NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
संदीप चक्रवर्ती
10 May 2022
fishing
तस्वीर सिर्फ़ प्रतिनिधि उद्देश्य से उपयोग की गई है: द टेलीग्राफ़

कोलकाता: हाल में ऑल इंडिया फिशर्स एंड फिशरीज़ वर्कर्स फेडरेशन (AIFFWF) की राज्य इकाई का सम्मेलन हुआ। इसमें कहा गया, "केंद्र और राज्य सरकारों की नुकसानदेह नीतियों के चलते पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों और आंतरिक जल में मछली पालन का काम करने वालों मछुआरों के सामने विस्थापन का खतरा पैदा हो गया है।

यह भी कहा गया कि सत्ताधारी टीएमसी के गुंडे ताकत के दम पर मछुआरों के सहकारी संगठनों पर कब्जा कर रहे हैं और बड़ी कंपनियों को आंतरिक जल में मछली आखेटन के लिए बुला रहे हैं। नतीजतन 13.65 लाख की आबादी वाले मछुआरे समुदाय की आजीविका राज्य में खतरे में आ गई है।

AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली पालन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है। रिपोर्ट में यह भी दिखाया गया है कि कैसे टीएमसी के गुंडों ने जबरदस्ती विधाननगर क्षेत्र के छोटो परेश और बोरो परेश जैसी सहकारी समितियों पर कब्जा कर लिया।

रिपोर्ट कहती है कि वामपंथी सरकार के समय बनाए हर मछुआरों की सहकारी समितियों को टीएमसी ने राज्य सरकार की नीतियों की मदद से इन्हें बंद करवा दिया।

कुलमिलाकर उत्तर बंगाल की काजीपारा झील, जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी और कूच बिहार से ऐसी 1,217 समितियां, 200 कम्यून, 3600 पहाड़ी धारा मछुआरा इकाईयों, 131 समुदी मछुआरा इकाईयों, 41 खारे पानी की मछलियों की इकाईयां विस्थापित हो चुकी हैं।

AIFFWF के मुताबिक़, इन चीजों और राज्य में खराब होती कानून व्यवस्था के चलते  600 से ज्यादा मछुआरा सहकारी समितियां ठप पड़ी हुई हैं।

हिंगलगंज मछुआरा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले और AIFFWF की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव देवाशीष बर्मन ने कॉन्फ्रेंस के कार्यक्रम में न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "केंद्र सुंदरवन के पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। नीली क्रांति सिर्फ बड़े कॉरपोरेट संस्थानों के लिए है। हमें इससे कोई फायदा नहीं होगा।"

उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने ट्रॉलर का जो आकार तय किया है, वह बड़ी कंपनियों के लिए है। मौजूदा ट्रॉलर के आकार को 20 फीट किया जाना बेहद खर्च भरा है, जिसका भार छोटे मछुआरे नहीं उठा सकते।

बर्मन ने यह भी बताया कि छोटे मछुआरों की समुंदर में सीमा को 200 नॉटिकल मील से कम कर 20 नॉटिकल मील किया जाना भी देश में मत्स्य उद्योग को धीमा कर रहा है।

सम्मेलन में आसियान मुक्त व्यापार समझौते के बड़े इंडोनेशियाई ट्रालर्स को भारतीय समुद्र में आने की अनुमति देने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई, जो आधुनिक सोलर सर्चलाइट कर बड़ी मात्रा में मछलियों की खोज कर लेते हैं और उन्हें पकड़ने में कामयाब रहते हैं।

देश के अलग अलग राज्यों से पहुंचे 167 प्रतिनिधियों ने सांगठनिक मुद्दों और मछुआरों के सामने आने वाली समस्याओं पर बात रखी।

रिपोर्ट कहती है कि 2011 से पहले, पश्चिम बंगाल मत्स्य उत्पादन में शीर्ष पर था, लेकिन अब वहां सिर्फ़ 4,857 टन प्रतिदिन जा उत्पादन हो रहा है। जबकि रोज की खपत मांग ही 4,950 टन है। मांग को पूरा करने के लिए आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ से मछली आयात की जा रही है। 2005 में लेफ्ट सरकार ने नयाचर और कैप्टन भेरी क्षेत्र में तालाब की बड़ी मछलियों के उत्पादन की योजना बनाई थी। लेकिन बाद के सालों में इसे "लूट" लिया गया।

सम्मेलन में AIFFWF ने कहा कि  इसके अलावा केंद्र की नीली क्रांति परियोजना भी राज्य में समुद्री और आंतरिक जल मतस्य उत्पादन को कम कर रही है। नीली क्रांति मूल तौर पर समुद्री और आंतरिक जल स्रोतों में मछली पालन से होने वाले उत्पादन को बढ़ाने पर केन्द्रित है। सुंदरवन में 3 लाख मछली पालक हैं और डेढ़ लाख ऐसे रहवासी हैं, जो आजीविका के लिए मछली पालन से सहयोगी कार्यों पर निर्भर हैं।

