NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
हरियाणा रोडवेज़: 365 कर्मचारियों को हटाने का तुग़लकी फ़रमान
23 मई को लोकसभा चुनाव परिणाम के साथ ही कर्मचारियों के भविष्य के रुझान भी आ रहे हैं। आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत लगाए गए सभी ग्रुप डी के कर्मचारियों को दिनांक 24 मई से बाहर करने का आदेश जारी कर दिया गया है और इसमें साफ़ तौर पर लिखा है कि विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में नियमित स्टाफ़ है इसलिए विभाग इनको नहीं रख सकता।
मुकुंद झा
25 May 2019
हरियाणा रोडवेज़

पिछले काफ़ी समय से स्टाफ़ की कमी से जूझ रहे हरयाणा रोडवेज़ विभाग ने नया आदेश दिया है जिसके बाद ये समस्या और बढ़ने वाली है। इसके साथ ही रोडवेज़ में नई भर्ती की आस लगाए जो नौजवान बैठे हैं वो नई भर्ती को भूल जाएँ। क्योंकि सरकार का मानना है :कि इस विभाग में पहले ही पूरी संख्या में कर्मचारी हैं परन्तु कर्मचारी युनियन के मुताबिक़ ये दावा सच्चाई से बिल्कुल विपरीत है। आज भी विभाग में कर्मचारियों की भरी कमी है। ऐसे में कर्मचारियों की भर्ती करने की जगह उन्हें निकालना ठीक नहीं है। 

23 मई को लोकसभा चुनाव परिणाम के साथ ही कर्मचारियों के भविष्य के रुझान भी आ रहे हैं। आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत लगाए गए सभी ग्रुप डी के कर्मचारियों को दिनांक 24 मई से बाहर करने का आदेश जारी कर दिया गया है और इसमें साफ़ तौर पर लिखा है कि विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में नियमित स्टाफ़ है इसलिए विभाग इनको नहीं रख सकता। 

परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए पत्र जिसमें आउटसोर्स पार्ट 1 व 2 पर भर्ती कर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी किए गए थे, उसी को लेकर आज शनिवार को हरियाणा रोडवेज़ कर्मचारी तालमेल कमेटी की मीटिंग रोहतक में सम्पन्न हुई जिसमें सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया कि दिनांक 28 मई को प्रातः 9 बजे से 11 बजे तक डिपो स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 22 जून को कुरुक्षेत्र में राज्य स्तरीय कन्वेन्शन की जाएगी। उम्मीद जताई गई है कि इसमें भारी संख्या में कर्मचारी शामिल होंगे और सरकार की कर्मचारी-विरोधी नीतियों का मुँह तोड़ जवाब देंगे।

HARYANA  RODWEYS.jpg

हरियाणा रोडवेज़ द्वारा जारी किया गया पत्र 

सरकार के इस निर्णय के बाद से हरियाणा रोडवेज़ में वर्ष 2016 से अनुबंध के आधार पर काम कर रहे 300 से अधिक कर्मचारियों की नौकरी छिन जाएगी। परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के आदेश पर शुक्रवार को रोडवेज़ महाप्रबंधकों ने कई ज़िलों में इसे लागू करते हुए इन कर्मचारियों को नौकरी से हटाने के पत्र थमा दिए। मिल रही जानकारी के मुताबिक़ सोनीपत में 36 और नारनौल में 11 कर्मचारी निकाल दिए गए हैं। वहीं, विभाग की कार्रवाई से भड़की रोडवेज़ कर्मचारी तालमेल कमेटी ने कर्मचारियों को हटाने का आदेश वापस नहीं होने की स्थिति में आंदोलन छेड़ने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।इसके साथ ही उन्होंने आपत्ति जताई है और कहा है कि वो किसी भी क़ीमत पर एक भी कर्मचारी को नहीं हटने देंगे। 

कोर्ट के स्टे के बाद भी कर्मचारियों को हटाया जा रहा है 

पिछले साल मई में भी परिवहन विभाग ने आउटसोर्सिंग पॉलिसी-2 के तहत लगे कर्मचारियों को निकालने का आदेश दिया था, लेकिन कर्मचारी संगठनों के विरोध के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसके बाद दिसंबर में फिर से इन्हें निकालने के पत्र जारी किए गए, लेकिन 54 कर्मचारी हाई कोर्ट में चले गए।

हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस के आदेश पर तब परिवहन सचिव ने इन कर्मचारियों को हटाने की प्रक्रिया रोक दी थी। अब एक बार फिर सभी डिपो में स्टाफ़ पूरा बताते हुए सभी कच्चे कर्मचारियों को बाहर निकालने का आदेश दिया गया है। हालांकि हाई कोर्ट में केस लड़ रहे कर्मचारियों को अभी नहीं हटाया जा रहा है।

"आंदोलन के लिए उकसा रहे अफ़सर"

कर्मचारियों को निकालने के विरोध में रोडवेज़ कर्मचारी तालमेल कमेटी ने आक्रामक रवैया अपनाते हुए सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। रोडवेज़ कर्मचारी यूनियन के नेताओं का कहना है, "निगम में बैठे अफ़सरों का कच्चे कर्मचारियों को हटाने का तुग़लकी फ़रमान कर्मचारियों को आंदोलन के लिए उकसाने वाला है।"

साथ ही उन्होंने आगे कहा, "हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद कर्मचारियों को निकालने का आदेश किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग के अफ़सर हर दिन नए तुग़लकी फ़रमान जारी कर रहे हैं। आम जन को परेशान करने वाले फ़ैसलों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आदेश वापस नहीं होने पर अंदोलन किया जाएगा।"

