NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
हरियाणा : हज़ारों निर्माण मज़दूरों ने अपनी मांग को लेकर किया प्रदर्शन
"देश में दोबारा भाजपा सरकार सत्ता में आई है, हरियाणा में दस सीटें हैं जो भाजपा के खाते में गयी लेकिन दो महीनों में ही जनता की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।"
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
28 Aug 2019
हरियाणा : हज़ारों निर्माण मज़दूरों ने अपनी मांग को लेकर किया प्रदर्शन
प्रदर्शन करते निर्माण मज़दूर

हरियाणा के हज़ारों निर्माण मज़़दूर ऑनलाइन पंजीकरण के ख़िलाफ़ हैं। उन्होंने मंगलवार 27 अगस्त को प्रदर्शन किया। वे निर्माण मज़़दूर कल्याण बोर्ड क़ानून को बचाने और कारीगर-मज़़दूरों के रोज़गार की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर भवन निर्माण कामगार यूनियन की राज्य कमेटी हरियाणा के नेतृत्व में मंगलवार सुबह से ही हज़ारों मज़दूर क्रांतिमान पार्क में इकट्ठा होने लगे। यहां वक्ताओं ने मज़दूरों को संबोधित किया सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी करते हुए अपना गुस्सा ज़ाहिर किया।
सभी मज़दूर यहां से नारेबाजी करते हुए उपायुक्त कार्यालय पहुंचे। वहां पर उन्होंने हरियाणा सरकार और हिसार जिला प्रशासन के खिलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की।मज़दूर यूनियन के नेताओं ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए निर्माण मजदूरों की समस्याओं से अवगत करवाया और उपायुक्त ने इस पर संज्ञान लेते हुए एक कमेटी का गठन कर दिया। उपायुक्त ने यूनियन के नेताओं को भरोसा दिलाया गठित कमेटी के ज़रिए निर्माण मज़दूरों की समस्याओं का हल किया जाएगा। 
मज़दूरों को संबोधित करते हुए यूनियन के राज्य महासचिव सुखबीर सिंह ने कहा कि देश में दोबारा भाजपा सरकार सत्ता में आई है, हरियाणा में दस सीटें हैं जो भाजपा के खाते में गयी लेकिन दो महीनों में ही जनता की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। आगे उन्होंने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि अगर दोबारा बीजेपी केंद्र में आती है तो देश की मेहनतकश जमात के लिए घातक होगी। इसी बीच सरकार मज़दूरों के लिए बने क़ानूनों को ख़त्म करने का प्रस्ताव संसद में ला चुकी है।

img 1_0.jpg

यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि निर्माण मज़दूरों के लिए बने कल्याण बोर्ड को भी ख़त्म करने के प्रयास जारी है। हरियाणा सरकार बोर्ड के कार्यो से यूनियनों को बाहर करके पंजीकरण प्रक्रिया को कठिन बना रही है। असल में सरकार की मंशा मज़दूरों के यूनियन बनाने के अधिकार को ख़त्म करने की है। बोर्ड में जमा 3000 करोड़ रुपये का हरियाणा सरकार और उसके मंत्री मज़दूर जागरूकता सम्मेलन के नाम पर, कैंटीन के नाम पर और अन्य कार्यों पर ख़र्च करके मज़दूरों के ख़ून पसीने की कमाई को अपने क़रीबी पर लुटा रही है ताकि आने वाले चुनाव में इसका राजनैतिक फायदा उठाया जा सके।
सीटू प्रदेश अध्यक्ष सतबीर सिंह ने भी श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा कि समय रहते सरकार को निर्माण मज़दूरों की समस्याओं को जल्द हल करना चाहिए नहीं तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
सीटू ज़िला सचिव एवं पूर्व ज़िला पार्षद सुरेश कुमार ने श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारी संघर्षों और शहादतों के दम पर हासिल किए गए ट्रेड यूनियन अधिकारों को सरकार ख़त्म करने पर उतारू है। श्रम क़ानूनों में बदलाव के नाम पर 44 क़ानूनो को चार कोड में बदल रही है जो मज़दूर के साथ धोखा किया जा रहा है। असल में श्रम क़ानूनों में पूंजीपतियों को छूट देकर सरकार उनको फायदा पहुंचाना चाहती है और मज़दूरों के धरने प्रदर्शन व अन्य प्रकार की मांग के हक़ को ख़त्म करना चाहती है।
इस प्रदर्शन को कई अन्य यूनियन नेताओं ने भी संबोधित किया। सभी नेताओं ने राज्य और केंद्र सरकार द्वारा उठाए जा रहे मज़़दूर विरोधी क़दम की निंदा की। नेताओं ने कहा कि ऑनलाइन सिस्टम के बाद से ही मज़दूर दर-दर भटक रहे हैं। किसी का ऑनलाइन डाटा नहीं चढ़ाया जा रहा है। मज़़दूरों का कहना है कि दो साल से बेनीफिट के फार्म पेंडिग पड़े हैं, उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा। इस बीच सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण के नाम पर लाखों मज़़दूरों का पंजीकरण ही रद्द कर दिया है। अधिकतर निर्माण मज़़दूर अनपढ़ हैं या नाम मात्र के पढ़े हैं। इसलिए उन्हें ऑनलाइन के माध्यम से फार्म भरना और अपना पंजीकरण करना नहीं आ रहा है।

img 2.jpg
प्रदर्शन कर रहे मज़़दूरों की मुख्य मांगः-
1.निर्माण मज़दूरों की ऑनलाइन किए गए रद्द पंजीकरण को जल्द बहाल किया जाए।
2.मज़दूरों का लगातार पंजीकरण किया जाए, 90 दिन के काम की तस्दीक के लिए पटवारी व ग्राम सचिव टाल मटोल कर रहे हैं जिससे मज़दूरो को परेशानी हो रही है। इसलिए यूनियनों को 90 दिन के काम की तस्दीक का अधिकार बहाल किया जाए तब तक मकान मालिक की तस्दीक को मान्य किया जाए।
3.सभी मज़दूरों के आनलाइन अपडेट तुरंत किए जाए व उसके लिए मज़दूरों को बुलाकर परेशान न किए जाए।

4.सभी प्रकार के फार्म पर ग्राम सचिव, पटवारी, तहसीदार व बी.डी.ओ आदि अधिकारियों के साईन व मोहर की शर्त को हटाया जाए।

5. आब्जेकशन लगाकर रिजेक्ट किया गया आनलाइन छात्रवुति फार्म बहाल किया जाए। और ऑफ लाइन छात्रवृति तुरंत प्रभाव से लागू की जाए।
6.शादी से 3 दिन पहले कन्यादान स्कीम को सुचारू रूप से लागू किया जाए।

7.पुराने रुके हुए लाभ तुरंत दिए जाए।

8.दिहाड़ी न देने वाले मालिकों पर कार्रवाई की जाए।

9.बोर्ड की ओर से इलाज का प्रबंध किया जाए।

10. महिला मज़दूरों को घटिया क्वालिटी की मशीन देने के बजाय 3500/-रू. उनके खातों में दिया जाए।

11. मज़दूर की 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर 5000 रुपये प्रतिमाह पेंशन लागू की जाए।

Haryana
Labour's protest
BJP
Labour Union

Related Stories

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?

NEP भारत में सार्वजनिक शिक्षा को नष्ट करने के लिए भाजपा का बुलडोजर: वृंदा करात


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License