NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
2 सालों में 19 लाख ईवीएम गायब! कब जवाब देगा चुनाव आयोग?
ईवीएम में धांधली की चर्चा अब जैसे आम हो गई है, लेकिन 2 सालों में 19 लाख ईवीएम गायब होने के मुद्दे ने फिर से माहौल गर्म कर दिया है। अब कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।
रवि शंकर दुबे
02 Apr 2022
evm

संविधान को किसी भी हाल में बचाकर रखने का दावा करने वाले नेता, चुनाव आयोग और तमाम उन संस्थानों की ऐसे वक्त में चुप्पी, जब 19 लाख ईवीएम मशीनों के गायब होने का दावा किया जा रहा हो... जनता के साथ खुले आडंबर का एक साक्ष्य है। जहां सरकारी संस्थानों और कानून के हाथ इतने अकड़ गए हों कि नौकरशाही का फर्ज़ भी ठीक से नहीं निभा सकें तो एकमात्र उच्चतम न्यायलय का ही रास्ता बचता है।

ताज़ा उदाहरण के तौर पर हमें उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव देखने चाहिए, जहां विपक्षी पार्टियों की ओर से ईवीएम में धांधली की अनगिनत शिकाएतें की गईं। समाजवादी पार्टी का तो ट्वीट हैंडल इसी से भरा पड़ा था। जनता ने कई जगहों पर धांधली के खुले वीडियो भी देखे लेकिन चुनाव आयोग की चुप्पी जस की तस बनी हुई है।

अब जब 2 सालों में ईवीएम के साथ हुई इतनी बड़ी धांधली का खुलासा हुआ है तो कांग्रेस नेता शशि थरूर ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। दरअसल, हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट में ईवीएम गायब होने का मुद्दा उठा था, कांग्रेस विधायक ने आरटीआई के हवाले से सदन में कहा था कि 2016 से 2018 तक देश में 19 लाख ईवीएम गायब हुए हैं।

While I am usually wary of conspiracy theories, the mounting level of concerns about irregularities in the handling of EVMs requires a serious response from the Election Commission. The official confirmation of “missing EVMs” raises the obvious question, who has them & what for? pic.twitter.com/8lLblBXNlD

— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 30, 2022

शशि थरूर ने टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट को ट्वीट कर बताया था कि, खबर के मुताबिक, कर्नाटक में कांग्रेस विधायक एचके पाटिल ने आरटीआई का हवाला देते हुए विधानसभा में बताया कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा सप्लाई की गईं 9.6 लाख ईवीएम और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा सप्लाई की गईं 9.3 लाख ईवीएम 2016 से 2018 के बीच में गायब हो गईं। लेकिन इस मामले में चुनाव आयोग द्वारा अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।

वहीं इस मामले का संज्ञान लेते हुए कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने कहा कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के बारे में विधायकों द्वारा उठाए गए संदेह का जवाब देने के लिए भारत के चुनाव आयोग के अधिकारियों को तलब करेंगे। हेगड़े कागेरी ने आरोप लगाने वाले सदस्यों से भी स्पष्टीकरण मांगा है कि उन्होंने किस आधार यह आरोप लगाया। यह स्पष्ट होने के बाद ही चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा जाएगा।

शशि थरूर ने इस मामले में कहा कि ‘’मैं आमतौर पर साज़िशों से सावधान रहता हूं, लेकिन ईवीएम के संचालन में अनियमितताओं के बारे में बढ़ती चिंताओं पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया की ज़रूरत है। लापता ईवीएम की आधिकारिक पुष्टि सवाल उठाती है कि ये किसके पास हैं और इनका क्या हो रहा है?"

