NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
समाज
भारत
राजनीति
‘मनुस्मृति’ के सवाल को लेकर KBC पर एफआईआर, आख़िर क्यों बाबासाहेब ने इसे जलाया था?
बाबासाहेब आंबेडकर ने 25 जुलाई, 1927 को महाराष्ट्र के कोलाबा ज़िले के महाद में सार्वजनिक रूप से मनुस्मृति को जलाया था। उनका मानना था कि मनु ने जाति व्यवस्था के बीज बोए थे। दलितों और महिलाओं से सामान्य ज़िंदगी जीने का अधिकार छीन लिया था।
सोनिया यादव
04 Nov 2020
Image Courtesy:  Social Media
Image Courtesy: Social Media

“25 दिसंबर, 1927 को डॉक्टर बीआर आंबेडकर और उनके अनुयायियों ने किस धर्मग्रंथ की प्रतियां जलाई थीं?”

ये सवाल पॉपुलर शो ‘कौन बनेगा करोड़पति-12’ के 30 अक्टूबर को प्रसारित कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में पूछा गया था। इस सवाल के चलते अब अभिनेता अमिताभ बच्चन और टीवी शो केबीसी-12 के निर्माताओं के खिलाफ कथित रूप से हिंदू भावनाओं को आहत करने के लिए कार्रवाई करने की मांग की गई है।

महाराष्ट्र के लातूर जिले के औसा से बीजेपी विधायक अभिमन्यु पवार, जो महाराष्ट्र के सीएम रहे देवेंद्र फडणवीस के भी करीबी माने जाते हैं, उन्होंने बकायदा एसपी निखिल पिंगले को इस संबंध में एक शिकायत पत्र भी दिया है। जिसके बाद ख़बर है कि होस्ट अमिताभ और केबीसी के निर्माताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है।

क्या है पूरा मामला?

30 अक्टूबर को प्रसारित केबीसी के कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में मैला ढोने वाले लाखों लोगों की जिंदगी बदलने वाले, रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड से सम्मानित सफाई कर्मचारी आंदोलन (SKA) के संस्थापक बेजवाड़ा विल्सन ने हिस्सा लिया था। उनके साथ ‘क्राइम पेट्रोल’ सीरियल के होस्ट अनूप सोनी ने भी शिरकत की थी।

केबीसी के होस्ट अमिताभ बच्चन ने 6 लाख, 40 हजार रुपये के लिए किए गए 11वें सवाल में हॉट सीट पर बैठे बेजवाड़ा विल्सन और अनूप सोनी से पूछा, “25 दिसंबर, 1927 को डॉक्टर बीआर आंबेडकर और उनके अनुयायियों ने किस धर्मग्रंथ की प्रतियां जलाई थीं?

इस सवाल के जवाब के लिए चार ऑप्शन भी दिए गए। जिसमें पहला था, विष्णु पुराण, दूसरा भगवद गीता, तीसरा ऋग्वेद, और चौथा मनुस्मृति।”

सवाल के जवाब में बेजवाड़ा विल्सन ने चौथा ऑप्शन मनुस्मृति कहा।  इसके बाद अमिताभ बच्चन ने अपने चिरपरिचित अंदाज में उनसे पूछा, ‘श्योर, ताला लगा दिया जाए?’ सही जवाब था, तो सभी ने तालियां बजाईं।

इसके बाद अमिताभ ने थोड़ा विस्तार से बताया कि, “1927 में डॉक्टर बीआर आंबेडकर ने जातिगत भेदभाव और अस्पृश्यता को वैचारिक रूप से अनुचित ठहराने के लिए प्राचीन हिंदू का जो पाठ था मनुस्मृति, उसकी निंदा की और उन्होंने इसकी प्रतियों को भी जलाया।”

इस पर बेजवाड़ा विल्सन ने कहा, “आज अगर मैं ये काम करूंगा, तो गिरफ्तार कर लिया जाऊंगा।”

आपको बता दें कि इस सवाल के बाद शो के खिलाफ बवाल उसी दिन से शुरू हो गया था। ट्विटर पर #BoycottKBC ट्रेंड करने लगा। ट्विटर यूजर्स, इस सवाल को लेकर अमिताभ बच्चन पर निशाना साधने लगे। कुछ नेटिज़न्स ने शो पर “वामपंथी प्रचार” या एजेंडा चलाने का आरोप भी लगाया। वहीं  कुछ ने इसे हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया।

कार्यक्रम के अगले दिन यानी शनिवार 31 अक्टूबर को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी और प्रदेश प्रवक्ता पंकज तिवारी समेत कई नेता पहुंचे और FIR दर्ज कराई गई।

ऋषि द्विवेदी ने कहा कि शो का कंटेंट आपत्तिजनक था और हिंदू समाज को आपसी संघर्ष के लिए भड़काने वाला था।

आख़िर मनुस्मृति को लेकर अक्सर क्यों विवाद खड़ा हो जाता है?

