NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
गुजरात हाई कोर्ट ने नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में 32 में से 18 आरोपियों को बरी किया
निचली अदालत ने अपने निर्णय में कहा था कि बीजेपी की MLA माया कोदनानी ने इस मामले में मुख्य भूमिका निभाई थी I
विवान एबन
20 Apr 2018
maya kodnani

एक चौंका देने वाले घटनाक्रम में गुजरात हाई कोर्ट ने, नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में 18 लोगों जिनमें बीजेपी की विधायक माया कोडनानी भी शामिल हैं, को बरी कर दिया है | कोर्ट ने इस मामले में बाकी के 13 लोगों की सज़ा  को कायम रखा है | इससे पहले निचली अदालत ने इस मामले में 61 आरोपियों में से 32 लोगों सज़ा सुनाई थी और इस आदेश में कहा गया था कि इस दंगे में माया कोडनानी  ने  एक मुख्य भूमिका निभाई थी |

27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस पर हमला हुआ था , जिसमें 59 कारसेवकों की जलकर मौत हुई थी | इसके बाद हिंदूवादी संगठनों ने अगले दिन गुजरात बंद का एलान किया था | अगले दिन गुजरात भर में लोग संगठित होने लगे थे | अहमदाबाद में 1500 लोगों की भीड़ नरोदा गाँव में इक्कठे हो गयी | रिपोर्टों के मुताबिक माया कोडनानी  और विश्व हिन्दू परिषद् के नेता जयदीप पटेल ने वहाँ भड़काऊ भाषण दिए और लोगों को बदला लेने के लिए भड़काया | उनके वहाँ से जाने के बाद भीड़ ने वहाँ कत्लेआम मचा दिया - लोगों के क़त्ल किये गए , रेप हुए और आगज़नी भी हुई | नरोदा ग्राम में मस्ज़िद को भी जलाया गया | इसके बाद इस भीड़ ने नरोदा पाटिया की ओर रुख किया और यहाँ भीड़ ने 97 लोगों को क़त्ल कर दिया |

.सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनायी गयी SIT की रिपोर्ट को दाखिल  किये जाने के बाद  61 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गयी , जिनमें से 32 लोगों को सज़ा सुनाई गयी और 29 लोगों को रिहा कर दिया गया | इसके बाद 11 अपीलों को हाई में कोर्ट में दायर किया गया | हाई कोर्ट ने जून 2017 तक फैसला सुनाने की बात की थी | कोर्ट ने नरोदा पाटिया के इलाके में जाने का निर्णय भी लिया था जहाँ ये नरसंहार हुआ | कोर्ट ने मीडिया को भी उनके वहाँ जाने को प्रचारित करने से मना किया था उनका कहना था इसे कोर्ट की अवेहलना माना जायेगा |

साबरमती एक्सप्रेस पर हमले के बाद हुए गुजरात दंगों के अन्य मामलों की सूची नीचे दी गयी है |

1.गोधरा कांड 

27 फरवरी 2002 को अयोध्या से  वापस अहमदाबाद आ रही साबरमति एक्सप्रेस में भीड़ द्वारा आग लगायी गयी इनमें 59 लोगों की मौत हुई |आरोपी बनाये गए 94 लोगों में से 11 लोगों को मौत की सज़ा मिली , 20 को उम्र कैद हुई और 63 को बरी कर दिया गया |

 2.दीपदा दरवाज़ा

 28 फरवरी 2002 को विसनगर में 11 लोगों जिनमें 4 बच्चे और एक 65 साल की महिला को एक भीड़ ने क़त्ल कर दिया | निचली अदालत ने इस मामले में 22 लोगों को उमर कैद की सज़ा सुनाई , इनमें से एक की मौत मुकदमे के दौरान हो हो गई थी |

3. गुलबर्ग सोसाइटी 

28 फरवरी 2002 को चम्पापुरा की गुलबर्ग सोसाइटी 35 लोगों जिनमें कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी शामिल थे , को ज़िन्दा जला दिया गया , इसमें 31 लोगों की मौत हो गयी थी | निचली अदालत में 11 लोगों को उम्र कैद की सज़ा दी 12 को 7 साल की सज़ा मिली , 1 को 10 साल की सज़ा हुई | जबकि 36 लोगों को बरी कर दिया गया |

 4. नरोदा गाम

 28 फरवरी 2002 को 1500 लोगों की एक भीड़ गुजरात बंद कराने पहुँची | रिपोर्टों के मुताबिक विधायक माया कोडनानी  और VHP के जयदीप पटेल ने वहाँ भड़काऊ भाषण दिए | 6 लोगों को जिंदा जला दिया गया और 1 मस्जिद को भी जला दिया गया |  86 आरोपियों में से 4 लोग मुकदमें के दौरान मर गए | बाकी सभी बेल पर बाहर हैं |

