NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
हरियाणा : कृषि सुधारों का समर्थन करने की वजह से जेजेपी मुश्किल में
जेजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आवास पर जाने से रोकने के लिए जुलूस की बैरिकेडिंग कर दी गई थी; और पुलिस ने किसानों पर कथित तौर पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की।
रौनक छाबड़ा
07 Oct 2020
Translated by महेश कुमार
किसान
सिरसा के दशहरा मैदान में हज़ारों किसान एकत्रित हुए और 6 अक्टूबर को धरना दिया। सौजन्य–फ़ेसबुक

निजी कॉरपोरेट्स के पक्ष में झुकाव की आशंका वाले विवादास्पद कृषि सुधारों के खिलाफ देश भर में किसानों के संगठनों के नेतृत्व में व्यापक विरोध प्रदर्शन चल रहे है। यह विरोध हरियाणा में मंगलवार, यानि 6 अक्टूबर को हुआ, विरोध का स्थान राज्य के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और उनके चाचा रंजीत चौटाला का निवास स्थान था, जो सिरसा में है, वे बिजली और जेल मंत्रालय का प्रभार भी संभालते हैं।

हजारों की संख्या में किसान दशहरा मैदान में इकट्ठा हुए- जो मंत्रियों के आवास स्थान के नज़दीक है-यह विरोध/धरना यहां इसलिए किया गया क्योंकि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के दोनों नेताओं ने तीनों कृषि बिलों को अपना समर्थन दिया है।

उनके आवास की घेराबंदी करने का आह्वान राज्य के लगभग 17 किसान संगतनों ने किया था, जिन्हें 250 किसान संगठनों की राष्ट्रीय संस्था, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) का समर्थन हासिल था।

लगभग 3 बजे, मंत्रियों के आवास की तरफ बढ़ रही किसानों की रैली को सुरक्षा बलों ने रोक दिया था- जो स्थान घर से करीब 200 मीटर दूर था। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागने के साथ, लाठीचार्ज किया और पानी की बौछार की जिससे प्रदर्शनकारी किसानों को चोटें आई और प्रदर्शन में अफरातफरी हुई।

हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (BKU) के एक किसान नेता ने न्यूजक्लिक को फोन पर बताया कि “अगर चौटाला के घर तक पहुँचने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो किसान वहीं (जहाँ उन्हें बैरिकेड किया गया है) धरने पर बैठेंगे और हर दिन बड़ी संख्या इसमें शामिल होती रहेगी।"

बाद में दिन में, चौटाला ने ट्वीट कर बताया कि मेडिकल जांच के मुताबिक वे कोविड पॉज़िटिव पाए गए है।

इस बीच, प्रदर्शन के दौरान "या कुर्सी चुन लो या किसान” के नारे लग रहे थे, यह नारा किसानों के बीच गूंज उठा और किसान संगठनों की प्रमुख मांग बन गई, जो चाहते हैं कि दोनों मंत्री मनोहर लाल खट्टर सरकार से इस्तीफा दें।

उनकी पार्टी, जेजेपी को वर्षों से किसानों का समर्थन मिल रहा है, हरियाणा में ज्यादातर किसान जाट समुदाय से है। 2019 में, चुनाव के बाद के उभरे हालात में भाजपा से गठबंधन कर राज्य सरकार बना ली थी।

एआईकेएससीसी के मीडिया प्रमुख आशुतोष ने सिरसा से फोन पर न्यूजक्लिक को बताया कि राज्य भर में जो किसान आंदोलन में उतरे हैं उनकी संख्या 10,000 को छू गई है। उन्होंने कहा, यह " बावजूद इसके," है कि कई किसानों को सीमा पर ही रोक लिया गया और विरोध स्थल तक नहीं पहुंचने दिया है।"

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव, जो एआईकेएससीसी के राष्ट्रीय वर्किंग समूह के सदस्य भी हैं, ने सिरसा में प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करते हुए "किसान विरोधी" बिलों का समर्थन करने वाले सभी राजनीतिक नेताओं का सामाजिक बहिष्कार करने का आहवान किया।