मनुस्मृति में लिखी हुई बातें बीते कई सालों से विवादों की वजह बनी हैं। डॉ. आंबेडकर के मनुस्मृति जलाने के बाद देश भर में कई जगह इस किताब को जलाया गया। जिसके बाद देश और समाज पर मनुस्मृति के प्रभाव जैसे मुद्दों पर चर्चा शुरू हो गई। हालांकि माना जाता है कि महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले मनुस्मृति को चुनौती देने वाले पहले व्यक्ति थे।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक मनु द्वारा लिखित धार्मिक लेख मनुस्मृति में कुल 12 अध्याय हैं जिनमें 2684 श्लोक हैं। कुछ संस्करणों में श्लोकों की संख्या 2964 है। इसमें दलितों और महिलाओं के बारे में कई ऐसे श्लोक हैं जिनकी वजह से अक्सर विवादों का जन्म होता है।

इसके पहले अध्याय में प्रकृति के निर्माण, चार युगों, चार वर्णों, उनके पेशों, ब्राह्मणों की महानता जैसे विषय शामिल हैं। दूसरा अध्याय ब्रह्मचर्य और अपने मालिक की सेवा पर आधारित है।

तीसरे अध्याय में शादियों की किस्मों, विवाहों के रीति रिवाजों और श्राद्ध यानी पूर्वज़ों को याद करने का वर्णन है। चौथे अध्याय में गृहस्थ धर्म के कर्तव्य, खाने या न खाने के नियमों और 21 तरह के नरकों का ज़िक्र है।

पांचवें अध्याय में महिलाओं के कर्तव्यों, शुद्धता और अशुद्धता आदि का ज़िक्र है। छठे अध्याय में एक संत और सातवें अध्याय में एक राजा के कर्तव्यों का ज़िक्र है। आठवां अध्याय अपराध, न्याय, वचन और राजनीतिक मामलों आदि पर बात करता है। नौवें अध्याय में पैतृक संपत्ति, दसवें अध्याय में वर्णों के मिश्रण, ग्यारहवें अध्याय में पापकर्म और बारहवें अध्याय में तीन गुणों व वेदों की प्रशंसा है।

मनुस्मृति के पांचवें अध्याय के 148वें श्लोक में महिलाओं के बारे में लिखी बातें समाज में पितृसत्तात्मक सोच को बढ़ावा देती हैं। इसमें लिखा गया है कि एक लड़की हमेशा अपने पिता के संरक्षण में रहनी चाहिए, शादी के बाद पति उसका संरक्षक होना चाहिए, पति की मौत के बाद उसे अपने बच्चों की दया पर निर्भर रहना चाहिए, किसी भी स्थिति में एक महिला आज़ाद नहीं हो सकती।

ये किताब बताती है कि किसी भी स्थिति में ब्राह्मणों का सम्मान किया जाना चाहिए। किसी भी महिला का कल्याण तभी हो सकता है, जब एक पुरुष का कल्याण हो जाए। एक महिला को किसी तरह के धार्मिक अधिकार नहीं हैं। वह अपने पति की सेवा करके स्वर्ग प्राप्त कर सकती है। मनुस्मृति ने शूद्रों के शिक्षा पाने के अधिकार को खारिज कर दिया था।

बाबासाहेब क्या कहते थे मनुस्मृति के बारे में?

बाबासाहेब आंबेडकर अपनी किताब 'फ़िलॉसफ़ी ऑफ हिंदूइज़्म' में लिखते हैं, "मनु ने चार वर्ण व्यवस्था की वकालत की थी। मनु ने इन चार वर्णों को अलग-अलग रखने के बारे में बताकर जाति व्यवस्था की नींव रखी। हालांकि, ये नहीं कहा जा सकता है कि मनु ने जाति व्यवस्था की रचना की है। लेकिन उन्होंने इस व्यवस्था के बीज ज़रूर बोए थे।"

उन्होंने मनुस्मृति के विरोध को अपनी किताब 'कौन थे शूद्र' और 'जाति का अंत' में भी दर्ज कराया है। उस दौर में दलितों और महिलाओं को एक सामान्य ज़िंदगी जीने का अधिकार नहीं था। इसके साथ ही ब्राह्मणों के प्रभुत्व की वजह से जाति व्यवस्था का जन्म हुआ।

डॉ. आंबेडकर ने कहा है, "वर्ण व्यवस्था बनाकर सिर्फ कर्म को ही विभाजित नहीं किया गया बल्कि काम करने वालों को भी विभाजित कर दिया।"

गौरतलब है कि बाबा साहेब आंबेडकर ने मनुस्मृति को जलाकर इस देश को संविधान दिया। लेकिन आज भी कट्टर हिंदूवादी संगठनों और दक्षिणपंथी विचारधारा वाले लोगों पर अक्सर मनुवाद और मनुस्मृति को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं की भागीदारी को लकेर मनुस्मृति को कोट किया था। हिंदूवादी नेता संभाजी भिड़े ने तो मनु को संत तुकाराम और संत जनेश्वर से भी महान बताकर विवाद पैदा किया था।

भिड़े अपने कट्टर हिंदूवादी विचारों के लिए जाने जाते हैं और वह खुलकर मनुस्मृति का समर्थन करते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2014 के अपने भाषण में संभाजी भिड़े का समर्थन किया था और 2018 के फ़रवरी महीने में भिड़े के साथ एक तस्वीर ट्वीट की थी।

जनवरी 2018 में भीमा कोरेगांव हिंसा में भिड़े की कथित भूमिका सामने आई थी। जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ एक शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। हालांकि भिड़े के खिलाफ़ क्या कार्रवाई हुई, इससे कोई अंजान नहीं है।

Amitabh Bachchan
KBC-12
Kaun Banega Crorepati
Manusmriti
Bezwada Wilson
Dr. BR Ambedkar

Related Stories

भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत : नहीं रहे हमारे शहज़ादे सलीम, नहीं रहे दिलीप कुमार

औरतें उट्ठी नहीं तो ज़ुल्म बढ़ता जाएगा : वुमन मार्च फ़ॉर चेंज


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License