NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
मज़दूर-किसान
समाज
भारत
15 मज़दूरों की मौत के बाद भी मंत्री जी कह रहे हैं- लोग शौक से करते हैं पलायन
इस समय जब राज्य के 15 लोगों की मौत हुई है और पीड़ित परिवारों के घाव ताज़े हैं, सरकार कहना चाहती है कि बिहारी अपने शौक से कभी कश्मीर तो कभी पुणे में दिहाड़ी मज़दूरी करने जाते हैं, वहां जाकर अपनी जान गंवा रहे हैं।
मुकुंद झा
01 Jul 2019
Balrampur

महाराष्ट्र के पुणे में दीवार गिरने से बिहार के 15 मज़दूरों की मौत हो गई। इनमें कटिहार के 13 और सारण के दो मज़दूर शामिल हैं। सभी के शवों को उनके घर लाया गया। सभी मृतक दिहाड़ी निर्माण मज़दूर थे और काम की तलाश में पुणे गए थे। बिहार की एक सच्चाई है कि उचित काम भी मिले तो काम का पूरा दाम नहीं मिलता है। इसी कारण बड़ी संख्या में बिहार के नौजवान पलायन करते हैं लेकिन बिहार सरकार इस समस्या को हल करने के बजाय इसे नकारने में लगी है। 

बिहार सरकार के अति पिछड़ा कल्याण मंत्री विनोद सिंह ने बेतुकेपन की सारी हदे पार करते हुए कहा, 'कुछ लोग शौक से भी पलायन करने चले जाते हैं।' आपको याद हो कि कुछ महीने पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसी प्रकार की बात अपने एक इंटरव्यू में कही थी कि बिहार में रोजगार की कोई कमी नहीं है, लोग शौक के कारण पालयन करते हैं। 

इस समय जब राज्य के 15  लोगों की मौत हुई है और पीड़ित परिवारों के घाव ताज़े हैं, सरकार कहना चाहती है कि बिहारी अपने शौक से कभी कश्मीर तो कभी पुणे में दिहाड़ी मज़दूरी करने जाते हैं, वहां जाकर अपनी जान गंवा रहे हैं।  

आपको बता दें कि पिछले दिनों बिहार का एक किशोर दिहाड़ी मज़दूर कश्मीर में पैलट गन का शिकार हो गया था। इस हादसे में उसकी एक आंख की रौशनी चली गई थी।

इसी तरह अब महाराष्ट्र के पुणे में दीवार गिरने से इन 15 मज़दूरों की मौत हो गई।

इसे भी पढ़ें:- पलायन, शौक नहीं मजबूरी है नीतीश बाबू!

अगर पीड़ित परिवारों से पूछा जाए कि क्या उनके लोग शौक से बाहर गए थे, तो इसका जवाब मिल जाएगा। ऐसे ही एक परिवार जिसने अपने सदस्य को इस हादसे में खो दिया है,उसने  अपनी व्यथा बताई। मीडिया में आए बयान के मुताबिक उन्होंने कहा "यहाँ काम नहीं है हमारे पास। अगर काम मिलता भी है तो मज़दूरी इतनी कम है कि परिवार चलाना मुश्किल है। यहां रोज़ ज़्यादा से ज़्यादा डेढ़ सौ रुपये मज़दूरी मिलती है। बाहर जाते हैं तो रोज़ का 500 से 600 रुपया मिल जाता है। और नहीं तो क्या हमें शौक़ है बाहर जाने का?"

जितने भी मज़दूरों की मौत इस हादसे में हुई है। वो जिस इलाके से आते हैं, वो इलाका बाढ़ प्रभावित है। इन लोगों के पास इतनी खेती की ज़मीन भी नहीं है कि वो उससे अपना जीवन यापन कर सके। ऐसे में उनके पास एक ही काम होता है वो है खेतिहर मज़दूरी का वो भी पूर्णकालिक नहीं है। ऐसे में उनके पास दूसरे शहर में जाकर मज़दूरी करने के अलावा कोई चारा नहीं होता है। वहां भी उनके लिए जिंदगी आसान नहीं होती है क्योंकि वो इतने शिक्षित तो हैं नहीं कि कुछ बेहतर कर सकें। जिस शहर में वे रहते हैं वहां भी उनकी सुरक्षा का इंतजाम नहीं होता है। वो जिंदगी केवल गुज़ारने के लिए जाते हैं। 

इसे भी पढ़ें:- चुनाव 2019 : क्या इस बार रोज़गार और पलायन जैसे मुद्दे तय करेंगे बिहार का भविष्य

अभी इस घटना के बाद पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए सभी दलों के नेताओ का दौरा जारी है। आरजेडी, जेडीयू, बीजेपी सहित वाम दलों के नेता परिवार से मिले और सांत्वना दी। 

भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने इन दर्दनक मौत पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है और बिहार सरकार से मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपये तथा घायलों को बेहतर इलाज सहित 4-4 लाख रुपये तत्काल उपलब्ध करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भयानक विपदा व दु:ख की घड़ी में हमारी पार्टी पीड़ित परिजनों के साथ खड़ी है। बिहार सरकार द्वारा की गई घोषणा पूरी तरह अपर्याप्त है।

माले विधायक महबूब आलम ने कहा है कि इस मामले में हम किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेंगे। यह केंद्र-राज्य की असफलता ही है कि आज भी सीमांचल व पूरे बिहार के मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में दर-ब-दर की ठोकरे खा रहे हैं। केंद्र व राज्य द्वारा पलायन रोकने के बड़े-बड़े दावे के बावजूद मजदूरों का पलायन पहले से कहीं और अधिक बढ़ गया है और वे पूरी तरह एक असुरिक्षत जीवन व्यतीत करते हैं।

सीमांचल का इलाका लंबे अर्से से बिहार सरकार की घोर राजनीतिक उपेक्षा का दंश झेल रहा है, जहां भीषण गरीबी है। बिहार में उद्योग धंधों की भारी कमी होने के कारण ही लोग जीविकोपार्जन के लिए बाहर के प्रदेशों की ओर पलायन कर रहे हैं। यह काफी चिंताजनक है। यदि कटिहार शहर के जूट फैक्टरी, कांटी फैक्टरी, साबुन फैक्टरी, माचिस फैक्टरी आदि को चालू किया जाता तो इस पलायन को और इस प्रकार के हादसे को रोका जा सकता था।

migrants
Migrant workers
Bihar
CPIM
mla
Maharashtra
Nitish Kumar
jdu
anti migration

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

हैदराबाद: कबाड़ गोदाम में आग लगने से बिहार के 11 प्रवासी मज़दूरों की दर्दनाक मौत

मुज़फ़्फ़रपुर: हादसा या हत्याकांड!, मज़दूरों ने कहा- 6 महीने से ख़राब था बॉयलर, जबरन कराया जा रहा था काम

अहमदनगर के सरकारी अस्पताल में आग लगने से कोविड के 10 मरीज़ों की मौत

बसों में जानवरों की तरह ठुस कर जोखिम भरा लंबा सफ़र करने को मजबूर बिहार के मज़दूर?

पुणे रासायनिक संयंत्र अग्निकांड : कंपनी के मालिक के ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादतन हत्या का मुक़दमा दर्ज

नासिक के अस्पताल में आंखों में आंसू लिए जवाब मांग रहे हैं परिजन, मामले में प्राथमिकी दर्ज

बिहार में सुशासन नहीं, गड़बड़ियों की है बहार!

मध्यप्रदेश बस हादसा: 'हादसे का शिकार हुई मासूम ज़िंदगियों को निजीकरण और मुनाफ़े की हवस ने निगला'


बाकी खबरें

  • food
    रश्मि सहगल
    अगर फ़्लाइट, कैब और ट्रेन का किराया डायनामिक हो सकता है, तो फिर खेती की एमएसपी डायनामिक क्यों नहीं हो सकती?
    18 May 2022
    कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा का कहना है कि आज पहले की तरह ही कमोडिटी ट्रेडिंग, बड़े पैमाने पर सट्टेबाज़ी और व्यापार की अनुचित शर्तें ही खाद्य पदार्थों की बढ़ती क़ीमतों के पीछे की वजह हैं।
  • hardik patel
    भाषा
    हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दिया
    18 May 2022
    उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए त्यागपत्र को ट्विटर पर साझा कर यह जानकारी दी कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
  • perarivalan
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    राजीव गांधी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया
    18 May 2022
    उम्रकैद की सज़ा काट रहे पेरारिवलन, पिछले 31 सालों से जेल में बंद हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद उनको कभी भी रिहा किया जा सकता है। 
  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना मामलों में 17 फ़ीसदी की वृद्धि
    18 May 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 17 फ़ीसदी मामलों की बढ़ोतरी हुई है | स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में 24 घंटो में कोरोना के 1,829 नए मामले सामने आए हैं|
  • RATION CARD
    अब्दुल अलीम जाफ़री
    योगी सरकार द्वारा ‘अपात्र लोगों’ को राशन कार्ड वापस करने के आदेश के बाद यूपी के ग्रामीण हिस्से में बढ़ी नाराज़गी
    18 May 2022
    लखनऊ: ऐसा माना जाता है कि हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के पीछे मुफ्त राशन वित
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License