हरियाणा रोडवेज़ वर्कर्स युनियन के नेता जयकुंवर दहिया ने कहा है, "इन कच्चे कर्मचारियों को 2016 में कर्मचारियों की कमी के कारण रखा गया था और उन्होंने रोडवेज़ को सुचारु रूप से चलाने में मदद की है। अब इन्हें बिना किसी कारण के हटाना ग़लत है।" उन्होंने कहा, "हम एक भी कर्मचारी को हटने नहीं देंगे, जबकि परिवहन मंत्री कह रहे हैं कि वो किसी को रखेंगे नहीं। सरकार जो कह रही है कि कर्मचारी पूरे हैं वो पूरी तरह से ग़लत है।" 

उन्होंने बताया, "एक गाड़ी पर 7 कर्मचारियों की ज़रूरत होती है और अभी हमारे पास 3500 बसें हैं, इसके हिसाब से 24500 कर्मचारी चाहिए और अभी हमारे पास केवल 18 से 19 हज़ार कर्मचारी हैं। हमें अभी भी कम से कम 5 हज़ार कर्मचारियों की और ज़रूरत है। इसके अलावा सरकार ख़ुद मानती है कि कम से कम 14 हज़ार और बसों की ज़रूरत है। हम कहते हैं कि हमें 10 हज़ार बसें और दे दो तो इसकी वजह से भी 70 हज़ार नौजवानों को नौकरी मिल जाएगी। ऐसे में यह कहना कि रोडवेज़ में स्टाफ़ ज़्यादा है पूरी तरह से ग़लत है। क्योंकि सच्चाई यह है कि कर्मचारियों की भरी कमी है।"

जयकुंवर आगे कहते हैं, "ये सरकार का जब से आई तब से ही रोडवेज़ को तबाह करने में लगी है, इसके लिए उसने कई बार रोडवेज़ को निजी हाथों में बेचने का प्रयास किया लेकिन वो कर्मचारियों के प्रतिरोध के कारण नहीं कर पाई है। इससे पहले भी रोडवेज़ को बचाने के लिए कर्मचारियों ने इतिहास की सबसे बड़ी हड़ताल की थी जो कि बाद में कोर्ट की मध्यस्ता के बाद ख़त्म हुई थी। तब सरकार ने कोर्ट में लिखित आश्वासन दिया था कि वो हड़ताल के दौरान एस्मा(ईएसएमए) लगाए गए कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी। साथ ही बसों की भारी कमी को देखते हुए नई बसें ख़रीदेगी लेकिन उसने बाद में इंकार कर दिया। सरकार ने न तो कर्मचारियों पर से मुक़दमे हटाए और ना ही कोई नई बस ख़रीदी।"

haryana roadways
haryana roadways workers
Contract Workers
haryana roadways workers union
haryana govt
outsourcing
BJP
Workers rights
unemployment

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • sever
    रवि शंकर दुबे
    यूपी: सफ़ाईकर्मियों की मौत का ज़िम्मेदार कौन? पिछले तीन साल में 54 मौतें
    06 Apr 2022
    आधुनिकता के इस दौर में, सख़्त क़ानून के बावजूद आज भी सीवर सफ़ाई के लिए एक मज़दूर ही सीवर में उतरता है। कई बार इसका ख़ामियाज़ा उसे अपनी मौत से चुकाना पड़ता है।
  • सोनिया यादव
    इतनी औरतों की जान लेने वाला दहेज, नर्सिंग की किताब में फायदेमंद कैसे हो सकता है?
    06 Apr 2022
    हमारे देश में दहेज लेना या देना कानूनन अपराध है, बावजूद इसके दहेज के लिए हिंसा के मामले हमारे देश में कम नहीं हैं। लालच में अंधे लोग कई बार शोषण-उत्पीड़न से आगे बढ़कर लड़की की जान तक ले लेते हैं।
  • पटनाः डीजल-पेट्रोल से चलने वाले ऑटो पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ ऑटो चालकों की हड़ताल
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पटनाः डीजल-पेट्रोल से चलने वाले ऑटो पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ ऑटो चालकों की हड़ताल
    06 Apr 2022
    डीजल और पेट्रोल से चलने वाले ऑटो पर प्रतिबंध के बाद ऑटो चालकों ने दो दिनों की हड़ताल शुरु कर दी है। वे बिहार सरकार से फिलहाल प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे हैं।
  • medicine
    ऋचा चिंतन
    दवा के दामों में वृद्धि लोगों को बुरी तरह आहत करेगी – दवा मूल्य निर्धारण एवं उत्पादन नीति को पुनर्निर्देशित करने की आवश्यता है
    06 Apr 2022
    आवश्यक दवाओं के अधिकतम मूल्य में 10.8% की वृद्धि आम लोगों पर प्रतिकूल असर डालेगी। कार्यकर्ताओं ने इन बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने और सार्वजनिक क्षेत्र के दवा उद्योग को सुदृढ़ बनाने और एक तर्कसंगत मूल्य…
  • wildfire
    स्टुअर्ट ब्राउन
    आईपीसीसी: 2030 तक दुनिया को उत्सर्जन को कम करना होगा
    06 Apr 2022
    संयुक्त राष्ट्र की नवीनतम जलवायु रिपोर्ट कहती है कि यदि​ ​हम​​ विनाशकारी ग्लोबल वार्मिंग को टालना चाहते हैं, तो हमें स्थायी रूप से कम कार्बन का उत्सर्जन करने वाले ऊर्जा-विकल्पों की तरफ तेजी से बढ़ना…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License