NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
गोडसे को राष्ट्रवादी बताने के पीछे भाजपाईयों की मंशा क्या है?
प्रज्ञा ठाकुर के बाद मध्य प्रदेश की भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को कथित तौर पर राष्ट्रवादी बताया है। 
अमित सिंह
30 May 2019
फाइल फोटो
Image Courtesy: NBT

गांधी की हत्या पूरी मानवता पर एक दाग है। इसके बावजूद एक खास राजनीतिक खेमे के लोग बार-बार गांधी के हत्यारे को अवतार बताने चले आ रहे हैं। ऐसा तब है जब उस खेमे के मुखिया और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ऐसे ही एक नेता को कड़ी फटकार लगाई है। 

गोडसे को राष्ट्रवादी बताने की कोशिश पहली बार नहीं हो रही है। इसकी एक लंबी सूची है। सबसे ताजा महू से भाजपा की विधायक उषा ठाकुर ने नाथूराम गोडसे को राष्ट्रवादी कहा है। वह भाजपा की प्रदेश इकाई की उपाध्यक्ष भी हैं। 

इससे पहले भोपाल से बीजेपी सांसद और 2008 के मालेगांव  बम धमाकों की एक आरोपी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि 'नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे। उन्हें हिंदू आतंकवादी बताने वाले अपने गिरेबान में झांककर देखें।'

इस बयान पर अनंत कुमार हेगड़े ने पहले ट्वीट किया था कि गोडसे के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है और माफी मांगने की जरूरत नहीं है। हालांकि बाद में उन्होंने ट्विटर अकाउंट हैक होने की बात करके माफी मांग ली थी। 

वहीं, कर्नाटक बीजेपी के नेता नलिन कुमार कतील ने गोडसे की तुलना राजीव गांधी से कर दी। नलिन ने कहा, 'गोडसे ने एक को मारा, कसाब ने 72 को मारा, राजीव गांधी ने 17 हजार को मारा। अब आप खुद तय कर लो कि कौन ज्यादा क्रूर है।'

इन सबसे पहले 2014 में बीजेपी के सांसद साक्षी महाराज ने महाराष्ट्र के एक कार्यक्रम में कहा था कि गोडसे राष्ट्रवादी था। 

हालांकि पार्टी ने इन सारे बयानों से खुद को अलग कर लिया है। लेकिन इनमें से किसी पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है। साक्षी महाराज एक बार फिर से जीतकर सांसद बन गए हैं। तो प्रज्ञा ठाकुर भी भोपाल सीट से लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं। 

मजेदार बात यह है कि प्रज्ञा ठाकुर के बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दोनों नाराज नजर आए थे। प्रज्ञा के बयान पर नाराजगी जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'गांधी जी या गोडसे के बारे में जो भी बात की गई है या जो भी बयान दिए गए हैं, ये भयंकर खराब हैं। हर प्रकार से घृणा के लायक हैं। आलोचना के लायक हैं, सभ्य समाज के अंदर इस तरह की भाषा नहीं चलती है। इस प्रकार की सोच नहीं चल सकती। इसलिए ऐसा करने वालों को सौ बार आगे सोचना पड़ेगा। दूसरा, उन्होंने माफी मांग ली ये अलग बात है। लेकिन मैं अपने मन से कभी माफ़ नहीं कर पाऊंगा।'

तो वहीं, बीजेपी नेताओं के बयानों से भड़के पार्टी चीफ अमित शाह ने कहा कि इन नेताओं के ये बयान उनके निजी बयान हैं और पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। शाह ने तीनों बयानों को अनुशासन समिति को भेजने की बात कही है। अनुशासन कमेटी  सभी नेताओं से जवाब मांगेगी और 10 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी। 

हालांकि पहले के तीन नेताओं के बयान दिए हुए 10 दिन से ज्यादा बीत चुके हैं लेकिन उन पर किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है, इसकी कोई खबर नहीं है। इस पर एक नए नेता का बयान गोडसे को राष्ट्रवादी साबित करता हुआ सबके सामने आ गया है।

सवाल ये है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शपथ ग्रहण से पहले राजघाट जाकर गांधी को नमन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ उन्हीं के पार्टी के नेता ऐसा बयान देकर क्या साबित करना चाह रहे हैं? क्या उन्हें गांधी की हत्या को जायज ठहराने की जल्दी है? क्या भाजपाई नेताओं की जड़ें जिस विचारधारा से जुड़ी हैं उसमें कोई कन्फ्यूजन है? क्या भाजपा ने नेता हत्या की सनक को राष्ट्रभक्ति में बदल देना चाहते हैं?

अगर ऐसा नहीं है तो शायद भाजपा के शीर्ष नेताओं को इन पर लगाम लगाने की जरूरत है। इस बात को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। बीजेपी को गांधी को लेकर अपने विचार अपनी पार्टी के नेताओं को बेहतर ढंग से समझाने की जरूरत है। सत्ता में आने के बाद तो गांधी को लेकर कम से कम भगवा पार्टी से दोतरफा व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती है।

वैसे गांधी के हत्यारे को राष्ट्रवादी बताने वाले यह भूल जा रहे हैं कि उनकी खुद की विचारधारा कितनी कमजोर है और यह गांधी की ताकत ही है कि उनके नेता मोदी को बार-बार गांधी के साथ दिखाई देना पड़ रहा है। उनकी तस्वीर को प्रधानमंत्री को अपने दफ्तर में रखनी पड़ती है। 

BJP
usha thakur
Nathuram Godse
Narendra modi
Amit Shah
pragya thakur
Mahatma Gandhi

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License