ईटीवी भारत की एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने भी इस मामले में सवाल खड़े किए हैं। कुमारस्वामी बोले कि- चुनावी व्यवस्था खराब हो गई है। इसके लिए लोग और पार्टियां ही जिम्मेदार है। कुमारस्वामी ने इस मामले पर बैठक में बोरियत जाहिर की। उन्होंने कहा कि ईवीएम से मतदान शुरू होने के बाद से ही कुछ शंकाएं सभी को सता रही हैं। चुनाव आयोग और सरकार को इन शंकाओं को दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में ईवीएम सप्लाई करने वाली दो कंपनियों और चुनाव आयोग के आंकड़ों में बड़ी असमानता सामने आई है। जानकारी के मुताबिक कंपनियों ने जितनी मशीनों की आपूर्ति की है और चुनाव आयोग को जितनी मशीनें मिली हैं, उनमें करीब 19 लाख का अंतर है।

वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की एक रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग हैदराबाद स्थित इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यानी ईसीआईएल और बेंगलुरु स्थित बीईएल से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें खरीदता है। एक कार्यकर्ता मनोरंजन एस रॉय द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम खरीदी को लेकर दोनों कंपनियों और ईसी के आंकड़ों में बड़ा अंतर सामने आया है। रॉय के अनुसार 1989-1990 से 2014-2015 तक के आंकड़ों पर गौर करें तो चुनाव आयोग का कहना है कि उन्हें बीईएल से 10 लाख 5 हजार 662 ईवीएम प्राप्त हुई हैं। वहीं बीईएल का कहना है कि उसने 19 लाख 69 हजार 932 मशीनों की आपूर्ति की है। दोनों के आंकड़ों में 9 लाख 64 हजार 270 का अंतर है। ठीक यही स्थिति ईसीआईएल के साथ भी है जिसने 1989 से 1990 और 2016 से 2017 के बीच 19 लाख 44 हजार 593 ईवीएम की आपूर्ति की।

लेकिन चुनाव आयोग ने कहा है कि उन्हें केवल 10 लाख 14 हजार 644 मशीनें ही प्राप्त हुईं और यहां भी 9 लाख 29 हजार 949 का अंतर पैदा हो रहा है। इसके साथ ही, इवीएम पर खर्च के आंकड़ों में भी बड़ा अंतर है। पहले की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि चुनाव आयोग के अनुसार, बीईएल से ईवीएम की खरीद पर 536.02 करोड़ रुपए का कुल खर्च हुआ है, जबकि बीईएल ने कहा कि उन्हें 652.56 करोड़ रुपए मिले हैं। यहां ईवीएम के खर्च में भी बड़ा अंतर है। ईसीआईएल से ईवीएम मंगाने पर चुनाव आयोग के खर्च की जानकारी उपलब्ध नहीं है।

अब इसे क्या कहा जायेगा कि ईसीआईएल का कहना है कि उसने 2013-2017 से 2013-2014 के बीच किसी भी राज्य में एक भी ईवीएम की आपूर्ति नहीं की थी। फिर भी ईसीआईएल को चुनाव आयोग के माध्यम से मार्च से अक्टूबर 2012 के बीच महाराष्ट्र सरकार से 50.64 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई। गंभीर और चिंताजनक सवाल यह है कि आखिरकार ईवीएम की दो कंपनियों से मिले आंकड़ों में इतना बड़ा अंतर क्यों है? बीईएल और ईसीआईएल द्वारा आपूर्ति की जाने वाली अतिरिक्त मशीनें वास्तव में कहां गईं? यह गड़बड़ी ईवीएम पर हुए खर्च में मिली है।

इसके अलावा पुरानी ईवीएम नष्ट करने का मामला भी स्पष्ट नहीं है। 21 जुलाई, 2017 को चुनाव आयोग ने कहा कि उसने कोई भी ईवीएम रद्दी में नहीं बेची है। वहीं ऐसा माना जाता है कि 1989-1990 की ईवीएम को निर्माताओं द्वारा स्वयं नष्ट कर दिया गया था। चुनाव आयोग ने कहा है कि 2000-2005 के बीच उन्हें मिली पुरानी, खराब, अपूर्ण ईवीएम को नष्ट करने की प्रक्रिया अभी भी विचाराधीन है। इससे यह भी स्पष्ट  होता है कि सभी मशीनें अब भी चुनाव आयोग के कब्जे में हैं।

ये भी पढ़ें : ‘’पोस्टल बैलेट में सपा को 304 सीटें’’। क्या रंग लाएगा अखिलेश का दावा?

