NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ग्रीस के लोगों ने पॉलिटेक्निक विद्रोह की 47वीं वर्षगांठ मनाई
दक्षिणपंथी न्यू डेमोक्रेसी (एनडी) सरकार ने COVID-19 प्रतिबंधों की आड़ में इस वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोहों पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की है।
पीपल्स डिस्पैच
18 Nov 2020
ग्रीस

मंगलवार 17 नवंबर को प्रदर्शनों पर दक्षिपंथी सरकार के प्रतिबंध को नज़रअंदाज़ करते हुए और पुलिस बलों की भारी तैनाती के बीच एथेंस और अन्य शहरों में ग्रीस में प्रगतिशील वर्गों ने 1973 के गौरवशाली पॉलिटेक्निक विद्रोह की 47 वीं वर्षगांठ के अवसर पर रैली निकाला।COVID-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अमेरिकी दूतावास और एलीफिथियस पार्क के सामने प्रदर्शन किए गए। कम्युनिस्ट पार्टी ऑप ग्रीस (केकेई) और कम्युनिस्ट यूथ ऑफ ग्रीस (केएनई) ने इस प्रदर्शन का अगुवाई किया।

यूनान के शहरों थेसालोनिकी, पत्रास, पेरिस्ट्री और कवाला आदि शहरों में भी बड़े प्रदर्शन हुए।

एथेंस पॉलिटेक्निक विद्रोह ने 1967 - 1974 के बीच ग्रीस पर शासन करने वाले दक्षिणपंथी अमेरिका समर्थित सैन्य जुंटा के अस्वीकृति के एक विशाल प्रदर्शन के रूप में शुरू किया। 14 नवंबर को एथेंस पॉलिटेक्निक में छात्रों की हड़ताल जुंटा-विरोधी विद्रोह में बदल गया और 17नवंबर के तड़के खून खराबे से समाप्त हुआ। इस छात्र विद्रोह को सैन्य तानाशाही के खिलाफ प्रतिरोध के एक साहसिक कार्य के रूप में बताया गया और अत्याचार के प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में कहा गया।

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ ग्रीक (केकेई) की केंद्रीय समिति के महासचिव दिमित्रिस कौटसौम्बास ने पॉलिटेक्निक विद्रोह में मारे गए नायकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि "पॉलिटेक्निक विद्रोह के संदेश जीवित, शाश्वत और नवीनहैं। साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ नारे और रोटी, शिक्षा,स्वतंत्रता, काम, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए नारे" ग्रीक के लोगों, ग्रीक के युवाओं के दिलों को झकझोड़ते रहते हैं जोआज और हर दिन इन दिनों निरंतर विरोधी-लोकप्रिय नीति के ख़िलाफ़ जूझ रहे हैं।

कौटसौम्बास ने 17 नवंबर को COVID-19 प्रतिबंधों की आड़ में दक्षिणपंथी न्यू डेमोक्रेसी (एनडी) सरकार के प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों को भी आड़े हाथों लिया।

भीड़ जुटाने को लेकर कम्युनिस्ट यूथ ऑफ ग्रीस (केएनई)ने कहा है कि “लोगों को डराने के लिए सड़कों और विश्वविद्यालयों में सशस्त्र पुलिस भेजने के बजाय सरकार को अस्पतालों में डॉकटर्स, शिक्षकों को स्कूलों और विश्वविद्यालयों में, निरीक्षकों को कार्यस्थलों पर लोग और युवा की सुरक्षा के लिए भेजना चाहिए। प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने के बजाय सरकार को लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।”

इस दिन की याद में कम्युनिस्ट यूथ ऑप ग्रीस (केएनई) ने पॉलिटेक्निक विद्रोह को याद करते हुए "द स्ट्रीट हैज इट्स ओन हिस्ट्री..." शीर्षक वाला एक ऑनलाइन कॉन्सर्ट आयोजित किया।

Greece
greece govt
polytechnic uprising greece

Related Stories

ग्रीस में प्रगतिशीलों ने ज़ेलेंस्की के नव-नाज़ियों के साथ संसद के संबोधन को ख़ारिज किया 

तुर्की और ग्रीस में फैली विनाशकारी जंगल की आग

ग्रीस : स्वास्थ्यकर्मी इस क्षेत्र में और संसाधनों की मांग को लेकर मुखर

क्रांतिकारी जब जागते हैं, वह प्रेम के सिवा और किसी चीज़ की परवाह नहीं करते 

प्रतिबंध के बावजूद ग्रीस के लोगों ने एलेक्सेंड्रोस ग्रिगोरोपोलस को याद किया

26 नवंबर की आम हड़ताल बनी विश्व इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी हड़ताल

ग्रीस : कामकाजी वर्ग ने कोविड-19 के बीच स्वास्थ्य, सुरक्षा और अधिकारों के लिए हड़ताल की

ग्रीस : पब्लिक हेल्थ और सुरक्षित कार्यस्थलों की मांग करते हुए श्रमिक इकट्ठा हुए

ग्रीसः साम्राज्यवाद-विरोधियों ने नाटो महासचिव के दौरे का विरोध किया

ग्रीस के शरणार्थी शिविर में आग लगने से एक बच्चे की मौत


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License