NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसान आंदोलन: आत्महत्या करने वाले किसानों की पत्नी, बहन और मांए भी प्रदर्शन में शामिल हुईं
करीब 700-800 महिलाएं जिनके परिवार के सदस्यों ने कृषि ऋण की वजह से आत्महत्या की थी, दिल्ली के टिकरी बॉर्डर चल रहे किसानों के आंदोलन में शामिल हुईं।
भाषा
17 Dec 2020
किसान आंदोलन
Image courtesy: Punjab Kesari

चंडीगढ़: कर्ज की वजह से आत्महत्या करने वाले पंजाब के कई किसानों की पत्नी, बहन और मांए भी को दिल्ली के टिकरी बॉर्डर चल रहे किसानों के आंदोलन में शामिल हुईं। उल्लेखनीय है कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और अन्य स्थानों के हजारों किसान करीब तीन हफ्ते से सिंघू और टिकरी सहित दिल्ली के विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

दिल्ली सीमा के नजदीक प्रदर्शन स्थल पर बुधवार को महिलाएं घर के उन पुरुष सदस्यों की तस्वीर के साथ पहुंची जिन्होंने कर्ज के जाल में फंसने की वजह से आत्महत्या कर ली थी। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) की उपाध्यक्ष हरिदंर कौर बिंदू ने बताया,‘‘करीब 700-800 महिलाएं जिनके परिवार के सदस्यों ने कृषि ऋण की वजह से आत्महत्या की थी, प्रदर्शन में शामिल हुईं।’’

उन्होंने बताया कि ये महिलाएं मनसा, बठिंडा, पटियाला और संगरूर सहित पंजाब के विभिन्न जिलों से आई हैं। बिंदू ने दावा किया, ‘‘हम रेखांकित करना चाहते हैं कि नए कृषि कानूनों से राज्य में किसानों द्वारा आत्महत्या करने की संख्या और बढ़ सकती है। ये कानून कृषि समुदाय के हित में नहीं है और ये कृषि क्षेत्र को बर्बाद कर देंगे।’’ पटियाला जिले से आईं 50 वर्षीय परमजीत कौर ने कहा, ‘‘केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानून, किसानों को और कर्ज के जाल में ढकेलेंगे।’’

उल्लेखनीय है कि कौर के पति ने नौ साल पहले आत्महत्या कर ली थी और परिवार के पास नाममात्र की जमीन है। पटियाला की 65 वर्षीय मोहिंदर कौर ने बताया कि उनके 19 वर्षीय पोते ने पांच साल पहले आत्महत्या कर ली थी क्योंकि परिवार उसकी पढ़ाई का खर्च नहीं उठा पा रहा था।

भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलान ने कहा कि हम रेखांकित करना चाहते हैं कि कैसे कर्ज में दबे पंजाब के किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2006 से अबतक पंजाब में करीब 50 हजार आत्महत्या की घटनाएं हुयी है।’’

farmers protest
Farm Bills
farmers suicides
Indian Farmer's Union

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

इतवार की कविता : 'ईश्वर को किसान होना चाहिये...

किसान आंदोलन@378 : कब, क्या और कैसे… पूरे 13 महीने का ब्योरा

जीत कर घर लौट रहा है किसान !

किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत , 11 को छोड़ेंगे मोर्चा


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    त्रिपुरा: बिप्लब देब के इस्तीफे से बीजेपी को फ़ायदा या नुक़सान?
    16 May 2022
    बिप्लब देब के प्रदर्शन से केंद्रीय नेतृत्व नाख़ुश था लेकिन नए सीएम के तौर पर डॉ. माणिक साहा के नाम के ऐलान से बीजेपी के पुराने नेता नाराज़ बताए जाते हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेटः मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने का दावा, मुस्लिम पक्ष ने कहा- फव्वारे का पत्थर
    16 May 2022
    सर्वे टीम में शामिल हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन की ओर से दाखिल प्रार्थना-पत्र पर सीनियर सिविल जज ने वजुखाने की जगह को तत्काल सील करने का आदेश दिया है।
  • जेरेमी कोर्बिन
    केवल विरोध करना ही काफ़ी नहीं, हमें निर्माण भी करना होगा: कोर्बिन
    16 May 2022
    वैश्विक व्यवस्था संकट में नहीं है, जिसका कि कोई हल निकाला जा सकता है। दरअसल,यह सिस्टम ही संकट है और इसको दूर करना, उसको बदलना और उसे परिवर्तित करना होगा।
  • सोनाली कोल्हटकर
    जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं
    16 May 2022
    मौसम परिवर्तन एक जानलेवा ग़लत गणना का परिणाम है: वैश्विक कॉरपोरेट कंपनियों के मुनाफ़े के लिए ज़िन्दगियों को जोख़िम में डाला जा सकता है, यहां तक कि उन्हें गंवाया भी जा सकता है।
  • अजय सिंह
    मंगलेश को याद करते हुए
    16 May 2022
    मैं उसे किस रूप में याद करूं? ...मैं उसके उन इंसानी/वैचारिक पहलुओं के बारे में बात करना चाहूंगा, जो मुझे आज भी आकर्षित करते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License