NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
गंगा के साथ प्रो. जीडी के पार्थिव शरीर के लिए भी जंग जारी
प्रो. जीडी अग्रवाल का शरीर अंतिम दर्शन और संस्कार के लिए हरिद्वार के मातृ सदन आश्रम में लाया जाए या नहीं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ शुक्रवार को इस पर अपना फैसला सुनाएगी।
वर्षा सिंह
01 Nov 2018
PROF. GD AGARWAL दिवंगत प्रो. जी डी अग्रवाल

प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने गंगा पर जितनी जंग लड़ी, अब उतनी ही जंग उनके पार्थिव शरीर को लेकर भी चल रही है। संभव है कि शुक्रवार 2 नवंबर को इस पर फैसला हो सके कि स्वामी सानंद का शरीर अंतिम दर्शन और संस्कार के लिए हरिद्वार के मातृ सदन आश्रम में लाया जाए या नहीं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ शुक्रवार को इस पर अपना फैसला सुनाएगी।

अदालत के फैसले का इंतज़ार

डॉ. विजय वर्मा की पीआईएल पर नैनीताल हाईकोर्ट ने 26 अक्टूबर को स्वामी सानंद का शरीर हरिद्वार मातृ सदन लाने और अंतिम संस्कार किये जाने का फैसला सुनाया था। उसी शाम एम्स ऋषिकेश की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया। इसके बाद डॉ. वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिस पर शीर्ष अदालत ने एम्स ऋषिकेश को कहा कि उन्होंने अभी तक एचएलपी फाइल नहीं की है। सुनवाई की अगली तारीख शुक्रवार, 2 नवंबर तय की गई है। तब तक उनका शरीर ऋषिकेश स्थित एम्स में ही रहेगा।

स्वामी सानंद की तपस्या की राह पर ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद

स्वामी सानंद ने गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए अपना जीवन त्याग दिया। हरिद्वार का मातृ सदन आश्रम उनके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहता। मातृ सदन में गंगा की लड़ाई जारी है। स्वामी सानंद के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए 24 अक्टूबर 2018 से ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद अनशन पर बैठ गये हैं। उन्होंने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सारी जानकारी दी है। हालांकि जब स्वामी सानंद को उनके किसी पत्र का जवाब नहीं मिला तो ब्रह्मचारी आत्मबोधा नंद जी को उनके पत्र का जवाब मिलेगा, ये सवाल पूछने की शायद जरूरत नहीं।

क्या तपस्या से हल होगी गंगा की समस्या?

गंगा में अवैध खनन रोकने और अविरल-निर्मल गंगा की मांग को लेकर मातृ सदन के स्वामी निगमानंद की भी मौत हो चुकी है। स्वामी  सानंद यानी प्रो. जीडी अग्रवाल की मौत ने सबको अचंभे में डाल दिया। अब ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को अनशन करते हुए आठ दिन हो रहे हैं।

क्या इस तरीके से गंगा को लेकर अपनी मांगें मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा सकता है?

इसका जवाब मातृ सदन के ब्रह्मचारी दयानंद देते हैं। उनका कहना है कि साधु-संन्यासी तपस्या के माध्यम से अपने लक्ष्य की पूर्ति करते हैं। इसीलिए मातृ सदन में अनशन के रूप में तपस्या का ये सिलसिला चल रहा है। ब्रह्मचारी दयानंद कहते हैं कि वे तोड़-फोड़, नारेबाज़ी नहीं कर सकते लेकिन अनशन कर अपने प्राणों का बलिदान दे सकते हैं। साधु-संन्यासियों का यही तरीका है।

स्वामी सानंद की हत्या हुई?

मातृ सदन इस बात को बार-बार दुहरा रहा है कि स्वामी सानंद के प्राण अनशन करते हुए नहीं गए, ऋषिकेश एम्स में डॉक्टरों की मौजूदगी में कैसे चले गए? इससे भी बड़ी बात ये कि स्वामी सानंद मौत से ठीक पहले एक वीडियो रिकॉर्ड करवा रहे थे। ब्रह्मचारी दयानंद कहते हैं कि मौत से ठीक पहले वे गडकरी के बयान के खंडन का वीडियो बनवा रहे थे। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि स्वामी सानंद की अस्सी फीसदी मांगें मान ली गई हैं, इसी बयान के विरोध में स्वामी सानंद वीडियो संदेश रिकॉर्ड करवा रहे थे कि तभी एम्स के डॉक्टर वहां आ गए और कहा कि ऊपर से आदेश आया है कि स्वामी सानंद की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है, इसलिए उन्हें दिल्ली एम्स रेफर किया गया है। इसके थोड़ी ही देर बात स्वामी सानंद की मौत की ख़बर आई। ब्रह्मचारी दयानंद आरोप लगाते हैं कि वो मरने वाले नहीं थे, एम्स के डॉक्टरों ने उनकी हत्या की है।

सुनिए स्वामी सानंद का आखिरी वीडियो (स्रोत : यूट्यूब)

मातृ सदन आश्रम चाहता है कि उन्हें स्वामी सानंद का शरीर मिल जाए ताकि वे अंतिम दर्शन और संस्कार कर सकें। जबकि ऋषिकेश एम्स का कहना है कि मौत से पूर्व उन्होंने अपना शरीर संस्थान को दान कर दिया था। उनका शरीर बर्फ़ में सुरक्षित रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट में एम्स के डॉक्टरों ने कहा कि यदि वे अंतिम दर्शन के लिए शरीर देते हैं तो अंग प्रत्यारोपण संभव नहीं पाएगा। जबकि मातृसदन कहता है कि मौत के पंद्रह दिन से अधिक बीत चुके हैं, एम्स के डॉक्टर गुमराह कर रहे हैं।

स्वामी सानंद का शरीर और गंगा को उसके पुराने स्वरूप में लौटाने की कोशिश, मातृसदन इन दोनों मोर्चों पर अपनी तरीके से लड़ रहा है। और गंगा को कम से कम उसके न्यूनतम प्रवाह में बहते देखने की इच्छा तो पूरे देश को है।

professor g d agarwal
SWAMI SANAND
MATRSADAN
ganga bachao aandolan
national mission for clean ganga
Uttrakhand
Supreme Court

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

बच्चों को कौन बता रहा है दलित और सवर्ण में अंतर?


बाकी खबरें

  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : अधूरी रही मुस्लिम पक्ष की जिरह, अगली सुनवाई 4 जुलाई को
    30 May 2022
    अदालत में मामले की सुनवाई करने के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह आज भी जारी रही और उसके मुकम्मल होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया, जिसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को…
  • चमन लाल
    एक किताब जो फिदेल कास्त्रो की ज़ुबानी उनकी शानदार कहानी बयां करती है
    30 May 2022
    यद्यपि यह पुस्तक धर्म के मुद्दे पर केंद्रित है, पर वास्तव में यह कास्त्रो के जीवन और क्यूबा-क्रांति की कहानी बयां करती है।
  • भाषा
    श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल
    30 May 2022
    पेश की गईं याचिकाओं में विवादित परिसर में मौजूद कथित साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को समाप्त करने के लिए अदालत द्वारा कमिश्नर नियुक्त किए जाने तथा जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बेंगलुरु में किसान नेता राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी गयी
    30 May 2022
    टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस इसके लिये जिम्मेदार है और राज्य सरकार की मिलीभगत से यह हुआ है।’’
  • समृद्धि साकुनिया
    कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 
    30 May 2022
    पिछले सात वर्षों में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित आवास में से केवल 17% का ही निर्माण पूरा किया जा सका है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License