NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
हरियाणा चुनाव: पीएम मोदी की पाकिस्तान को धमकी और पीने के पानी को तरसते 100 गांव!
ग्राउंड रिपोर्ट: हरियाणा में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को पानी बंद करने की धमकी के साथ ही किसानों को आश्वासन दिया कि वह उनके हक़ को जाया नहीं होने देंगे। लेकिन किसान इसे एक और जुमले से ज़्यादा नहीं समझ रहे हैं। आख़िर क्या है वजह? क्या है किसानों की पानी की जद्दोजहद? आइए आपको हरियाणा के ऐसे ही 100 गांवों की एक तस्वीर दिखाते हैं।
अमित सिंह
20 Oct 2019
haryana elections water problem

हिसार/दिल्ली: हरियाणा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी रैलियों में राष्ट्रवाद और पाकिस्तान का पानी बंद करने की बात करते रहे हैं। लेकिन ये बात किसानों को प्रभावित नहीं करती, क्योंकि हक़ीक़त कुछ और ही है।

हिसार के सैकड़ों गांव एक लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। आदमपुर और नाल्वा विधानसभा के ये गांव राजस्थान बार्डर से सटे हुए हैं। इन गांवों में रहने वाले लोगों का कहना है कि वह रहते और वोट तो हरियाणा में करते हैं लेकिन पानी राजस्थान का पीते हैं।

उनका कहना है कि उन्हें अपनी बेसिक जरूरतों को पूरा करने के लिए टैंकर का पानी खरीदना पड़ता है। इनमें से कई गांवों ने 2014 विधानसभा चुनावों का बहिष्कार भी किया था। राजनीतिक दलों द्वारा पानी की समस्या को लेकर उदासीन होने के चलते बुड़क गांव में पिछले विधानसभा चुनाव में एक वोट भी नहीं पड़ा था। इतना ही नहीं गांव वालों को कहना है कि 2017-18 में जल संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन करने के बावजूद भी उन्हें कोई राहत अब तक नहीं मिल पाई है।
 
हालांकि दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य में पानी की समस्या को सुलझाने के लिए अलग ही राष्ट्रवादी समाधान बता रहे हैं। राज्य के कई चुनावी भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के हिस्से के पानी की एक बूंद भी पाकिस्तान नहीं जाने दूंगा। यह भारत के किसानों के हिस्से का पानी है और इसका उपयोग देश के लोगों की ज़रूरतों को पूरी करने के लिए किया जाएगा। पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में कांग्रेस और स्थानीय पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व की सरकारों के समय भारत के हिस्से का पानी पाकिस्तान जाता रहा है, और उस समय की सरकारों ने इस पानी को रोकने के लिए एक बांध बनाने तक भी बात नहीं सोची।

Capture_22.PNG
प्रधानमंत्री ने कहा कि हरियाणा का किसान पानी के लिए तरसता रहा। यहां के खेत सूखते रहे और पाकिस्तान के खेतों में हरियाली बनी रहे, यह कैसे हो सकता है।

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान से पानी की समस्या वाले गांव के लोग तनिक भी प्रभावित नहीं हो रहे हैं। उनका कहना है कि बीजेपी सरकार ने पिछले पांच सालों में पानी की समस्या को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए हिसार जिले के आदमपुर विधानसभा में स्थित कजला गांव के रहने वाले वेद प्रकाश कहते हैं, 'हमारे गांव में पीने का पानी नहीं है। पीने के पानी के लिए हमें पैसे खर्च करके टैंकर से पानी लेना पड़ता है। हर गांव में दो से तीन टैंकर हैं, इससे हर आदमी का टर्न हफ्ते में एक बार आता है। हर टैंकर जिसमें 5000 लीटर पानी होता है उसकी कीमत 1000 रुपये है। हमने पानी स्टोर करने के लिए घर में जमीन के अंदर टैंक बना रखा है। एक हफ्ते के लिए पानी वहीं स्टोर करते हैं।'

मोदी के बयान का मजाक उड़ाते हुए वेदप्रकाश कहते हैं कि बीजेपी केंद्र में छह साल से और राज्य में पांच साल से सत्ता में हैं लेकिन इस समस्या को खत्म करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। अभी चुनाव के वक्त वो तमाम वादे कर रहे हैं। यह एक नए जुमले से ज्यादा कुछ नहीं है।

आपको बता दें कि इस इलाके के लोग सिधमुख नहर के पानी पर निर्भर हैं। दरअसल भाखड़ा-ब्यास का पानी राजस्थान में सिधमुख नहर परियोजना के तहत सिधमुख नहर की ओर मोड़ दिया गया है, जो साझेदार राज्यों और भारत सरकार के बीच हुए समझौतों के अनुसार है। यह नहर राजस्थान के भिरानी गाँव में स्थित है।