5 .नरोदा पाटिया 

28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के इस इलाके में 5000 लोगों की भीड़ ने 97 लोगों को कत्ल कर दिया | गुजरात सरकार पर इस मामले में ढिलाई बरतने और भीड़ को भड़काने के आरोप हैं | 61 आरोपियों में से 32 को निचली अदालत ने सज़ा सुनाई और 29 को बरी कर दिया | गुजरात हाई कोर्ट ने 18 लोगों जिनमें माया कोडनानी  शामिल है को बरी कर दिया है |

6. बेस्ट बेकरी 

1 मार्च 2002 को एक भीड़ वड़ोदरा के बेस्ट बेकरी के बाहर इकट्ठा हुई और उन्होंने उसे जला दिया इस घटना में 14 लोगों की मौत हुई |निचली अदालत में 17 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिनमें से 9 को सज़ा हुई | बोम्बे हाई कोर्ट ने बाद में इनमें से 5 लोगों को बरी कर दिया |

7.सरदार पूरा 

1 मार्च 2002 को मेहसाना में 33 लोगों को जिंदा जला दिया गया |फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में 31 लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई गयी और 42 लोगों को बरी कर दिया गया | हाई कोर्ट में उनकी अपील अभी अटकी हुई है |

8.ओड गाँव

1 मार्च  2002 को आणंदशहर  में 23 लोगों को एक भीड़ ने क़त्ल कर दिया | निचली अदालत ने 18 लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई, 5 लोगों को 7 साल की सज़ा सुनाई और 23 लोगों को बरी कर दिया |

 9. इरल 

1 मार्च 2002 को 100 लोगों की एक भीड़ ने पाँचमहल ज़िले के एक गाँव में 7 लोगों पर हमला किया जिसमें 5 लोगों को कत्ल कर दिया गया दो महिला का रेप किया गया और फिर उन्हें क़त्ल कर दिया गया |निचली अदालत ने 8 लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई और 3 लोगों को भी जेल भेजा गया |

10.बिलकिस बानो 

 3 मार्च 2002 को 19 साल की बिलकिस बानो अपने परिवार के साथ 2002 के गुजरात दंगों की हिंसा से बचने के लिए भागने का प्रयास कर रही थी | उनके ट्रक को भीड़ द्वारा रोका गया | भीड़ ने उनका सामूहिक बलात्कार किया और उनके परिवार के 14 लोगों को क़त्ल कर दिया गया , इसमें उनकी बेटी उनकी माँ और उनकी आंटी शामिल थी | जब तक उन्होंने NHRC में अपनी याचिका दायर नहीं की थी पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज़ नहीं की थी | 19 में से 11 लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई गयी | बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी की सज़ा को बरक़रार रखा |

11.अवधूत नगर 

 स्थानीय मुस्लिम इलाके से भाग गए थे | 17 मार्च 2002 को वे पुलिस सुरक्षा के साथ अपनी चीज़ें वापस लेने आये | रात को जब वह अपनी चीज़े ले रहे थे 5000 लोगों की भीड़ ने उनपर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए | दो युवक ,जिन्होंने मोटर साइकिल पर भागने की कोशिश की , को क़त्ल कर दिया |निचली अदालत ने पुलिस को उनकी सुरक्षा न करने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया | कोर्ट ने सभी 108 लोगों को बरी कर दिया |

12.दनिलिम्दा

2002 अप्रैल को एक भीड़ ने दंगा किया और 2 लोगों को क़त्ल कर दिया |9 लोगों को सज़ा सुनाई गयी और 25 को बरी कर दिया गया |

 

maya kodnani
2002 Gujrat riots
Modi
naroda

Related Stories

मोदी का ‘सिख प्रेम’, मुसलमानों के ख़िलाफ़ सिखों को उपयोग करने का पुराना एजेंडा है!

कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 

टीकाकरण फ़र्जीवाड़ाः अब यूपी-झारखंड के सीएम को भी बिहार में लगाया गया टीका

कृषि क़ानूनों के वापस होने की यात्रा और MSP की लड़ाई

चुनावी मौसम में नये एक्सप्रेस-वे पर मिराज-सुखोई-जगुआर

महामारी का दर्द: साल 2020 में दिहाड़ी मज़दूरों ने  की सबसे ज़्यादा आत्महत्या

अबकी बार, मोदी जी के लिए ताली-थाली बजा मेरे यार!

नौकरी छोड़ चुके सरकारी अधिकारी का कुछ लिखने से पहले सरकार की मंज़ूरी लेना कितना जायज़?

फिर अलापा जा रहा है 'एक देश-एक चुनाव’ का बेसुरा राग

बिहार के चुनावी मैदान में राहुल और मोदी


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License