केंद्र सरकार के अंतर्गत देश में तकनीकी शिक्षा को सुधारने के लिए चार साल पहले लगभग 1400 शिक्षकों की नियुक्ति हुई. नियुक्ति की शर्त यह थी कि राज्य सरकारें तीन साल बाद उन्हें अपने कॉलेजों में पक्की नौकरी देगी. लेकिन लगभग चार साल बाद भी इन शिक्षकों को अपनी पक्की नौकरी का इंतज़ार है. IIT जैसे संस्थानों से पढ़ने के बावजूद ये शिक्षक अपने लिए एक अदद नौकरी के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर है