NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
फेसबुक विवाद: शशि थरूर और बीजेपी, आख़िर तिनका किसकी दाढ़ी में है?
फेसबुक विवाद उभरने के बाद शशि थरूर फेसबुक पर हमलावर हुए तो बीजेपी ने शशि थरूर के ख़िलाफ़ ही मोर्चा खोल दिया। आख़िर यह राजनीति या ‘रिश्ता’ क्या कहलाता है। तिनका आख़िर किसकी दाढ़ी में है?
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Aug 2020
2

अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ में प्रकाशित खबर के बाद सामने आया फेसबुक-भाजपा के कथित गठजोड़ का विवाद अब कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर पर केंद्रित होता दिख रहा है।

दरअसल केरल से सांसद शशि थरूर सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं। इस समिति ने इस मामले में फेसबुक को दो सितंबर को तलब किया है। इसके बाद से बीजेपी के नेता शशि थरूर पर हमलावर हो गए हैं। समिति के सदस्‍य व बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने शशि थरूर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

गौरतलब है इस मामले में थरूर और दुबे के बीच ट्वीटर पर जबदरदस्त वाकयुद्ध चला था। अब इस मामले में थरूर और निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को एक दूसरे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया है।

क्या है मामला?

भाजपा के कुछ नेताओं के नफरत वाले कथित बयानों को नज़रअंदाज करने के आरोपों का मामला सामना कर रहे सोशल मीडिया मंच फेसबुक को सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति ने उसके मंच के कथित दुरुपयोग के मुद्दे पर चर्चा के लिए आगामी दो सितम्बर को तलब किया है।

इससे एक दिन पहले यह समिति इंटरनेट बंद करने संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा करेगी। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है। फेसबुक के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों को भी दो सितम्बर को प्रस्तावित इस बैठक में उपस्थित रहने को कहा है।

बैठक में नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और ऑनलाइन सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग पर रोक लगाने संबंधी विषय पर चर्चा की जाएगी जिसमें डिजिटल दुनिया में महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष बल रहेगा। बैठक के एजेंडे के मुताबिक उपरोक्त विषय पर फेसबुक के प्रतिनिधियों की राय मांगी जाएगी। समिति द्वारा तलब किए जाने के मुद्दे पर फेसबुक की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

हमलावर हुई बीजेपी

आपको बता दें कि बैठक की यह अधिसूचना ठीक उस दिन आई जब सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति के प्रमुख शशि थरूर के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर उन्हें समिति के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की।

बिरला को लिखे पत्र में नियमों का हवाला देते हुए दुबे ने उनसे आग्रह किया है कि वे थरूर के स्थान पर किसी दूसरे सदस्य को समिति का अध्यक्ष नियुक्त करें। भाजपा सांसद का आरोप है कि जब से थरूर इस समिति के अध्यक्ष बने हैं तब से वह इसके कामकाज को गैरपेशेवर तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं और अफवाह फैलाने का अपना ‘राजनीतिक कार्यक्रम’ चला रहे हैं और ‘मेरी पार्टी को बदनाम’ कर रहे हैं।

थरूर को आड़े हाथों लेते हुए दुबे ने आरोप लगाया, ‘विदेशी लहजे के साथ ‘स्पेंसेरियन’ अंग्रेजी बोलना किसी व्यक्ति को इस बात की छूट नहीं देता कि वह न सिर्फ हमारे महान संवैधानिक संस्थाओं का अपमान कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति करे बल्कि हमारे संविधान का भी दुरूपयोग करे।’

दुबे ने अपने पत्र में लिखा, ‘शशि थरूर का अपने पद पर बने रहना और समिति की कार्यवाही को नियंत्रित करना बहुत बेहद अनुचित होगा। इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप डाक्टर थरूर को (पद से) हटने के लिए मनाएं और उसके बाद किसी दूसरे सदस्य को समिति के अध्यक्ष का काम सौंपे।’

दिलचस्प बात यह है कि आईटी से जुड़ी इसी संसदीय समिति के सदस्य और बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने शशि थरूर पर समिति के कामकाज को कमजोर करने का आरोप लगाया है।

राठौड़ ने थरूर पर आरोप लगाया था कि समिति के सदस्यों के साथ चर्चा किए बिना ही वह ऐसे बयान दे रहे हैं कि किसे समन किया जाएगा और मीटिंग का एजेंडा क्या होगा। उन्होंने भी शशि थरूर के खिलाफ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को खत लिखा है।

थरूर और दुबे आमने-सामने

थरूर ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में दुबे की ओर से ट्विटर पर की गई उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई है जिसमें भाजपा सांसद ने कहा था कि ‘स्थायी समिति के प्रमुख के पास इसके सदस्यों के साथ एजेंडे के बारे में विचार-विमर्श किए बिना कुछ करने का अधिकार नहीं है।’

थरूर ने कहा, ‘निशिकांत दुबे की अपमानजनक टिप्पणी से न सिर्फ सांसद एवं समिति के प्रमुख के तौर पर मेरे पद का अनादर हुआ है, बल्कि उस संस्था का भी अपमान हुआ है जो हमारे देश की जनता की आकांक्षा का प्रतिबिंब है।’

उन्होंने बिरला से आग्रह किया कि दुबे के खिलाफ कार्यवाही आरंभ करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि वह इस मामले में सख्त कार्रवाई की उम्मीद करते हैं ताकि आगे से ऐसी घटना नहीं हो।

‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की खबर से शुरू हुआ विवाद

गौरतलब है कि फेसबुक से जुड़ा पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट के बाद आरंभ हुआ। इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में हस्तक्षेप किया था।

आरोपों के बाद फेसबुक ने अपनी सफाई में कहा था कि उसके मंच पर ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है।

फिलहाल लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक एक सितम्बर को बुलाई गई बैठक में संचार और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा बिहार, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है। एक सितम्बर को ‘मीडिया कवरेज में नैतिक मापदंड’ विषय पर चर्चा के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और प्रसार भारती के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है।

समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ

 

 

 

 

 

Attachments area

 

 

 

 

facebook issue
facebook and shashi tharoor
facebook and bjp

Related Stories


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License