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भारत
राजनीति
हरियाणा रोडवेज़ हड़ताल: सरकार का खराब रैवया, कर्मचारियों का संघर्ष तीव्र
हरियाणा के सभी वामपंथी दलों ने रोडवेज़ की हड़ताल के तहत आज पूरे हरियाणा में ब्लॉक स्तर पर रैली व् बैठकें हुईंI पुलिस ने सीपीएम के राज्य सचिव सुरेन्द्र मलिक समेत 14 लोगों को हिरासत में ले लियाI
मुकुंद झा
31 Oct 2018
हरियाणा रोडवेज हड़ताल
हरियाणा के सभी वामपंथी दलों ने रोडवेज़ की हड़ताल के समर्थन में आज पूरे हरियाणा में ब्लॉक स्तर पर रैली व् बैठकें कींI

हरियाणा रोडवेज़ की हड़ताल का आज 15वां  दिन है लेकिन अब तक कर्मचारियों की परेशानियों का कोई हल होता नहीं दिख रहाI हरियाणा सरकार के दमन के बावजूद भी कर्मचारी हड़ताल खत्म नहीं कर रहेI बल्कि हरियाणा की भाजपा सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई हैंI कल मंगलावर से  ही हरियाणा सरकार के अन्य विभाग के तकरीबन 2 लाख से अधिक कर्मचारी रोडवेज़ के कर्मचारियों के समर्थन में हड़ताल पर हैंI इसके साथ ही हड़ताली कर्मचारियों को पूरे हरियाणा का जन समर्थन मिल रहा है|

इसे भी पढ़े :- हरियाणा रोडवेज़ हड़ताल: जनता और अन्य सरकारी कर्मचारियों का समर्थन

आज हरियाणा के सभी वामपंथी दलों ने रोडवेज़ की हड़ताल के समर्थन में आज पूरे हरियाणा में ब्लॉक स्तर पर रैली व् बैठकें कींI जिनमें आम जनता का भरपूर समर्थन मिला। अब तक मिली जानकरी के मुताबिक बिजली निगम, पर्यटन, शिक्षा विभाग, नगरपालिका, वन, पीडब्ल्यूडी, जन स्वास्थ्य, नहर विभाग, पटवारी, लिपिक, आशा वर्कर्स, मिड डे मील वर्कर्स, स्कीम वर्कर्स, अध्यापक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आदि लाखों कर्मचारियों हड़ताल पर हैं। मिल रही जानकारी के मुताबिक हरियाणा पुलिस ने आज मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के राज्य सचिव सुरेन्द्र मलिक समेत 14 लोगों को हिरासत में ले लिया है जो रोडवेज़ कर्मचारियों के समर्थन में रैली कर रहे थे|

हरियाणा रोडवेज हड़ताल.jpeg

इसे भी पढ़े:- वामपंथी दल हरियाणा रोडवेज़ कर्मियों के साथ आए, अन्य विभागों में भी हड़ताल

इन सबके बाद भी हरियाणा सरकार अपने जिद्द पड़ अड़ी हुई हैI रोडवेज़ कर्मचारियों पर एक के बाद एक दमनकारी कार्यवाहियाँ जारी रखे हैI कल हरियाणा सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि वो 16  अक्टूबर  से हड़ताली कर्मचारियों के वेतन  कटेगीI जिससे रोडवेज़ कर्मचारियों का गुस्सा भड़क गया और कर्मचारियों ने ऐलान किया जब तक सरकार अपने निजीकरण के फैसले को वापस नहीं लेती तब तक ये हड़ताल जरी रहेगी|

तालमेल कमेटी कहना है कि "अब, सरकार ने फिर से 'किलोमीटर' के आधार पर राज्य परिवहन मार्गों में काम करने के लिए 720 निजी बसों को अनुबंध पर लेने के लिए कदम उठाए हैं। यह स्पष्ट है कि सरकार की इस तरह की कार्यवाही अंततः सबसे कुशलता से चलने वाली सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का निजीकरण करने के लिए प्रेरित है। हरियाणा रोडवेज़ को देश में सबसे बेहतर सार्वजानिक परिवहन व्यवस्था के लिए कई बार इनाम मिल चुका है उसे भाजपा निजी हाथो को बेचना चाहती है|”

इसे भी पढ़े:-हरियाणा रोडवेज़ कर्मचारी क्यों है हड़ताल पर?

हरियाणा रोडवेज़ कर्मचारी तालमेल कमेटी का कहना है कि “सरकार भारी नुकसान का हवाला देते हुए सार्वजनिक परिवहन को बंद करने की कोशिश कर रही हैI जबकि दूसरी तरफ वास्तविकता यह है कि जो भी नुकसान सार्वजनिक परिवहन को हो रहा है वह इस कारण है कि मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारी बाज़ार की कीमतों में दो से तीन गुना पर बसों के स्पेयर पार्ट्स खरीद रहे है, ताकि वे अपने कमीशन बना सकें।”

सीटू का समर्थन रोडवेज को.jpeg

हरियाणा रोडवेज़ कर्मचारी तालमेल कमेटी के सदस्य धर्मवीर हुड्डा ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि, “खट्टर सरकार ये सोच रही है कि वो कर्मचारियों की सैलरी काट कर आन्दोलन खत्म कर लेगी, जबकि रोडवेज़ का कर्मचारी तो सार्वजनिक परिवहन को बचने के लिए अपनी नौकरी तक को दाँव पर लगा कर बैठा हैI हमारे सैंकड़ों साथी एस्मा के तहत मुकदमा झेल रहे हैं, सैंकड़ों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया हैI इसके बाद भी ये आन्दोलन चल रहा है क्योंकि ये कर्मचारी अपने स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि हरियाणा की आम जनता के लिए लड़ रहे हैं, नौजवानों के पक्के रोज़गार के लिए लड़ रहे है|”

 

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