NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
हिमाचल के सेब किसान अपना आंदोलनों और तेज़ करेंगे
किसान संघर्ष समिति ने एपीएमसी को एक ज्ञापन व नोटिस सौंपा है, जिसमें मांग की है 4 अक्टूबर से पहले सेब की बिक्री का भुगतान और अतिरिक्त अवैध वसूली को वापस किसानों को दिलाया जाए।
न्यूजक्लिक रिपोर्ट
25 Sep 2018
सेब किसान

हिमाचल प्रदेश के नारकण्डा में 24 सितंबर को किसान संघर्ष समिति ने प्रदर्शन किया और कृषि उत्पादन बाजार समिति (एपीएमसी) को एक ज्ञापन व नोटिस सौंपा जिसमें मांग की गई है कि 4 अक्टूबर से पहले सेब की बिक्री का भुगतान और अतिरिक्त अवैध वसूली  को वापस किसानों को दिलाया जाए। नहीं तो  सेब किसान नारकण्डा में 4 अक्टूबर को राज्य सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध  प्रदर्शन करेंगे।

किसान, जो पहले से ही खराब मौसम और सरकारी उदासीनता के कारण एक उदास फसल के मौसम से गुजर रहे हैं, उनको बाजार में अपने उत्पाद बेचने में शामिल 'कमीशन एजेंट' के साथ भी गंभीर समस्याओं  का सामना करना पड़ रहा है। नारकण्डा में सेब आढ़तियों द्वारा सेब उत्पादकों  से नाजायज वसूली व सेब की खरीद के पैसे खरीद के वक्त नहीं देने से भी किसानों में नाराज़गी है| इसी को लेकर नारकण्डा में हुई बैठक में किसान संघर्ष समिति ने सर्वसम्मति से ये प्रस्ताव पारित किया कि वो अपना संघर्ष और तेज़ करेंगे| इससे पहले भारी बारिश के बावजूद किसानों ने प्रदर्शन किया।

इसे भी पढ़ें- हिमाचल के सेब किसान संकट में, 24 से आंदोलन का ऐलान

हिमाचल प्रदेश में सेब सबसे महत्वपूर्ण नकद फसलों में से एक है। राज्य में फल फसलों के तहत कुल क्षेत्रफल के लगभग 49% पर इसकी बागबानी है, जो कुल फल उत्पादन का 85% है। हिमाचल प्रदेश की अनुमानित 4,500 करोड़ रुपये की सेब अर्थव्यवस्था  है इसमें  लगभग चार लाख परिवार शामिल हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्रोत होने के बावजूद, सेब किसानों से लगातार धोखाधड़ी और ठगी की जाती रही है। इसमें फर्ज़ी व्यापारी और कमीशन एजेंट शामिल रहते हैं।

बैठक में सेब उत्पादकों से आढ़तियों द्वारा की गई अवैध वसूली  पर रामपुर, कोटगढ़, कुमारसैन, ठियोग आदि क्षेत्रों से आये किसानों ने अपनी बात रखी। ननखड़ी क्षेत्र से आये बागवान राजकुमार ने बताया कि वर्ष 2014 से एक आढ़ती ने उसके 60,000 रुपये की अदायगी नहीं की। ननखड़ी के चढ़ी क्षेत्र के अश्वनी मेहता के 1 लाख से ज़्यादा रकम की एवज में आढ़ती ने चेक दिए जो 2 बार बाउंस हो चुके हैं।

कमीशन एजेंटों द्वारा सेब किसानों से ठगी

किसानों का कहना है कि उन्हें कमीशन एजेंटों द्वारा ठगा जा रहा है जो फल उनसे खरीदते हैं और फिर इसे बाजार में बेचते हैं। कृषि उत्पादन बाजार समिति (एपीएमसी) अधिनियम 2005 के मुताबिक, कमीशन एजेंटों द्वारा सेब के प्रति कार्टून 5 रुपये से अधिक किसानों से शुल्क नहीं लिया जा सकता है, लेकिन असल में, कमीशन एजेंट किसानों से 10 से 35 रुपये तक चार्ज कर रहे हैं।

