NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
कानून
भारत
राजनीति
क्या यूपी वाकई ‘नफ़रत की राजनीति का केंद्र बन चुका है’?
पूर्व अधिकारियों ने सीएम योगी के नाम चिट्ठी में लिखा है, "उत्तर प्रदेश एक समय में गंगा-जमुना तहज़ीब को सींचने वाला... अब नफ़रत, विभाजन...कट्टरता की राजनीति का केंद्र बन चुका है।"
सोनिया यादव
30 Dec 2020
yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का अवैध धर्मांतरण क़ानून एक बार फिर सुर्खियों में है। वजह सौ से अधिक पूर्व नौकरशाहों द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखी एक चिट्ठी है। इस चिट्ठी में उन्होंने सीएम योगी से 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध क़ानून, 2020' को वापस लेने और इसके तहत नामज़द लोगों को उचित मुआवज़ा देने की मांग की है।

इन पूर्व अधिकारियों ने इस ख़ुले ख़त में लिखा है कि इस क़ानून ने उत्तर प्रदेश को नफ़रत, विभाजन और कट्टरता की राजनीति का केंद्र बना दिया है। इस कानून की वजह से यूपी की गंगा-जमुनी तहजीब को चोट पहुंची है और समाज में सांप्रदायिकता का जहर फैला है।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के अनुसार, इस ख़ुले ख़त में 104 पूर्व नौकरशाहों ने हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से एक हस्ताक्षर पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे शिवशंकर मेनन का है। इसके अलावा पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव, पूर्व प्रधानमंत्री सलाहकार रहे टीकेए नायर जैसे बड़े नाम इसमें शामिल हैं।

पत्र में क्या लिखा है?

नौकरशाहों के इस पत्र में लिखा गया है, “ये बहुत दुःख भरी बात है कि हाल के वर्षों में यूपी – जो एक समय गंगा-जमुनी तहज़ीब की पाठशाला रहा है –द्वेष, विभाजन और कट्टरपंथ की राजनीति का केंद्र होता जा रहा है, साथ ही तमाम सरकारी संस्थान भी इस साम्प्रदायिकता के ज़हर में पगे हुए हैं।”

नौकरशाहों ने ये भी साफ़ किया है कि उनकी किसी से कोई राजनीतिक जुगलबंदी नहीं है, वे किसी पॉलिटिकल पार्टी से नहीं जुड़े हैं। लेकिन संविधान में डिफ़ाइन किए गए भारत के विचार के प्रति प्रतिबद्धता उनके भीतर ज़रूर है। वे संविधान द्वारा भारत की परिकल्पना को लेकर संकल्पबद्ध हैं।

मुरादाबाद मामला: ‘यह गर्भपात नहीं, बल्कि एक अजन्मे बच्चे की हत्या थी’

नौकरशाहों ने नए धर्मांतरण कानून के तहत दर्ज मुरादाबाद की घटना का ज़िक्र करते हुए इसे जघन्य क्रूरताओं की फ़ेहरिस्त में बस एक उदाहरण बताया है।

पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने अपने पत्र में कहा है कि पिंकी ने अपनी मर्जी से राशिद से शादी की, लेकिन जब वह अपने शादी को पंजीकृत कराने जा रही थीं तो बजरंग दल के लोगों ने उन्हें रोक लिया और मारपीट की। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इतना ही नहीं राशिद और उसके भाई को जेल भेज दिया गया और पिंकी को शेल्टर हाउस।

पत्र में आगे लिखा गया कि इस दौरान पिंकी का गर्भपात भी हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह गर्भपात नहीं, बल्कि एक अजन्मे बच्चे की हत्या थी। पिंकी द्वारा कोर्ट में दिए गए बयान के बाद उन्हें छोड़ा गया। यह पूरी तरह से कानून का दुरुपयोग था, क्योंकि जब दोनों ने जुलाई में शादी की थी तो यह कानून नहीं आया था।

ये कानून मुस्लिम पुरुषों, मर्जी से जीवनसाथी चुनती महिलाओं के ख़िलाफ़ है!

उन्होंने आगे लिखा, “आपके राज्य का धर्मांतरणरोधी क़ानून मुस्लिम पुरुषों और अपने चुनने की आज़ादी का हक़ रखती महिलाओं के खिलाफ़ लाठी की तरह इस्तेमाल हो रहा है….आपके राज्य की क़ानूनी एजेंसियां आपकी सरकार के सहयोग से सत्तावादी सरकारों की ख़ुफ़िया पुलिस की याद ताज़ा कर रही हैं।”

पत्र में आगे कहा गया है कि कई अवसरों पर हाईकोर्ट भी यह कह चुका है कि दो बालिग़ लोग अपनी मर्जी से रहने और जीवनसाथी चुनने को स्वतंत्र हैं, लेकिन नया कानून इस आजादी में दखलंदाजी है। इसकी आड़ में पुलिस सरकार के लोगों के साथ मिलकर तानाशाह हो रही है।

“ये क्रूरताएं उन भारतीय युवाओं के साथ की गई हैं, जो एक स्वतंत्र देश में स्वतंत्र नागरिक की तरह अपना जीवन जीना चाह रहे हैं।”

बता दें कि मुरादाबाद मामले में पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने और बजरंग दल ने एक निर्दोष दम्पति का उत्पीड़न किया, और बाद में इसी उत्पीड़न की वजह से महिला को अपना गर्भस्थ बच्चा गंवाना पड़ा।

कई मामले संदेहास्पद, पुलिस का दोहरा रवैया!

गौरतलब है कि यूपी के नए क़ानून के तहत प्रदेश में अब तक लगभग 14 मुक़दमे दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें से अधिकतर मुक़दमों में मुस्लिम युवक को गिरफ़्तार किया गया है। कई मामले संदेह के घेरे में हैं तो वहीं कुछ में पुलिस पर दोहरा रवैया अपनाने जैसे आरोप भी लग रहे हैं।

हैरानी की बात ये है कि अधिकतर मामलों में लड़की ने ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन का कोई आरोप नहीं लगाया है। हालांकि महिलावादी संगठन, नागरिक समाज के लोग और कुछ जानकर पहले ही इस पूरे अध्यादेश को लाने के पीछे सरकार की असली मंशा पर सवाल उठा चुके हैं। अब पूर्व अधिकारियों द्वारा लिखा ये पत्र निश्चित ही सरकार के लिए चिंता की बात है।

Uttar pradesh
Yogi Adityanath
love jihad
ex bureaucrats letter
love and crime
anti-muslim propaganda

Related Stories

चंदौली पहुंचे अखिलेश, बोले- निशा यादव का क़त्ल करने वाले ख़ाकी वालों पर कब चलेगा बुलडोज़र?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

चंदौली: कोतवाल पर युवती का क़त्ल कर सुसाइड केस बनाने का आरोप

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

अब भी संभलिए!, नफ़रत के सौदागर आपसे आपके राम को छीनना चाहते हैं

मुस्लिम जेनोसाइड का ख़तरा और रामनवमी

उत्तर प्रदेश: इंटर अंग्रेजी का प्रश्न पत्र लीक, परीक्षा निरस्त, जिला विद्यालय निरीक्षक निलंबित

उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप

यूपी: अयोध्या में चरमराई क़ानून व्यवस्था, कहीं मासूम से बलात्कार तो कहीं युवक की पीट-पीट कर हत्या


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License