NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
गुजरात चुनावों में क्यों हो रही है पाकिस्तान की बात ?
क्या बीजेपी को ये डर है कि वह अपने गढ़ गुजरात में चुनाव हार सकती है ? 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
11 Dec 2017
gujrat elections
courtesy : indian express

गुजरात चुनाव के पहले दौर के बाद, लग रहा है कि बीजेपी अपने पुराने अजेंडे हिंदुत्व पर वापस आती दिख रही है . वैसे तो बीजेपी का पूरा इतिहास ही सांप्रदायिक बयानों से भरा हुआ है,पर उनके नेता पाकिस्तान कार्ड अक्सर तभी इस्तेमाल किया करते हैं जब चुनाव सर पर हों . इस बार का बयान बीजेपी के किसी छोटे नेता के द्वारा नहीं दिया गया,बल्कि गुजरात चुनावों में पाकिस्तान का मुद्दा लाने वाले खुद प्रधानमंत्री हैं .कल नरेन्द्र मोदी ने एक सभा में कहा कि कांग्रेस और पाकिस्तान मिलकर गुजरात चुनावों को निर्धारित करने की कोशिश कर रहे हैं .

प्रधानमंत्री ने गुजरात के पालमपुर में अपने बयान में कहा “जहाँ एक तरफ पाकिस्तान में अहमद पटेल को मुख्यमंत्री बनाने पर चर्चा चल रही है , वहीँ पाकिस्तान के हाई कमिशनर, उनके विदेश मंत्री ,पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उप राष्ट्रपति अंसारी जी मणिशंकर अय्यर के घर मिले’’ मोदी ने कहा कि इसी मीटिंग के बाद मणिशंकर अय्यर ने उन्हें “नीच” कहा था .

आगे उन्होंने कहा “ये एक बहुत गंभीर मसला है. हमने पाकिस्तान की वजह से कितना कुछ सहा है और आप इस तरह गुप्त तरीके से उसने मिल रहे हैं ? आपको एक सरकारी अधिकारी को उस मीटिंग में शामिल करना चाहिए था और सरकार को बताना चाहिए था कि मीटिंग में क्या हुआ’’.

मोदी यहाँ साफ़ तौर पर ये इशारा कर रहे हैं कि कांग्रेस और पाकिस्तानी अधिकारी मिलकर बीजेपी के खिलाफ कुछ योजना बना रहे हैं.

याद करने वाली बात ये है कि जहाँ एक तरफ़ प्रधानमंत्री चुनावों से पहले पाकिस्तान पर निशाना साधते रहे हैं वहीँ दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रति उनका रवैया अजीब सा रहा है . प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद 25 दिसंबर 2015 को मोदी , पाकिस्तान के उस समय के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की बेटी की शादी में बिना बताये चले गए . इससे न सिर्फ पाकिस्तान के अधिकारी बल्कि भारतीय भी हैरान हो गए थे . इस मुलाकात के तुरंत बाद 2 जनवरी 2016 को  पठानकोट के एयर बेस पर पाकिस्तान के आतंकियों ने हमला किया था .इस मुलाकात के आलावा भी प्रधानमंत्री कई बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मिल चुके हैं .

पाकिस्तान पर हालिया बयान से पहले 2015 के बिहार चुनावों से पहले दौर के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी इसी तरह का बयान देते हुए कहा था कि “गलती से भी अगर बिहार में भारतीय जनता पार्टी हार गयी , तो पटाखे पाकिस्तान में चलेंगे ’’. इतिहास के कुछ पन्ने पलटें जाएँ तो 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद मोदी जो उस समय गुजरात के मुख्य मंत्री थे, ने कहा था कि इसमें पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का हाथ है ,जिसका बाद में कोई सबूत नहीं मिला था. 2002 में ही गुजरात के भयानक दंगों के बाद बीजेपी ने गुजरात भर में गौरव यात्रा की थी , जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के प्रधान मंत्री को “मियां मुशर्रफ’’ कहते हुए कहा कि “हिन्दू आतंकवादी नहीं हो सकता लेकिन अगर कभी उसे इस रास्ते पर आना पड़ गया तो  दुनिया के नक़्शे पर पाकिस्तान का नाम नहीं रहेगा’’. ये याद रखना होगा कि ये बयान उस समय आया था जब गुजरात के मुस्लिम विरोधी दंगों का घाव ताज़ा था और गुजरात चुनाव होने ही वाले थे . 26 मार्च 2014 को लोक सभा चुनावों से पहले भी नरेद्र मोदी ने  अरविंद केजरीवाल को पाकिस्तान का एजेंट बताया था  .

इस बात में कोई शक नहीं कि चुनावों से पहले बीजेपी अक्सर साम्प्रदायिकता का सहारा लेती है , पर प्रधानमंत्री का इस तरह के बयान देना कई सवाल खड़े कर रहा है . क्या प्रधान मंत्री को तथाकथित “ गुजरत मॉडल”  के विकास पर भरोसा नहीं  ? क्या बिहार की तरह यहाँ भी पाकिस्तान की बात इसीलिए हो रही है कि बीजेपी को हारने का डर है ? क्या बीजेपी को ये डर है कि वह अपने गढ़ गुजरात में चुनाव हार सकती है ? 

gujrat election 2017
BJP
Narendra modi
Congress
Pakistan

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License