NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कृषि
भारत
राजनीति
सरकारी एजेंसियां किसानों से सबसे कम उत्पाद ख़रीदती हैं : एनएसओ सर्वे
सरकारी एजेंसी द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक़, देश के ज़्यादातर किसान अपने उत्पाद को स्थानीय बाज़ार में बेचते हैं।
दित्सा भट्टाचार्य
17 Sep 2021
सरकारी एजेंसियां किसानों से सबसे कम उत्पाद ख़रीदती हैं : एनएसओ सर्वे
'प्रतीकात्मक फ़ोटो' साभार: Telangana Today

राष्ट्रीय सांख्यकीय कार्यालय (NSO) द्वारा किए गए 77वें दौर के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के मुताबिक़, ज़्यादातर भारतीय किसान अपने उत्पाद को स्थानीय बाज़ार में बेचते हैं। सर्वेक्षण का शीर्षक "लैंड एंड लाइवस्टॉक होल्डिंग्स ऑफ़ हाउसहोल्ड्स एंड सिचुएशन एसेसमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर हाउसहोल्ड्स" था। यह सर्वे बताता है कि सरकारी एजेंसियां और कृषि उत्पाद बाज़ार समितियां (APMC) किसानों से बहुत कम खरीद करती हैं। 

सर्वे में शामिल की गई 18 फ़सलों का 55 से 93 फ़ीसदी हिस्सा तक किसान स्थानीय बाज़ार में बेचते हैं। APMC बाज़ार में यह हिस्सेदारी 3 से 22 फ़ीसदी तक है। जबकि सरकार द्वारा सिर्फ़ 2 से 14 फ़ीसदी तक का उपार्जन किया जाता है। सर्वे से पता चलता है कि तमाम फ़सलों को किसान पहले स्थानीय बाज़ार में बेचना पसंद करते हैं।

किसान द्वारा सरकारी एजेंसियों और APMC बाज़ारों को किसानों द्वारा बेचे जाने वाली फ़सलों में सबसे ज़्यादा हिस्सेदारी चावल, गेहूं और गन्ने की है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन फ़सलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाता है और इनके ऊपार्जन के लिए एक व्यवस्थित ऊपार्जन तंत्र सुचारू है। 

लेकिन इस सबके बावजूद किसानों ने 75.1 फ़ीसदी चावल स्थानीय बाज़ार में ही बेचे। सरकारी एजेंसियां और मंडी में केवल 10.5 फ़ीसदी उत्पाद का विक्रय किया गया। इसी तरह गेहूं के मामले में किसानों ने 66 फ़ीसदी हिस्सा स्थानीय बाज़ारों में बेचा, जबकि मंडियों और सरकारी ऊपार्जन में किसानों से केवल 26 फ़ीसदी गेहूं ही खरीदा गया। 

दालों के मामले में किसान हमेशा स्थानीय बाज़ार को ही प्राथमिकता देते हैं। किसानों ने अरहर की दाल में 68 फ़ीसदी हिस्सा स्थानीय बाज़ारों, जबकि 22 फ़ीसदी मंडी में बेचा। सरकारी एजेंसियों ने सिर्फ़ 1.7 फ़ीसदी हिस्से की ही खरीद की। 

मूंग में तो यह अंतर और भी ज़्यादा है। किसानों ने अपनी 93 फ़ीसदी मूंग स्थानीय बाज़ारों में बेची, जबकि मंडियों और सरकारी एजेंसियों ने कुल मिलाकर 5 फ़ीसदी मूंग की ही खरीद की।

NSO सर्वे में यह जानने की भी कोशिश की गई कि क्या किसान बिक्री के नतीज़ों से खुश हैं या नहीं। अलग-अलग फ़सलों में किसानों का जवाब अलग-अलग रहा। कुलमिलाकर सर्वे कहता है कि किसान बिक्री के नतीज़ों या अपनी फ़सल के मूल्य से "संतुष्ट" हैं।

चावल उत्पादन करने वाले किसानों में 59 फ़ीसदी अपनी फ़सले के मूल्य से संतोषप्रद पाए गए, जबकि 66.2 फ़ीसदी किसान गेहूं के मूल्य को लेकर संतुष्ट नज़र आए। सर्वे में किसानों के असंतोष के लिए पांच वज़ह बताई गई हैं; "बाज़ार मूल्य से कम कीमत", "देरी से भुगतान", "कर्ज़ लिए गए पैसे की कटौती", "गलत तौल और गुणवत्ता जांच" व "अन्य"।

NSO के मुताबिक़ इन वज़हों में "बाज़ार मूल्य से कम कीमत" किसानों के मूल्य को लेकर अंसतोष की सबसे बड़ी वजह है। 37.1 फ़ीसदी चावल उत्पादन करने वाले किसानों ने अपने असंतोष के लिए "बाज़ार मूल्य से कम कीमत" को वजह बताया। 

सर्वे के मुताबिक़, देश के कृषि परिवारों में से 50 फ़ीसदी कर्ज़ में हैं, 2019 में हर परिवार पर यह कर्ज़ औसतन 74,121 रुपये था।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

Govt Agencies Procure Least Amount of Produce From Farmers: NSO Survey

NSS
NSO Survey
Agriculture Data
MSP
Crop Prices
apmc
Agricultural Households Survey
National Sample Survey

Related Stories

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

अगर फ़्लाइट, कैब और ट्रेन का किराया डायनामिक हो सकता है, तो फिर खेती की एमएसपी डायनामिक क्यों नहीं हो सकती?

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

MSP पर लड़ने के सिवा किसानों के पास रास्ता ही क्या है?

सावधान: यूं ही नहीं जारी की है अनिल घनवट ने 'कृषि सुधार' के लिए 'सुप्रीम कमेटी' की रिपोर्ट 

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

उत्तर प्रदेश चुनाव : डबल इंजन की सरकार में एमएसपी से सबसे ज़्यादा वंचित हैं किसान

उप्र चुनाव: उर्वरकों की कमी, एमएसपी पर 'खोखला' वादा घटा सकता है भाजपा का जनाधार

कृषि बजट में कटौती करके, ‘किसान आंदोलन’ का बदला ले रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा

केंद्र सरकार को अपना वायदा याद दिलाने के लिए देशभर में सड़कों पर उतरे किसान


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License