NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
करनाल में किसानों की बड़ी जीत; एसडीएम सिन्हा के ख़िलाफ़ बैठी जांच, मृत किसान के परिवार को मिली दो नौकरियां
'समझौते के मुताबिक, सरकार पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा बस्तारा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज प्रकरण की जांच करेगी। जांच पूरी होने तक आयुष सिन्हा जबरन छुट्टी पर रहेंगे। इसी तरह स्वर्गीय सुशील काजल के परिवार के दो सदस्यों को एक सप्ताह के भीतर डीसी रेट पर सरकारी नौकरी दे जाएगी’।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
11 Sep 2021
karnal

आख़िरकार करनाल लघु सचिवालय पर चार दिनों के आंदोलन के बाद किसानों की जीत हुई है। जिला प्रशासन ने उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) आयुष सिन्हा के खिलाफ न्ययिक जांच करने और किसान सुशील काजल के परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी प्रदान करने की उनकी मांगों पर सहमति व्यक्त कर दी है। जिनकी कथित रूप से पुलिसया हिंसा में मौत हो गई थी।

एसडीएम सिन्हा का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित बैठक में भाग लेने का विरोध कर रहे किसानों के "सिर फोड़ने" के लिए  कहा जा रहा था। मुख्यमंत्री ने अधिकारी के आचरण का बचाव किया था। किसान नेताओं ने आरोप लगाया था कि अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर क्षेत्र में आदेश देकर सेवा नियमों का उल्लंघन किया है। बस्तारा  टोल प्लाजा घरौंदा इसी एसडीएम के अधिकार क्षेत्र में आता है।

शनिवार सुबह लघु सचिवालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि किसान संगठनों और सरकार के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई और सरकार मामले की जांच के लिए राजी हो गई है। उन्होंने कहा, 'समझौते के मुताबिक, सरकार पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा बस्तारा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज प्रकरण की जांच करेगी और वह एक महीने में अपनी रिपोर्ट सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करेगी। जांच पूरी होने तक आयुष सिन्हा जबरन छुट्टी पर रहेंगे। इसी तरह स्वर्गीय सुशील काजल के परिवार के दो सदस्यों को एक सप्ताह के भीतर करनाल में डीसी रेट पर सरकारी नौकरी दे जाएगी’।
 
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढूनी, जो संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर रहे थे, उन्होंने कहा, “किसानों ने अपनी मांगों की समीक्षा की और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि पीड़ित परिवार की क्षति अपूरणीय है, जिसे कोई भी मौद्रिक सहायता पर्याप्त नहीं हो सकती है। इस प्रकार, हमने दो सरकारी नौकरियों की मांग रखी थी।" उन्होंने कहा: "प्रशासन ने हमारी मांगों को स्वीकार कर लिया है। परिवार के सदस्यों को एक सप्ताह की अवधि में डीसी दर पर नौकरी दी जाएगी।"

उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने भी विचाराधीन अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अपनी मांग की समीक्षा की और उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा जांच के लिए सहमत हुए। उन्होंने कहा, "हमारी कानूनी टीम ने सिफारिश की थी कि प्राथमिकी अंततः स्थानीय पुलिस अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी और वह अपने ही अधिकारी के खिलाफ उचित जांच नहीं कर सकता है। संभावना है कि अधिकारी राहत के लिए उच्च न्यायालय जा सकता है। चूंकि जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाएगी और अगर वह सिफारिश करते हैं कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए, तो अधिकारी के पास कोई रास्ता नहीं होगा।

प्रशासन से बातचीत करने वालो में ऐसे एक अखिल भारतीय किसान सभा के किसान नेता इंद्रजीत सिंह ने इस जीत पर टिप्पणी करते हुए न्यूज़क्लिक से कहा कि किसानों ने समझौते को खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा: "किसान संगठनों द्वारा उत्तर प्रदेश और पंजाब के पड़ोसी जिलों से किसानों को जुटाने की घोषणा के बाद प्रशासन काफी दबाव में था। पंजाब यूनियनों के साथ-साथ राकेश टिकैत ने हमें समर्थन का आश्वासन दिया था। साथ ही, स्थानीय लोगों का समर्थन था। जिन्होंने खाद्य आपूर्ति और अन्य व्यवस्थाओं के मामले में आंदोलन के आयोजन और संचालन में जबरदस्त भूमिका अदा की। हरियाणा सरकार ने स्थिति का जायजा लेने के बाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव रैंक के एक अधिकारी देवेंद्र सिंह को वार्ता के लिए भेजा। वार्ता सफलतापूर्वक समाप्त हो गई है और हमने धरना समाप्त कर दिया।"

प्रशासन के रवैये में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा: "प्रशासन पहले भी इसी तरह की पेशकश कर रहा था, लेकिन आयुष सिन्हा पर किसी भी कार्रवाई से अनिच्छुक था, लेकिन किसानों के नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया कि हम इस पर समझौता नहीं करेंगे।  इस प्रकार, वे अंततः हार गए। मुझे लगता है कि हमें वही मिला जो हम चाहते थे। मैं इसे फिर से दोहरा रहा हूं कि हम राज्य सरकार के साथ कोई टकराव नहीं चाहते हैं क्योंकि हमारा मुख्य संघर्ष तीन केंद्रीय कृषि कानूनों और खरीद की गारंटी देने वाले कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्रित है। यह हरियाणा सरकार है जो ऐसी स्थिति पैदा कर रही है जिसे टालना असंभव हो जाता है। करनाल से पहले कई मुद्दों को लेकर रोहतक, सिरसा और फतेहाबाद में किसानों की प्रशासन से नोकझोंक हो चुकी है। ”

घायल किसानों को मुआवजे की मांग पर एक सवाल के जवाब में, सिंह ने कहा: “प्रशासन ने हमें मुआवजे के कानूनी पहलुओं पर गौर करने के लिए समय मांगा है। उन्होंने हमें शोक संतप्त परिवार और घायल किसानों को मुआवजे का आश्वासन दिया है।”

Karnal Agitation
SKM
AIKS
Gurnam Singh Chaduni

Related Stories

क्यों मिला मजदूरों की हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन

पूर्वांचल में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बीच सड़कों पर उतरे मज़दूर

देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में दिखा व्यापक असर

बिहार में आम हड़ताल का दिखा असर, किसान-मज़दूर-कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता

"जनता और देश को बचाने" के संकल्प के साथ मज़दूर-वर्ग का यह लड़ाकू तेवर हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ है

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

एमएसपी पर फिर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा

बंगाल: बीरभूम के किसानों की ज़मीन हड़पने के ख़िलाफ़ साथ आया SKM, कहा- आजीविका छोड़ने के लिए मजबूर न किया जाए

कृषि बजट में कटौती करके, ‘किसान आंदोलन’ का बदला ले रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License