Image 1__0.jpg

जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) नेता और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के घर का घेराव करते  किसान। सौजन्य - फ़ेसबुक

चौटाला पर दबाव बढ़ गया है, जिन्होंने पहले कृषि बिलों को "प्रगतिशील" बताया था, जबकि पड़ोसी राज्य पंजाब में शिरोमणि अकाली दल ने किसानों के समर्थन को बरकरार रखने के लिए भाजपा के साथ अपने गठबंधन को तोड़ दिया था।

अकाली दल ने किसानों के घेराव के बाद- जो लगभग एक सप्ताह तक एसएडी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी तथा केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल के निवास पर चला था के दाबाव में आकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। पंजाब में इन दोनों नेताओं पर पहले किसानों को “मूर्ख” बनाने और उनके हितों की रक्षा नहीं करने का आरोप लगा था। इसके बाद, भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को भी अलविदा कह दिया।

भारतीय किसान यूनियन- हरियाणा के राज्य सचिव हरपाल सिंह ने कहा कि अगर अकाली दल बीजेपी से नाता तोड़ सकते हैं तो जेजेपी क्यों नहीं। “चौटाला जी को राज्य सरकार और किसानों में अपनी स्थिति साफ करनी होगी और निर्णया लेना होगा। यदि वह हमारे हितों की रक्षा के बारे में गंभीर है, तो उन्हे अपने पद से इस्तीफा देना होगा, "सिंह ने सिरसा से फोन पर न्यूज़क्लिक को बताया," अगर ऐसा नहीं किया तो उनके खिलाफ यह विरोध अनिश्चित काल तक भी जारी रह सकता है।

दूसरी ओर चौटाला ने किसानों से गुमराह न होने की अपील की है। “हरियाणा के किसानों को पता है कि कौन उनके हितों की रक्षा कर रहा है। राज्य और केंद्र ने किसानों के हित में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, “ऐसा उन्होने हिंदुस्तान टाइम्स को रविवार को सिरसा के अपने निवास से कहा था।  

राज्य में पिछले महीने दो राज्य व्यापी बंद हुए हैं- 20 और 25 सितंबर को। ये बंद राज्य में चल रही रैलियों के अलावा थे, जिनमें से एक कुरुक्षेत्र के पिपली में था- यह वही जगह है जहां किसानों पर क्रूर पुलिस कार्रवाई भी की गई थी।

किसानों के आंदोलन के मामले में सबसे आगे चल रहे पंजाब और हरियाणा के साथ, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र सहित अन्य राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन हुए है।

इन आंदोलनों की बिना पर एआईकेएससीसी ने केंद्र सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ 26 और 27 नवंबर को "दिल्ली चलो" का आहवान किया है, ताकि केंद्र पर इन बिलों को रद्द करने का दबाव बनाया जा सके और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी अधिकार बनाने के लिए एक अलग कानून बनाने का रास्ता तैयार हो सके।

Haryana
farmers protest
Farm Bills
All India Kisan Sangharsh Coordination Committee Bharatiya Kisan Union
Jannayak Janta Party
Dushyant Chautala

Related Stories

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

लखीमपुर खीरी हत्याकांड: आशीष मिश्रा के साथियों की ज़मानत ख़ारिज, मंत्री टेनी के आचरण पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी

युद्ध, खाद्यान्न और औपनिवेशीकरण

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ मामले पर विधानसभा में पेश किया प्रस्ताव

विभाजनकारी चंडीगढ़ मुद्दे का सच और केंद्र की विनाशकारी मंशा

किसान आंदोलन: मुस्तैदी से करनी होगी अपनी 'जीत' की रक्षा

हड़ताल के कारण हरियाणा में सार्वजनिक बस सेवा ठप, पंजाब में बैंक सेवाएं प्रभावित


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License