अधिनियम में यह भी कहा गया है कि कमीशन एजेंटों या आढ़तियों को खरीदे जाने वाली उपज का उसी दिन भुगतान करना पड़ेगा जब वे किसानों से उपज खरीदते हैं। विभिन्न सेब उत्पादकों द्वारा कई घटनाओं की सूचना मिली है, जहां उन्हें कमीशन एजेंटों द्वारा महीनों तक और कभी-कभी सालों तक भुगतान नहीं किया गया है। ऐसी एक घटना सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई थी, जहां एक स्थानीय महिला मंडी (बाजार) में कमीशन एजेंट को अपनी उपज के भुगतान के लिए मार रही थी।

हाल ही में अगस्त में विधानसभा के मानसून सत्र में ठियोग के सीपीआई (एम) विधायक राकेश सिंह ने नारकण्डा, पराला (थोग) और भट्टाकुफर के सेब बाजारों में हजारों किसानों को धोखा देने वाले कमीशन एजेंटों के मुद्दे को उठाया था। यह भी बताया गया था कि नारकण्डा सेब बाजार में कमीशन एजेंटों को खत्म  करने के लिए कुछ किसानों ने कृषि मंत्री राम लाल मार्कंडा से शिकायत की थी, लेकिन स्थिति वैसी ही बनी हुई है।

हिमाचल किसान सभा ने सरकार और आयोग से एजेंटों को खुश न करने का आग्रह किया है क्योंकि किसान इस  समय भी सेब की बिक्री के संकट से गुजर रहा है जब सेब की पैदावार 2 करोड़ पेटी  से भी कम है। इसी तरह सेब की बिक्री पर अनलोडिंग के नाम पर 5 रुपये की जगह 30-35 रूपये  लिए जा रहे  है। जो सरासर किसानों से लूट है।

apple
apple kisan
Himachal Pradesh
kisan andolan

Related Stories

हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 

विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

केवल विरोध करना ही काफ़ी नहीं, हमें निर्माण भी करना होगा: कोर्बिन

लखीमपुर खीरी हत्याकांड: आशीष मिश्रा के साथियों की ज़मानत ख़ारिज, मंत्री टेनी के आचरण पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

MSP पर लड़ने के सिवा किसानों के पास रास्ता ही क्या है?

हिमाचल: प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस वृद्धि के विरुद्ध अभिभावकों का ज़ोरदार प्रदर्शन, मिला आश्वासन 

किसान आंदोलन: मुस्तैदी से करनी होगी अपनी 'जीत' की रक्षा

सावधान: यूं ही नहीं जारी की है अनिल घनवट ने 'कृषि सुधार' के लिए 'सुप्रीम कमेटी' की रिपोर्ट 


बाकी खबरें

  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव
    30 May 2022
    जापान हाल में रूस के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने वाले अग्रणी देशों में शामिल था। इस तरह जापान अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है।
  • उपेंद्र स्वामी
    दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना
    30 May 2022
    पूर्व में बाग़ी रहे नेता गुस्तावो पेट्रो पहले दौर में अच्छी बढ़त के साथ सबसे आगे रहे हैं। अब सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले शीर्ष दो उम्मीदवारों में 19 जून को निर्णायक भिड़ंत होगी।
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी केसः वाराणसी ज़िला अदालत में शोर-शराबे के बीच हुई बहस, सुनवाई 4 जुलाई तक टली
    30 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद के वरिष्ठ अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने कोर्ट में यह भी दलील पेश की है कि हमारे फव्वारे को ये लोग शिवलिंग क्यों कह रहे हैं। अगर वह असली शिवलिंग है तो फिर बताएं कि 250 सालों से जिस जगह पूजा…
  • सोनिया यादव
    आर्यन खान मामले में मीडिया ट्रायल का ज़िम्मेदार कौन?
    30 May 2022
    बहुत सारे लोगों का मानना था कि राजनीति और सांप्रदायिक पूर्वाग्रह के चलते आर्यन को निशाना बनाया गया, ताकि असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटा रहे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिमाचल : मनरेगा के श्रमिकों को छह महीने से नहीं मिला वेतन
    30 May 2022
    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में मनरेगा मज़दूरों को पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। पूरे  ज़िले में यही स्थिति है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License