19 नवंबर को मोदी सरकार ने आखिर किसानों के सामने झुकने पर मजबूर हुई और तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कियाI इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया जा रहा है जो देश के किसानों को साल भर लंबे मुश्किल संघर्ष के बाद हासिल हुआI क्या यह देश के इतिहास में पहली बार था कि किसी किसान आंदोलन ने सरकारी आदेश को पटलने पर मजबूर किया हो? इतिहास के पन्ने के इस अंक में नीलांजन मुखोपाध्याय 1928 के बारडोली सत्याग्रह और मौजूदा किसान आंदोलन दोनों को एक साथ रखते हुए भारत में किसान आंदोलनों के इतिहास पर चर्चा कर रहे हैंI