राज्य का जलकल विभाग भाखड़ा नदी से एक महीने में सिर्फ एक सप्ताह के लिए आदमपुर विधानसभा के गांवों में पानी की आपूर्ति करता है। पहले यह महीने में 15 दिन के लिए होता था। भाखड़ा पानी को गाँवों में उनकी पानी की पाइप लाइनों द्वारा लाया जाता है और जलाशयों में संग्रहित किया जाता है। इसे फिर फिल्टर किया जाता है और हर महीने में एक सप्ताह के लिए प्रत्येक घर में आपूर्ति की जाती है।

यह पूछे जाने पर क्या यह समस्या पिछले पांच सालों की है। गांव के एक दूसरे व्यक्ति चेना राम कहते हैं,' नहीं, यह समस्या कांग्रेस सरकार के जमाने में भी थी लेकिन इतनी बड़ी नहीं थी। उस समय हमें हर महीने में करीब 20 दिन पानी मिल जाता था।'

बुड़क गांव में स्थिति और भी खराब है। गांव के रहने वाले सतबीर सिंह कहते हैं, 'यहां जल विभाग में पानी की पाइप बिछाई है लेकिन उसमें पानी नहीं आता है। बड़े शहरों की तरह हमें 700 से 1000 रुपये 5000 लीटर पानी के लिए खर्च करना पड़ता है।'

ब्लॉक समिति के पूर्व सदस्य चंदवीर बाल्मीकि ने बताया कि यह समस्या 1996 से जारी है। वे कहते हैं, 'पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के कार्यकाल में ऐसी कोई समस्या नहीं थी। वे 11 साल, 9 महीने तक शासन किए। उसके बाद हम क्षेत्रीय राजनीति के शिकार हो गए। पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला ने केवल अपने निर्वाचन क्षेत्रों—निरवाना और सिरसा के लिए काम किया।'

बाल्मीकि आगे कहते हैं, 'पूर्व सीएम बंसीलाल ने अपने निर्वाचन क्षेत्र भिवानी में काम किया। 1996 में उनकी ढाई-तीन साल की सरकार ने भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने रोहतक पर ध्यान दिया। और खट्टर (राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री) ने करनाल के लिए काम किया जहां से वह पिछले विधानसभा चुनाव में चुने गए।'

यह पूछे जाने पर कि उनके अनुसार उनकी समस्या का समाधान क्या है, उन्होंने कहा कि अगर सभी गाँवों को पानी का उचित हिस्सा मिले तो समस्या थोड़ी हल हो जाएगी।

Capture2.PNG
बाल्मिकी आगे कहते हैं, 'सिधमुख नहर की बालसमंद शाखा, जो एक महीने में एक सप्ताह के लिए आदमपुर को पानी की आपूर्ति करती है, नलवा विधानसभा क्षेत्र में भी पानी की आपूर्ति करती है। अगर महीने में आपूर्ति दो सप्ताह तक बढ़ा दी जाए तो पानी की कमी नहीं होगी। यह समस्या इतनी बड़ी नहीं है जितनी कि यह अनुमानित है। इसे सरकार की गंभीरता की आवश्यकता है और इसे हल करने की इच्छा शक्ति चाहिए।'

पानी की कमी न केवल लोगों की दैनिक जरूरतों को बल्कि उनकी कृषि गतिविधियों को भी प्रभावित करती है। काजला निवासी राम कुंवर ने कहा कि उपजाऊ बेल्ट होने के बावजूद, यहां के किसान कपास, सरसों और गेहूं को बड़े पैमाने पर उगाते हैं, क्योंकि वे कम पानी देते हैं।

उन्होंने शिकायत भरे लहजे में कहा, 'हमें सिंचाई के लिए बड़े पैमाने पर बारिश के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है, जो कि नियमित नहीं है। जो पानी हमें मिलता है वह घरेलू आवश्यकता को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है, सिंचाई के लिए इसका उपयोग कैसे सोच सकते हैं? भूजल खारा है और फसलों के लिए अच्छा नहीं है। लेकिन सिंचाई के लिए इसका उपयोग करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है। वह भी महंगा है क्योंकि बिजली की दर अधिक है और हमें नियमित रूप से बिजली की आपूर्ति नहीं की जाती है। ये सभी मुद्दे हमारी कृषि उपज पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। राज्य में सरकार ने सिर्फ वादे के अलावा कुछ नहीं किया है।'

हिसार के आदमपुर और नलवा विधानसभा क्षेत्रों में राजस्थान की सीमा के साथ स्थित कई गाँवों में पानी की कमी का मुद्दा गति पकड़ चुका है। नवनिर्वाचित हिसार के सांसद बृजेन्द्र सिंह ने इस क्षेत्र को केंद्र की सिंचाई योजना में शामिल करने की माँग लोकसभा में की है।

