आरक्षण के प्रावधान करने से पहले प्रत्येक मामले में अनिवार्य कारणों यानी पिछड़ापन, प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता और समग्र प्रशासनिक दक्षता की स्थिति को दिखाना होगा।" 
इस फैसले को नागराज मामले के नाम से जाना जाता है।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की पीठ ने पहले यह स्पष्ट किया था कि एससी/एसटी के भीतर क्रीमी लेयर की अवधारणा का कोई मुद्दा नहीं है। पीठ ने कहा था, "हो सकता है जो कुछ लोग (एससी/एसटी के भीतर मौजूद) इस कलंक से उबर चुके हों, लेकिन यह समुदाय लगातार इस कलंक का सामना कर रहा है।"

पीठ ने 30 अगस्त को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

Supreme Court
SC/ST
PROMOTION

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    महाशय, आपके पास क्या मेरे लिए कोई काम है?
    05 May 2022
    वैज्ञानिक समाजवाद के प्रणेता, साम्यवाद के सिद्धांतकार कार्ल मार्क्स की आज जयंती है। उन्होंने हमें सिर्फ़ कम्युनिस्ट घोषणापत्र और दास कैपिटल जैसी किताब ही नहीं दी बल्कि कुछ ऐसी कविताएं भी दी हैं, जो…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में एक्टिव मामलों की संख्या 20 हज़ार के क़रीब पहुंची 
    05 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,275 नए मामले सामने आए हैं | देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 19 हज़ार 719 हो गयी है।
  • Bharat Ek Mauj
    न्यूज़क्लिक टीम
    भारत एक मौज: बॉलीवुड जनता की हिंदी पार्टी
    05 May 2022
    भारत एक मौज के इस एपिसोड में आज संजय सवाल उठा रहे हैं कि देश में जनता के मुद्दों को उठाने के बजाए हमेशा ध्यान भटकाने वाले मुद्दे ही क्यों उठाए जाते हैं।
  • VOILENCE
    रवि शंकर दुबे
    चुनावी राज्यों में क्रमवार दंगे... संयोग या प्रयोग!
    05 May 2022
    ईद वाले दिन राजस्थान में हुई हिंसा ये बताने के लिए काफी है कि आगे आने वाले चुनावों में मुद्दे क्या होंगे। इतना तो तय है कि विकास की बात भूल जाइए।
  • urmilesh
    न्यूज़क्लिक टीम
    प्रेस फ्रीडम सूचकांक में भारत 150वे स्थान पर क्यों पहुंचा
    04 May 2022
    रिपोर्टर्स विदाउट बार्डर्स के वैश्विक प्रेस फ्रीडम सूचकांक में इस बार भारत पिछले साल के मुकाबले आठ अंक और नीचे गिरा और 180 देशो की सूची में 150 वे पर आ गया. पिछले दिनो भारत डेमोक्रेसी के वैश्विक…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License