EVM
EVM controversy
evm hacking
Electronic Voting Machine
election commission of India

Related Stories

दिल्ली नगर निगम चुनाव टाले जाने पर विपक्ष ने बीजेपी और चुनाव आयोग से किया सवाल

यूपी चुनाव: रुझानों में कौन कितना आगे?

यूपी चुनाव: नतीजों के पहले EVM को लेकर बनारस में बवाल, लोगों को 'लोकतंत्र के अपहरण' का डर

मतगणना से पहले अखिलेश यादव का बड़ा आरोप- 'बनारस में ट्रक में पकड़ीं गईं EVM, मुख्य सचिव जिलाधिकारियों को कर रहे फोन'

जनादेश-2022:  इस बार कहीं नहीं दिखा चुनाव आयोग, लगा कि सरकार ही करा रही है चुनाव!

विधानसभा चुनाव: वीडियो वैन के इस्तेमाल पर निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश जारी

चुनाव आयोग की विश्वसनीयता ख़त्म होती जा रही है

पंजाब विधानसभा चुनाव की नई तारीख़, अब 20 फरवरी को पड़ेंगे वोट

यूपी; नोट करें: आपके आस-पड़ोस में कब पड़ेंगे वोट, किस दिन आएगी आपकी बारी

राजनीति: राज्यसभा की आठ सीटें खाली लेकिन उपचुनाव सिर्फ़ एक पर


बाकी खबरें

  • moderna
    ऋचा चिंतन
    पेटेंट्स, मुनाफे और हिस्सेदारी की लड़ाई – मोडेरना की महामारी की कहानी
    09 Mar 2022
    दक्षिण अफ्रीका में पेटेंट्स के लिए मोडेरना की अर्जी लगाने की पहल उसके इस प्रतिज्ञा का सम्मान करने के इरादे पर सवालिया निशान खड़े कर देती है कि महामारी के दौरान उसके द्वारा पेटेंट्स को लागू नहीं किया…
  • nirbhaya fund
    भारत डोगरा
    निर्भया फंड: प्राथमिकता में चूक या स्मृति में विचलन?
    09 Mar 2022
    महिलाओं की सुरक्षा के लिए संसाधनों की तत्काल आवश्यकता है, लेकिन धूमधाम से लॉंच किए गए निर्भया फंड का उपयोग कम ही किया गया है। क्या सरकार महिलाओं की फिक्र करना भूल गई या बस उनकी उपेक्षा कर दी?
  • डेविड हट
    यूक्रेन विवाद : आख़िर दक्षिणपूर्व एशिया की ख़ामोश प्रतिक्रिया की वजह क्या है?
    09 Mar 2022
    रूस की संयुक्त राष्ट्र में निंदा करने के अलावा, दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों में से ज़्यादातर ने यूक्रेन पर रूस के हमले पर बहुत ही कमज़ोर और सतही प्रतिक्रिया दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा दूसरों…
  • evm
    विजय विनीत
    यूपी चुनाव: नतीजों के पहले EVM को लेकर बनारस में बवाल, लोगों को 'लोकतंत्र के अपहरण' का डर
    09 Mar 2022
    उत्तर प्रदेश में ईवीएम के रख-रखाव, प्रबंधन और चुनाव आयोग के अफसरों को लेकर कई गंभीर सवाल उठे हैं। उंगली गोदी मीडिया पर भी उठी है। बनारस में मोदी के रोड शो में जमकर भीड़ दिखाई गई, जबकि ज्यादा भीड़ सपा…
  • यूपी चुनाव: नतीजे जो भी आयें, चुनाव के दौरान उभरे मुद्दे अपने समाधान के लिए दस्तक देते रहेंगे
    लाल बहादुर सिंह
    यूपी चुनाव: नतीजे जो भी आयें, चुनाव के दौरान उभरे मुद्दे अपने समाधान के लिए दस्तक देते रहेंगे
    09 Mar 2022
    जो चैनल भाजपा गठबंधन को बहुमत से 20-25 सीट अधिक दे रहे हैं, उनके निष्कर्ष को भी स्वयं उनके द्वारा दिये गए 3 से 5 % error margin के साथ एडजस्ट करके देखा जाए तो मामला बेहद नज़दीकी हो सकता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License