NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
100 दिनः अब राजनीतिक मार करेंगे किसान
100 दिनों के लंबे संघर्ष ने किसानों को और तपा दिया है। किसानों ने शनिवार को पांच घंटे का जाम केएमपी एक्सप्रेस-वे पर किया और इस तरह से आंदोलन को अलग वेग के साथ जिंदा रखने का ऐलान किया।
भाषा सिंह
06 Mar 2021
kmp protest

किसान आंदोलन को आज 100 दिन पूरे हो गये। संभवतः यह दुनिया का अपने आप में सबसे बड़ा, सबसे अधिक लोगों को लामबंद करने वाला, व्यापक धरातल वाला जनआंदोलन है। आज देश भर में किसानों के समर्थन में अलग-अलग तबके ने आवाज उठाई। किसानों ने आज पांच घंटे का जाम कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे पर किया और इस तरह से आंदोलन को अलग वेग के साथ जिंदा रखने का ऐलान किया।

किसान आंदोलन ने एक नई धार पैदा की है महापंचायतों के जरिये। जिस तरह से लाखों की तादाद में किसान इन महापंचायतों में उमड़ रहे हैं, उनमें महिलाओं की शिरकत हो रही है, मुसलमान किसान बड़ी संख्या में आ रहे हैं, खेतिहर मजदूर शामिल हो रहे हैं और सबके स्वर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मुखर हो रहे है—उससे एक बात साफ है कि यह आंदोलन अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए अब भी उतना ही दृढ़प्रतिज्ञ है जितना शुरू में था। यानी 100 दिनों के लंबे संघर्ष ने किसानों को और तपा दिया है। उत्तर प्रदेश में हो रही महापंचायतों ने खुलकर जहां योगी सरकार, भाजपा औऱ मोदी सरकार को किसान विरोधी घोषित किया है, उनके खिलाफ वोट देने का ऐलान किया है, वहीं हरियाणा में भी भाजपा की खट्टर सरकार के खिलाफ लामबंदी तेज हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चे आज बकायदा बयान जारी करके कहा है कि 10 मार्च को हरियाणा की मनोहरलाल खट्टर सरकार के खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा रहा है, उसका सभी विधायकों से समर्थन करने की अपील की गई है। बयान में कहा गया है—

संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा के सभी लोगों से यह अपील करता है कि वे बड़ी संख्या में एकजुट होकर सभी विधायकों (खासकर भाजपा और जेजेपी के विधायकों) के पास जाएं और उनसे अपील करें कि वो अविश्वास प्रस्ताव में किसान विरोधी भाजपा-जेजेपी सरकार के खिलाफ वोट डालें। हरियाणा के सभी विधायकों को यह संदेश देने की ज़रूरत है कि जो विधायक किसान आंदोलन के इस निर्णायक समय में किसान आंदोलन के साथ खड़ा नहीं होगा, उस विधायक को जनता आने वाले समय में सबक सिखाएगी। ---

ये अपने आप में बहुत अहम पहल है। किसान यूनियनों को अब यह साफ लग रहा है कि जब तक उनके आंदोलन की राजनीतिक मार सत्ताधारी दल को नहीं पड़ेगी, तब तक वह उनकी मांगों पर तवज्जो नहीं देगी।

यही सोच पश्चिम बंगाल में चल रहे चुनाव संग्राम को लेकर भी किसान नेताओं में बनी है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अब किसान बंगाल जाएंगे और वहाँ भाजपा और मोदी सरकार के किसान विरोधी रवैये पर लोगों से बात करेंगे और राजनीतिक प्रक्रिया में शिरकत करेंगे।

100 दिनों तक सफलतापूर्वक, शांतिपूर्ण आंदोलन चलाकर देश के अन्नदाता ने तीन किसान कानूनों के साथ-साथ लोकतंत्र बचाने की एक लंबी मिसाल पेश की है और यही वजह है कि विदेशों तक में इसकी धूम मची है। अंतर्ऱाष्ट्रीय मैग्जीन टाइम  ने जिस तरह से आंदोलन में शिरकत करने वाली महिला किसानों पर कवर निकाला है, उससे किसान आंदोलन की गूंज का अंदाजा लगता है। 

100 Days of Farmers Protest
Anti Farm Laws Protest
SKM
farmers protest
MSP

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

क्यों मिला मजदूरों की हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन

पूर्वांचल में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बीच सड़कों पर उतरे मज़दूर

देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में दिखा व्यापक असर

बिहार में आम हड़ताल का दिखा असर, किसान-मज़दूर-कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता

"जनता और देश को बचाने" के संकल्प के साथ मज़दूर-वर्ग का यह लड़ाकू तेवर हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ है

क्यों है 28-29 मार्च को पूरे देश में हड़ताल?

28-29 मार्च को आम हड़ताल क्यों करने जा रहा है पूरा भारत ?

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License