NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
राजनीति
पत्रकारिता की पढ़ाई के नाम पर महाविद्यालय की अवैध वसूली
शाहजहांपुर के एक महाविद्यालय में पत्रकारिता पढ़ाने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है, मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Apr 2022
 Shahjahanpur
फोटो साभार : दैनिक भास्कर

दिल्ली से करीब 370 किलोमीटर दूर शाहजहांपुर में पत्रकारिता की पढ़ाई कराने के नाम पर जमकर वसूली की जा रही है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब फॉर्म भरने की तारीख़ आई। और छात्र-छात्राओं से फिर से फीस मांगी जाने लगी, जबकि कोर्स की फीस पहले ही जमा की जा चुकी थी। इतना ही नहीं पत्रकारिता के नाम पर ठगे जा रहे छात्र-छात्राओं ने इसकी शिकायत कई बार थाने से लेकर संबंधित विभाग में की। पीड़ितों का ये भी कहना है कि वो मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर भी कई बार इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हुई। मामला ज्यादा बढ़ने के बाद इस बात का संज्ञान जब ज़िलाधिकारी ने लिया तब जाकर कार्रवाई हुई और पीड़ितों को करीब 1 लाख 28 हज़ार रुपये वापस कराया गया। इस पूरे मामले में जो सबसे चौकाने वाली बात है, वे यह है कि आरोपी अध्यापक को दो महीने पहले ही कॉलेज से निकाला जा चुका है। इसके बावजूद कॉलेज के भीतर ये धांधली धड़ल्ले से जारी है।

ये पूरा मामला शाहजहांपुर स्थित गांधी फैज़-ए-आम महाविद्यालय का है। जहां पत्रकारिता एंव जनसंचार की पढ़ाई करने वाले करीब आधा दर्जन छात्र-छात्राओं ने इस बारे में ज़िलाधिकारी को एक पत्र लिखकर अवगत कराया कि संबंधित विभागाध्यक्ष अध्यापक रिज़वान अहमद ने कोर्स की फीस अपने पास जमा कर ली थी, प्रवेश शुल्क के नाम पर साढ़े 15 हज़ार रुपये लिए थे, 1000 रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया गया था और ड्रेस के नाम पर 1500 रुपये जमा कराए गए थे।

इस पूरे मामले में लापरवाही की हद देखिए कि अध्यापक और कॉलेज प्रशासन के ऐसे कृत्यों के बारे में सोशल मीडिया से पता चला। इसके बाद जब छात्र-छात्राओं मे महाविद्यालय पहुंचकर जानकारी ली तो पता चला कि उनकी फीस ही नहीं जमा हुई है। इसके बाद ही पीड़ितों की ओर से कई जगहों पर शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई। क्योंकि वर्तमान में महाविद्यालय में परीक्षा फॉर्म भरे जा रहे हैं, ऐसे में उन छात्र-छात्राओं को फॉर्म नहीं भरने दिया जा सकता है जिनकी फीस नहीं जमा हुई है। इसी मामले में फंसे और अपने भविष्य की चिंता करते हुए जब पीड़ितों ने इसकी शिकायत ज़िलाधिकारी उमेश प्रताप सिहं से की तब उन्होंने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की और जांच के आदेश दिए।

इस गबन को लेकर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मोहम्मद तारिक का कहना है कि कॉलेज में प्रावधान है कि कॉलेज में काउंटर पर फीस जमा कर रसीद छात्र लेते हैं। कुछ बच्चों ने फीस पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष रिजवान को दे दी। रिजवान ने आधी फीस जमा कर शेष खुद गबन कर ली थी। अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के आने पर छात्राओं को रिजवान कॉलेज के बाहर दिख गए। उनसे सारी फीस लेते हुए छात्राओं को वापस कर दी। रिजवान को पहले ही कॉलेज से निकाला जा सकता है। इस प्रकरण से कॉलेज का कोई लेना-देना नहीं है।

यानी इस घटना के बाद सिर्फ एक अध्यापक पर पूरा मामला थोपा जा रहा है, जबकि बाकी के अध्यापक महाविद्यालय और खुद की छवि को साफ रखने के लिए बचते नज़र आ रहे हैं। लेकिन जानकारी के अनुसार यहां पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। यही कारण है कि ज़िलाधिकारी ने अतिरिक्त मजिस्ट्रेट राशि कृष्णा को खुद महाविद्यालय जाकर मामले की जांच के आदेश दिए थे। जब राशि कृष्णा वहां पहुंची तब एक-एक आरोप सही साबित हुए।

शिकायत पर ज़िलाधिकारी ने की कार्रवाई

ज़िलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह ने इस बात की जानकारी खुद दी कि-अतिरिक्त मजिस्ट्रेट राशि कृष्ण जांच करने गई थीं। वहां पर जांच के दौरान आरोप सही पाये गए। आरोपी अध्यापक को बुलाकर उसके पास से 1 लाख 28 हजार रुपये गबन की गई धनराशि वापस लेकर पीड़ितों को लौटाई गई। इस मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय टीम का गठन कर दिया गया है। जांच में अगर कॉलेज स्टाफ का भी नाम सामने आता है तो उनके ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी।

Shahjahanpur
journalism
journalism Study
Journalism course

Related Stories


बाकी खबरें

  • कुशाल चौधरी, गोविंद शर्मा
    बिहार: रोटी-कपड़ा और ‘मिट्टी’ के लिए संघर्ष करते गया के कुम्हार-मज़दूर
    21 May 2022
    गर्मी के मौसम में मिट्टी के कुल्हड़ और मिट्टी के घड़ों/बर्तनों की मांग बढ़ जाती है, लेकिन इससे ज्यादा रोज़गार पैदा नहीं होता है। सामान्य तौर पर, अधिकांश कुम्हार इस कला को छोड़ रहे हैं और सदियों पुरानी…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में ओमिक्रॉन के स्ट्रेन BA.4 का पहला मामला सामने आया 
    21 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,323 नए मामले सामने आए हैं | देश में अब कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 31 लाख 34 हज़ार 145 हो गयी है। 
  • विनीत तिवारी
    प्रेम, सद्भाव और इंसानियत के साथ लोगों में ग़लत के ख़िलाफ़ ग़ुस्से की चेतना भरना भी ज़रूरी 
    21 May 2022
    "ढाई आखर प्रेम के"—आज़ादी के 75वें वर्ष में इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा के बहाने कुछ ज़रूरी बातें   
  • लाल बहादुर सिंह
    किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है
    21 May 2022
    इस पूरे दौर में मोदी सरकार के नीतिगत बचकानेपन तथा शेखचिल्ली रवैये के कारण जहाँ दुनिया में जग हंसाई हुई और एक जिम्मेदार राष्ट्र व नेता की छवि पर बट्टा लगा, वहीं गरीबों की मुश्किलें भी बढ़ गईं तथा…
  • अजय गुदावर्ती
    कांग्रेस का संकट लोगों से जुड़ाव का नुक़सान भर नहीं, संगठनात्मक भी है
    21 May 2022
    कांग्रेस पार्टी ख़ुद को भाजपा के वास्तविक विकल्प के तौर पर देखती है, लेकिन ज़्यादातर मोर्चे के नीतिगत स्तर पर यह सत्तासीन पार्टी की तरह ही है। यही वजह है कि इसका आधार सिकुड़ता जा रहा है या उसमें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License