NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
हरियाणा की 20,000 हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता करनाल में करेंगी रैली
2018 में घोषित की गई वेतन वृद्धि को लागू करने की मांग को लेकर आंगनवाड़ी की महिलाएँ और सहायिकाएं 8 दिसंबर, 2021 से हड़ताल पर हैं।
रौनक छाबड़ा
05 Jan 2022
Translated by महेश कुमार
हरियाणा की 20,000 हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता करनाल में करेंगी रैली

नई दिल्ली : लगभग 20,000 हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार दबाव बनाने के लिए बुधवार को हरियाणा के करनाल में एक रैली निकालेंगी, इसके साथ ही आंदोलन की अगुवाई कर रही तीन यूनियनों में से एक ने हड़ताल से समर्थन वापस लेने का फैसला भी किया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा पिछले महीने कई वित्तीय प्रोत्साहनों की घोषणा के बावजूद हरियाणा के 22 जिलों में लगभग सभी 26,000 आंगनवाड़ी केंद्रों पर संचालन 8 दिसंबर, 2021 से प्रभावित हुआ है, इन जिलों में सभी महिला कर्मचारी हड़ताल पर हैं, और अन्य मुद्दों के अलावा वे मासिक पारिश्रमिक में वृद्धि करने की मांग कर रही हैं। 

करनाल रैली की तैयारियां जोरों पर है और कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने करनाल जाने के लिए वाहनों की बुकिंग कर ली है, उक्त बातें, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियनों से संबद्ध हरियाणा आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की शकुंतला जोकि यूनियन की महासचिव भी हैं ने मंगलवार को न्यूज़क्लिक को बताई। 

“हमें उम्मीद है कि 20,000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं कल करनाल पहुंचेंगी। हमने रैली को जिला कार्यालय तक ले जाने की योजना बनाई है।' शकुंतला ने कहा कि जब तक राज्य सरकार उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित नहीं करती है, तब तक महिलाएं मुख्यालय के बाहर बैठी रहेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों, छात्रों और किसान नेताओं ने रैली को समर्थन दिया है। हालांकि सरकार ने यूनियन से कहा है कि हड़ताल वापस लेने के बाद मांगों पर "विचार" किया जाएगा, उन्होंने कहा, "हम तब तक हड़ताल जारी रखेंगे जब तक कि हमें लिखित में आश्वासन नहीं मिल जाता है।"

यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस से संबद्ध आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन की महासचिव पूषा दलाल ने न्यूज़क्लिक को बताया कि उनकी यूनियन से जुड़ी महिलाएं "बड़ी संख्या में" करनाल पहुंचेंगी। “हमने आज रोहतक में एक रैली भी आयोजित की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिक से अधिक महिलाएं हड़ताल में शामिल हों और कल करनाल पहुंचें। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि [राज्य] सरकार हमारी मांगों को जल्द से जल्द स्वीकार करे।”

सरकारी अनुमानों के मुताबिक, हरियाणा में करीब 52,000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं हैं। छह साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण को पूरक करने और अन्य विकास सहायता प्रदान करके देश भर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS) कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

हरियाणा कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगों में 2018 की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित मानदेय में वृद्धि की मांग है। वर्तमान में, राज्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को क्रमशः 12,000 और 6,000 रुपये का मासिक मानदेय मिलता है। 

एक प्रेस बयान के अनुसार और प्रदर्शनकारी यूनियनों के अनुसार, 2018 में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए क्रमशः 1,500 रुपये और 750 रुपये की वृद्धि को मंजूरी दी थी। यूनियन के नेताओं ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का 2020 से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम पंक्ति में होने के बावजूद वेतन वृद्धि नहीं की गई है।

पिछले महीने, खट्टर ने हड़ताली कर्मचारियों के लिए कई वित्तीय प्रोत्साहनों की घोषणा की थी, जिसमें कार्यकर्ताओं के लिए 1 लाख रुपये और सहायकों के लिए 50,000 रुपये का सेवानिवृत्ति लाभ शामिल है। उन्होंने मासिक मानदेय में वृद्धि और कार्यकर्ताओं के लिए अतिरिक्त कोविड-19 प्रोत्साहन और एक पदोन्नति नीति की भी घोषणा की थी।

खट्टर की घोषणा यूनियनों को हड़ताल वापस लेने के लिए मनाने में विफल रही है। यूनियनों ने अपनी चिंताओं को दोहराते हुए कहा कि इस तरह की अधिकांश घोषणाएं "कोई नई बात नहीं" हैं। दलाल ने कहा, "इन उपायों की घोषणा पहले भी की गई थी, लेकिन इसे कभी लागू नहीं किया गया।" इसके अलावा, यूनियनें नई पदोन्नति नीति से नाखुश हैं, जिससे कार्यकर्ताओं को पर्यवेक्षक के रूप में पदोन्नत करने के लिए उनकी वरिष्ठता पर विचार करने के बजाय परीक्षा देना अनिवार्य बनया गया है।

इस बीच, हरियाणा में संयुक्त कर्मचारी संघ से जुड़ी एक अन्य यूनियन ने हड़ताल से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है। यूनियन के महासचिव छोटा गहलावत ने न्यूज़क्लिक को बताया कि हड़ताल ने अब तक जो हासिल किया है उससे वे "संतुष्ट" हैं और इसलिए वे "हड़ताल को आगे जारी नहीं रखना चाहते हैं।”

Anganwadi Workers and Helpers
Haryana Anganwadi Workers & Helpers Union
Anganwadi Karyakarta Sahayika Union
CITU
UTUC
Haryana
Manohar Lal khattar

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी

झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!

दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को मिला व्यापक जनसमर्थन, मज़दूरों के साथ किसान-छात्र-महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल का दूसरा दिन, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    ज्ञानवापी प्रकरण: एक भारतीय नागरिक के सवाल
    17 May 2022
    भारतीय नागरिक के तौर पर मेरे कुछ सवाल हैं जो मैं अपने ही देश के अन्य नागरिकों के साथ साझा करना चाहता हूं। इन सवालों को हमें अपने हुक्मरानों से भी पूछना चाहिए।
  • ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई
    17 May 2022
    कोविड-19 महामारी लोगों को एक साथ ला सकती थी। यह महामारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) जैसे वैश्विक संस्थानों को मज़बूत कर सकती थी और सार्वजनिक कार्रवाई (पब्लिक ऐक्शन) में नया विश्वास जगा सकती थी…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 
    17 May 2022
    “सत्ता से सहमत होने के लिए बहुत से लोग हैं यदि पत्रकार भी ऐसा करने लगें तो जनता की समस्याओं और पीड़ा को स्वर कौन देगा?“
  • ukraine
    सी. सरतचंद
    यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 
    16 May 2022
    यूरोपीय संघ के भीतर रुसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने के हालिया प्रयास का कई सदस्य देशों के द्वारा कड़ा विरोध किया गया, जिसमें हंगरी प्रमुख था। इसी प्रकार, ग्रीस में स्थित शिपिंग कंपनियों ने यूरोपीय…
  • khoj khabar
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रती Tool-Kit : ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी हथियार ट्रेनिंग तक
    16 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से नफ़रती Tool-Kit काम कर रही है। उन्होंने ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी शौर्य ट्रेनिंग में हथियारों से लैस उन्माद पर सवाल उठाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License