सम्मेलन का उद्घाटन AIKS की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव अमाल हालदार ने किया। अपने भाषण में उन्होंने लोगों से राज्य और केंद्र सरकार की इस डिजाइन का विरोध करने के लिए कहा, "जो मछली पालने वालों के जल अधिकारों को छीनना चाहते हैं।" इसी तरह के विचारों का समर्थन करते हुए AIFFWF के अखिल भारतीय अध्यक्ष तुषार घोष ने प्रतिरोध की अहमियत पर जोर दिया।

सम्मेलन में मौजूद लोगों के सामने विचार करने के लिए कई प्रस्ताव रखे गए, जैसे: साम्राज्यवादी आक्रामकता के खिलाफ, लगातार बढ़ती मंहगाई के खिलाफ, देश में मछली पालकों का मजबूत आंदोलन बनाने के लिए, सुंदरवन की सुरक्षा और चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त राहत पहुंचाने के लिए, सांप्रदायिकता के खिलाफ, वैश्विक तापन के खिलाफ़ एक तेज अभियान के लिए और आंतरिक जल स्रोतों को दोबारा भरने के लिए प्रस्ताव पेश किए गए।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

Fisherfolk Face Eviction Threats in West Bengal, Says AIFFWF

West Bengal
AIFFWF
Fishers

Related Stories

पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल

बंगाल: बीरभूम के किसानों की ज़मीन हड़पने के ख़िलाफ़ साथ आया SKM, कहा- आजीविका छोड़ने के लिए मजबूर न किया जाए

पश्चिम बंगाल में मनरेगा का क्रियान्वयन खराब, केंद्र के रवैये पर भी सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उठाए सवाल

पश्चिम बंगाल: ईंट-भट्ठा उद्योग के बंद होने से संकट का सामना कर रहे एक लाख से ज़्यादा श्रमिक

पश्चिम बंगाल: पुरुलिया के लगभग 1.5 लाख बीड़ी मज़दूरों ने शुरू किया मेहनताना बढ़ाने के लिए आंदोलन

सीटू ने बंगाल में प्रवासी श्रमिकों की यूनियन बनाने की पहल की 

किसान आंदोलन की सफल राजनैतिक परिणति भारतीय लोकतंत्र की ऐतिहासिक ज़रूरत

वामपंथ, मीडिया उदासीनता और उभरता सोशल मीडिया

केरल, तमिलनाडु और बंगाल: चुनाव में केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल

बीच बहस: आह किसान! वाह किसान!


बाकी खबरें

  • राज वाल्मीकि
    फ़ासीवादी व्यवस्था से टक्कर लेतीं  अजय सिंह की कविताएं
    23 Apr 2022
    अजय सिंह हमारे समय के एक बेबाक और बेख़ौफ़ कवि हैं। शायद यही वजह है कि उनकी कविताएं इतनी सीधे सीधे और साफ़ साफ़ बोलती हैं। इन्हीं कविताओं का नया संग्रह आया है—“यह स्मृति को बचाने का वक़्त है”, जिसका…
  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    राजनीति की बर्बरता, मेवाणी 'अंदर', फ़ैज़ कविता बाहर
    23 Apr 2022
    देश के अलग-थलग हिस्सो मे अचानक बर्बरता का नंगा नाच क्यो होने लगा ? धर्म और राजनीति का ये कैसा चैहरा है ? इसके अलावा #HafteKiBaat मे मेवाणी की गिरफ्तारी और फ़ैज़ अहमद फैज की कविता को पाठ्यक्रम से…
  • जोए एलेक्जेंड्रा
    वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच एकता और उम्मीद की राह दिखाते ALBA मूवमेंट्स 
    23 Apr 2022
    सामाजिक आंदोलनों का यह महाद्वीपीय मंच मौजूदा स्थिति का विश्लेषण करने और अगले दौर को लेकर रणनीतियों को तय करने के लिए अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में अपनी तीसरी महाद्वीपीय सभा का आयोजन करने जा रहा है।
  • रूबी सरकार
    अमित शाह का शाही दौरा और आदिवासी मुद्दे
    23 Apr 2022
    भोपाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बुलाकर मेगा इवेंट किया गया। भोपाल एयरपोर्ट से लेकर भाजपा कार्यालय और जम्बूरी मैदान तक सुरक्षा, सजावट और स्वागत पर करीब 15 करोड़ खर्च किए गए। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    केरल: RSS और PFI की दुश्मनी के चलते पिछले 6 महीने में 5 लोगों ने गंवाई जान
    23 Apr 2022
    केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हत्याओं और राज्य में सामाजिक सौहार्द्र को खराब करने की कोशिशों की निंदा की है। उन्होंने जनता से उन ताकतों को "अलग-थलग करने की अपील की है, जिन्होंने सांप्रदायिक…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License