NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
अर्थव्यवस्था
गाड़ी कंपनियों ने लगाई उत्पादन पर रोक
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारतीय बाज़ार में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को पैसेंजर व्हीकल की डिमांड में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए कई बड़ी ऑटो कंपनियाँ जैसे मारुति सुज़ुकी, महिंद्रा और टाटा मोटर्स ने अपने पिछले उत्पादन के स्टॉक को ख़त्म करने के लिए फ़िलहाल अपने उत्पादन पर रोक लगा दी है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Jun 2019
Automobile

देश की बड़ी ऑटोमोबाईल कंपनियों ने अपने उत्पादन को कुछ दिनों के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि ऑटोमोबाइल कंपनियों को पैसेंजर व्हीकल की मांग में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए कई बड़ी ऑटो कंपनियाँ जैसे मारुति सुज़ुकी, महिंद्रा और टाटा मोटर्स ने अपने पिछले उत्पादन के स्टॉक को ख़त्म करने के लिए फ़िलहाल अपने उत्पादन पर रोक लगा दी है। कंपनियाँ पहले मौजूदा वाहनों को बेचना चाहती हैं उसके बाद नए वाहनों का उत्पादन किया जाएगा।

इससे कंपनियों को अपनी इन्वेंटरी ख़ाली करने में मदद मिलेगी, लेकिन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री अपने ग्रोथ टार्गेट पूरा नहीं कर पाएगी। 

गाड़ी की बिक्री में कमी का कारण

देश में बिक्री और मांग में कमी की ख़ास वजहों में से एक है नौकरी की धीमी गति, ईंधन की क़ीमतों में वृद्धि और इसके सबसे बड़ा कारण जीसटी का स्लैब सबसे ज़्यादा होना बताया जा रहा है। इसकी वजह से देश की कई बड़ी ऑटो कंपनियों के प्रोडक्शन में कमी आई है।

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारतीय बाज़ार में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को पैसेंजर व्हीकल की डिमांड में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। कारों की मांग में कमी पिछले 7 महीनों से आई है, जिससे कंपनी डीलरशिप के इन्वेंटरी में बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्टों के मुताबिक़, कंपनी की डीलरशिप में अब 5 बिलियन डॉलर (35,000 करोड़ रुपये) के अनसोल्ड कारों की इन्वेंटरी मौजूद है।

इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में ये भी बताया है कि ऑटो कंपनियों का उत्पादन बंद होने से मई-जून 2019 के दौरान इंडस्ट्री आउटपुट लगभग 20 प्रतिशत कम हो जाएगा. इससे कंपनी इन्वेंटरी में प्रेशर कम करने में मदद मिलेगी। ऐसे में बुरे दौर से गुज़र रहे डीलर्स को भी राहत मिलेगी. क्योंकि कंपनी डीलर्स को भी उनके स्टॉकयार्ड के अनसोल्ड व्हीकल्स के लिए जीएसटी का भुगतान करना होता है।

मारुति सुज़ुकी, महिंद्रा और टाटा मोटर्स ने मई के महीने में भी कई दिनों के लिए प्रोडक्शन बंद कर दिया था। कई और बड़ी कंपनियाँ जैसे होंडा, रेनो, निसान और स्कोडा ऑटो भी अपने प्रोडक्शन को 10 दिनों के लिए बंद करने की तैयारी में है। 

कंपनी अगर ज़्यादा दिन तक शटडाउन होती है तो कई लोगों की नौकरी जाने का भी ख़तरा हो सकता है। इस सेक्टर से भारी संख्या में कामगार जुड़े हुए हैं। वहीं, घरेलू यात्री कारों की बिक्री में कमी मई में भी देखने को मिली। इस दौरान 26.03 फ़ीसदी की गिरावट देखने को मिली। उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक़, कम मांग व उच्च इंटरेस्ट रेट के कारण इसकी ख़रीद पर असर पड़ा है। इस साल मई तक हर महीने यात्री व्हीकल मार्केट की सेल गिरी है।

सोसाइटी ऑफ़ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफ़ैक्चर्स (सियाम) के अनुसार, घरेलू बाज़ार में यात्री कारों की बिक्री मई 2018 के दौरान बेची गई 199,479 यूनिटों से घटकर 147,546 यूनिट रही।

automobile
automobile production
passenger vehicle
maruti suzuki
mahindra
tata motors

Related Stories

रोहतक : मारुति सुज़ुकी के केंद्र में लगी आग, दो कर्मियों की मौत

हरियाणा के मानेसर में प्रवासी मजदूर संकट में 

भारत की असमान आर्थिक हालत : दिवाली पर सोने की ख़रीदारी में गिरावट और 600 मर्सिडीज़ की होम डिलीवरी

आर्थिक मंदी की आड़ में श्रमिकों के खिलाफ साज़िश!

क्या कंपनियां सरकारी छूट का फ़ायदा आम उपभोक्ता को भी देंगी?

अधमरी अर्थव्यवस्था : मंदी की मार झेल रहे श्रमिकों में आक्रोश!

ओला उबर सेवाओं का इस्तेमाल आर्थिक मंदी की वजह नहीं - मारुती सुजुकी

ऑटोमोबाइल सेक्टर की मंदी को सरकार क्यों नकार रही है?

तार-तार Economy, ज़ार-ज़ार बचपन  

ख़ास रिपोर्ट : ऑटो मोबाइल सेक्टर की मंदी के लिए कौन ज़िम्मेदार?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License