NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सरकार को जस्टिस मुरलीधर का तबादला आदेश जारी करते हुए सावधानी बरतनी चाहिए थी : पूर्व सीजेआई 
‘‘जब देश में हालात इतने खराब और मीडिया तथा अन्य लोग सक्रिय हैं तो सरकार को आधी रात को ऐसे तबादले के आदेश जारी करते हुए थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए थी क्योंकि इसका लोगों द्वारा कुछ और मतलब निकाले जाने की संभावना है। लोग इसे अलग तरीके से समझ सकते हैं।’’
भाषा
29 Feb 2020
जस्टिस मुरलीधर
Image courtesy: Outlook India

दिल्ली : पूर्व प्रधान न्यायाधीश के. जी. बालकृष्णन ने कहा है कि सरकार को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस मुरलीधर को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में तबादला करने का ‘‘आधी रात’’ को आदेश जारी करते हुए ‘‘थोड़ी सावधानी’’ बरतनी चाहिए थी।

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने 26 फरवरी को तबादले का आदेश जारी किया। उसी दिन न्यायमूर्ति मुरलीधर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कथित घृणा भाषण देने के लिए तीन भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में दिल्ली पुलिस की नाकामी को लेकर ‘‘नाराजगी’’ जाहिर की थी। सरकार ने कहा कि तबादले का किसी मामले से कुछ लेना-देना नहीं है क्योंकि इस संबंध में उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने पहले ही सिफारिश कर दी थी और न्यायाधीश ने भी अपनी सहमति दी थी।

न्यायमूर्ति बालकृष्णन ने शुक्रवार को फोन पर पीटीआई-भाषा से कहा कि यह महज संयोग है कि अंतिम तबादले की अधिसूचना उस दिन जारी की गई जब उन्होंने घृणा भाषणों पर आदेश दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं मालूम कि कौन सी तारीख को कॉलेजियम के समक्ष तबादले का मुद्दा आया।’’

पूर्व सीजेआई ने कहा कि न्यायमूर्ति मुरलीधर के तबादले का दिल्ली हिंसा मामले पर सुनवाई करते हुए उनकी टिप्पणियों से कुछ लेना-देना नहीं है।

न्यायमूर्ति बालकृष्णन ने कहा, ‘‘जब देश में हालात इतने खराब और मीडिया तथा अन्य लोग सक्रिय हैं तो सरकार को आधी रात को ऐसे तबादले के आदेश जारी करते हुए थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए थी क्योंकि इसका लोगों द्वारा कुछ और मतलब निकाले जाने की संभावना है। लोग इसे अलग तरीके से समझ सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि न्यायमूर्ति मुरलीधर को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अगले दिन से ही पद संभालने को कहा गया होगा।

न्यायमूर्ति बालकृष्णन ने कहा कि आमतौर पर जब ऐसे तबादले का आदेश दिया जाता है तो पद संभालने का समय सात दिन से कम नहीं दिया जाता ताकि जिस न्यायाधीश का तबादला किया गया है वह नयी तैनाती के लिए अपने आप को तैयार कर सकें।

एनजीओ ‘द कैम्पेन फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटैबिलिटी एंड रिफॉर्म्स’ (सीजेएआर) ने बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति मुरलीधर के तबादले की निंदा करते हुए दावा किया कि एक ‘‘ईमानदार और साहसी’’ न्यायिक अधिकारी को सजा देने के लिए यह कदम उठाया गया।

सरकार की अधिसूचना में कहा गया कि राष्ट्रपति ने भारत के प्रधान न्यायाधीश से परामर्श करने के बाद यह फैसला लिया। इसमें यह नहीं बताया गया कि न्यायमूर्ति मुरलीधर को कब से नयी जिम्मेदारी संभालनी है।

केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि न्यायमूर्ति मुरलीधर का तबादला उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम की सिफारिश पर किया गया। उन्होंने कहा कि इसमें तय प्रक्रिया का पालन किया गया।

Justice Murlidhar
Justice Muralidhar Transfer
Justice Gogoi
Ravi Sastri

Related Stories

जस्टिस मुरलीधर के तबादले पर अंतरराष्ट्रीय बार निकाय ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा

कहाँ हैं दिल्ली हिंसा की जड़ें?

दिल्ली हिंसा : अदालत ने पुलिस से पीड़ितों के पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट मांगी

दिल्ली हिंसा, पुलिस का रोल और जज का तबादला : क्या अब भी कोई भ्रम बाक़ी है

जलती हुई दिल्ली ने फिर दिला दी 1984 की दहशत की याद

 ‘सबक़’ सिखाते हुए न्यायपालिका को संदेश है जस्टिस मुरलीधर का तबादला

कई सवालों के जवाब अभी मिलने बाक़ी हैं, गुलाबी गेंद पर बोले शास्त्री

कोलोजियम चिंतित है


बाकी खबरें

  • कुशाल चौधरी, गोविंद शर्मा
    बिहार: रोटी-कपड़ा और ‘मिट्टी’ के लिए संघर्ष करते गया के कुम्हार-मज़दूर
    21 May 2022
    गर्मी के मौसम में मिट्टी के कुल्हड़ और मिट्टी के घड़ों/बर्तनों की मांग बढ़ जाती है, लेकिन इससे ज्यादा रोज़गार पैदा नहीं होता है। सामान्य तौर पर, अधिकांश कुम्हार इस कला को छोड़ रहे हैं और सदियों पुरानी…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में ओमिक्रॉन के स्ट्रेन BA.4 का पहला मामला सामने आया 
    21 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,323 नए मामले सामने आए हैं | देश में अब कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 31 लाख 34 हज़ार 145 हो गयी है। 
  • विनीत तिवारी
    प्रेम, सद्भाव और इंसानियत के साथ लोगों में ग़लत के ख़िलाफ़ ग़ुस्से की चेतना भरना भी ज़रूरी 
    21 May 2022
    "ढाई आखर प्रेम के"—आज़ादी के 75वें वर्ष में इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा के बहाने कुछ ज़रूरी बातें   
  • लाल बहादुर सिंह
    किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है
    21 May 2022
    इस पूरे दौर में मोदी सरकार के नीतिगत बचकानेपन तथा शेखचिल्ली रवैये के कारण जहाँ दुनिया में जग हंसाई हुई और एक जिम्मेदार राष्ट्र व नेता की छवि पर बट्टा लगा, वहीं गरीबों की मुश्किलें भी बढ़ गईं तथा…
  • अजय गुदावर्ती
    कांग्रेस का संकट लोगों से जुड़ाव का नुक़सान भर नहीं, संगठनात्मक भी है
    21 May 2022
    कांग्रेस पार्टी ख़ुद को भाजपा के वास्तविक विकल्प के तौर पर देखती है, लेकिन ज़्यादातर मोर्चे के नीतिगत स्तर पर यह सत्तासीन पार्टी की तरह ही है। यही वजह है कि इसका आधार सिकुड़ता जा रहा है या उसमें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License