हिसार के सांसद बृजेन्द्र सिंह ने लोकसभा में अपने पहले भाषण में भी स्वीकार किया था कि इस क्षेत्र में पानी की भारी कमी है। उन्होंने कहा था कि हिसार लोकसभा क्षेत्र के लगभग 100 गांव पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नलवा और आदमपुर खंड के लगभग 20 गाँव सिंचाई और पीने योग्य पानी की कमी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना (पीएमकेएसवाई) में इन गांवों को शामिल करने की मांग की, जिसमें कहा गया कि क्षेत्र के 29 गांवों को एकीकृत जल प्रबंधन कार्यक्रम (आईडब्ल्यूएमपी) में शामिल किया गया था, जिसे पीएमकेएसवाई में मिला दिया गया था।

आपको बता दें कि बुड़क, बछरा, गावर, सासराना, सुंडावास, बलसाम, बंदाहेरी के निवासियों ने नहर में पानी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए पिछले साल जनवरी से फरवरी तक 44 दिनों का प्रदर्शन किया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हस्तक्षेप के बाद जल संघर्ष समिति, जिला प्रशासन और भाजपा नेताओं के प्रतिनिधियों वाली एक समिति का गठन किया गया। लेकिन इन गांवों में पानी की स्थिति में शायद ही कोई सुधार हुआ हो।

जल संघर्ष समिति के प्रधान कुर्दा राम नम्बरदार ने न्यूज़क्लिक को बताया, 'समिति ने एक समाधान खोजने के लिए कई बैठकें कीं और हमें आश्वासन दिया गया कि तीन नहरें - बालसमंद शाखा, बरवाला शाखा और नई सिवानी फीडर को गांवों में अधिक पानी लाने की क्षमता में सुधार करने के लिए फिर से तैयार किया जाएगा। सीएम ने भी आश्वासन दिया कि छह महीने में समस्या हल हो जाएगी, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। हम अब भी टैंकरों से पानी खरीदने के लिए मजबूर हैं।'

गौरतलब है कि आदमपुर विधानसभा पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। यहां भाजपा ने तीन बार के कांग्रेस विधायक और दिवंगत भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ टिक-टॉक स्टार सोनाली फोगाट को मैदान में उतारा। भजनलाल ने विधानसभा में आठ बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया।

हालांकि 15 उम्मीदवार इस जाट बहुल निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, जिसकी मतदाता संख्या 1.60 लाख से अधिक है, मुख्य मुकाबला फोगाट और 51 वर्षीय बिश्नोई के बीच देखा जा रहा है।

हरियाणा में 21 अक्टूबर को मतदान हो रहा है और मतों की गिनती 24 अक्टूबर को होगी।

Haryana Assembly polls
BJP
Congress
Sonali Phogat
Kuldeep Bishnoi
Hisar
Kajla
Adampur
Narendra modi
Manohar Lal khattar
Water Shortage
indus water treaty

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?
    25 May 2022
    मृत सिंगर के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्होंने शुरुआत में जब पुलिस से मदद मांगी थी तो पुलिस ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया। परिवार का ये भी कहना है कि देश की राजधानी में उनकी…
  • sibal
    रवि शंकर दुबे
    ‘साइकिल’ पर सवार होकर राज्यसभा जाएंगे कपिल सिब्बल
    25 May 2022
    वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है और अब सपा के समर्थन से राज्यसभा के लिए नामांकन भी दाखिल कर दिया है।
  • varanasi
    विजय विनीत
    बनारस : गंगा में डूबती ज़िंदगियों का गुनहगार कौन, सिस्टम की नाकामी या डबल इंजन की सरकार?
    25 May 2022
    पिछले दो महीनों में गंगा में डूबने वाले 55 से अधिक लोगों के शव निकाले गए। सिर्फ़ एनडीआरएफ़ की टीम ने 60 दिनों में 35 शवों को गंगा से निकाला है।
  • Coal
    असद रिज़वी
    कोल संकट: राज्यों के बिजली घरों पर ‘कोयला आयात’ का दबाव डालती केंद्र सरकार
    25 May 2022
    विद्युत अभियंताओं का कहना है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 11 के अनुसार भारत सरकार राज्यों को निर्देश नहीं दे सकती है।
  • kapil sibal
    भाषा
    कपिल सिब्बल ने छोड़ी कांग्रेस, सपा के समर्थन से दाखिल किया राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन
    25 May 2022
    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे कपिल सिब्बल ने बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। सिब्बल ने यह भी बताया कि वह पिछले 16 मई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License