NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
इंदौर : मोतियाबिंद के ऑपरेशन में 11 मरीजों ने आंखें गंवाई
इंदौर आई हॉस्पिटल में अमानक (Sub-Standard) दवाइयां एवं अव्यवस्था के शिकार हो गए मोतियाबिंद के मरीज। इसी अस्पताल में 2010 में ऑपरेशन करवाने वाले 18 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई थी।
राजु कुमार
18 Aug 2019
Indore Eye Hospital

मध्यप्रदेश के इंदौर आई हॉस्पिटल में आयोजित एक शिविर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाने वाले 11 मरीजों की रोशनी चली जाने का मामला सामने आया है। मामला 8 अगस्त का है, लेकिन यह तब सामने आया, जब मरीज के परिजनों को लगने लगा कि डॉक्टरों के आश्वासन के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है एवं मामला गंभीर है। फिर वे हंगामा करने लगे। इस मामले का खुलासा होते ही स्वास्थ्य विभाग सहित पूरा प्रशासनिक अमला सकते में आ गया। अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर सील कर दिया गया है। मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना पर दुःख जताया है। मरीजों को 50 हजार रुपए मुआवजा देने एवं मुफ्त में बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की घोषणा हो चुकी है। इस मामले में ज्यादा दुःख की बात यह है कि इसी अस्पताल में 2010 में मोतियाबिंद के ऑपरेशन करवाने वाले 18 मरीजों की रोशनी चली गई थी। यह अस्पताल ट्रस्ट के माध्यम से चलाया जाता है । 

8 अगस्त को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में एक शिविर लगाया गया था। ऑपरेशन के बाद जब अगले दिन मरीजों के आंख में दवाइयां डाली गई, तो आंख की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगी। दवाई के डालने के बाद ही मरीजों ने शिकायत की थी कि उन्हें सबकुछ सफेद दिख रहा है, कुछ ने काला-काला दिखाई देने की बात की। डॉक्टरों को लगा कि शायद यह सामान्य इंफेक्शन है और सबकुछ ठीक हो जाएगा। मरीजों ने भी भरोसा किया कि सब ठीक हो जाएगा। लेकिन धीरे-धीरे मरीजों को दिखना बंद हो गया। शुरुआती जांच के आधार पर डॉक्टर कह रहे हैं कि संभवतः ऑपरेशन के बाद जो दवा मरीजों के आंखों में डाली गई थी, उससे उनको इंफेक्शन हो गया है।
दिसंबर 2010 में भी इस अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था, जिसमें 18 लोगों की रोशनी चली गई थी। 2011 से इस अस्पताल को मोतियाबिंद ऑपरेशन के शिविर के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। बाद में धीरे-धीरे प्रतिबंधों को शिथिल कर दिया गया। 

DSC02517.JPG

2015 में बड़वानी जिला अस्पताल में हुए ऑपरेशन के बाद आंख गवांने वाली बुजुर्ग महिला।

इस क्षेत्र में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद आंख गंवाने की एक और बड़ी घटना नवंबर 2015 में हुई थी। तब बड़वानी जिले के जिला अस्पताल में लायंस क्लब और जिला अस्पताल द्वारा आयोजित शिविर में मोतियाबिंद के हुए ऑपरेशन में 86 में से 66 मरीजों की आंख की रोशनी चले जाने की भयावह घटना हुई थी। उस घटना में संक्रमण वाले मरीजों की जांच एम्स, दिल्ली के डॉक्टरों की टीम ने की थी और उसमें भी पाया था कि ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल किए गए आई वॉश फ्ल्यूड में गड़बड़ी थी। घटना में अपनी आंख गवां देने वाले मरीजों को 2 लाख रुपये मुआवजा दिया गया था और आजीवन 5 हजार रुपए मासिक का पेंशन देने की घोषणा हुई थी। 

प्रदेश में जन स्वास्थ्य अभियान लंबे समय से स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार, अमानक (Sub-Standard) दवाइयों की खरीदी और लापरवाही को लेकर आवाज उठा रहा है। ऐसी घटनाओं की जांच में भी अभियान ने पाया है कि अमानक दवाइयां एवं लापरवाही से ऐसी घटनाएं होती है। जब घटनाएं होती है, तो सरकार की सक्रियता दिखती है, लेकिन बाद में इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती। प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में अमानक दवाइयों की खरीदी का मुद्दा मध्यप्रदेश मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी उठाया था। 

इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार चिन्मय मिश्र का कहना है, ‘‘यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। अक्सर शिविरों में गरीब परिवार के लोग आते हैं। ग्रामीण इलाकों में बेहतर नियमित स्वास्थ्य सुविधाओं का लंबे समय से अभाव है। ऐसे में जब भी शिविर में ऑपरेशन किए जाते हैं, उनमें से अधिकांश शिविरों में प्रोटोकॉल का उल्लंघन होता है। चूंकि मरीज गरीब परिवार के होते हैं, इसलिए ऑपरेशन के बाद मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है या फिर मामला सामने आने पर उस समय त्वरित कार्रवाई की जाती है, लेकिन इसे लेकर कोई व्यापक रणनीति बनाने की पहल नहीं की जाती। आंख गवांने वाले अक्सर ये मरीज परिवार का भरण-पोषण करने वाले होते हैं, ऐसी घटना के बाद उनके परिवार पर आर्थिक संकट गहरा जाता है। वैसे बड़वानी की घटना के बाद तत्कालीन सरकार ने आंख गवांने वाले मरीजों को आजीवन 5 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन देने की बात की थी, जो उन परिवारों के लिए मरहम की तरह है, लेकिन फिर ऐसी घटना न हो, इसके लिए सरकार को कदम उठाना चाहिए, जो दिखाई नहीं देता।’’ 

अपने गृह जिले में घटित इस घटना के बाद स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस मामले की जांच के लिए 7 सदस्यीय समिति की घोषणा भी की गई है। मरीजों के आंख की रोशनी वापस आए, इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की मदद ली जाएगी।

Madhya Pradesh
Indore Eye Hospital
Madhya Pradesh government
KAMALNATH SARKAR
cataracts

Related Stories

मप्र : बोर्ड परीक्षा में असफल होने के बाद दो छात्राओं ने ख़ुदकुशी की

मध्य प्रदेश: आख़िर ईद के जुलूस के दौरान भड़की हिंसा की वजह क्या है?

मध्य प्रदेश: एक हफ़्ते में अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ घृणा आधारित अत्याचार की 6 घटनाएं

तिरंगा लगाते वक्त हुआ दर्दनाक हादसा, ग्वालियर नगर निगम के तीन कर्मचारियों की क्रेन से गिरकर मौत 

मध्यप्रदेश बस हादसा: 'हादसे का शिकार हुई मासूम ज़िंदगियों को निजीकरण और मुनाफ़े की हवस ने निगला'

मध्यप्रदेश के सीधी ज़िले में नहर में गिरी बस, 37 शव बरामद

फिर हादसा, फिर मौतें : यूपी के औरैया में 24 मज़दूरों की जान गई, एमपी के सागर में 5 की मौत

मप्र में रिलायंस के बिजली संयंत्र का राखड़ बांध टूटा, 6 लोग बहे, फसलों को नुकसान

मध्यप्रदेश: रीवा में बस हादसा ,नौ की मौत, 23 घायल

मध्य प्रदेश: बस के नदी में गिरने से सात यात्रियों की मौत, 35 घायल


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License