NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
संकट दर संकट: यूपी में आंधी-बारिश से 43 लोगों की मौत, बड़े पैमाने पर फ़सलें बर्बाद
“पहले करोना ने बहुत नुकसान कर दिया अब रही-सही कसर ये आंधी-तूफान पूरी कर रहा है। इस साल क्या खाएंगे और क्या बचाएंगे पता नहीं। थोड़ा बहुत फल और सब्जी से उम्मीद थी क्योंकि लॉकडाउन अब खुल रहा है लेकिन अब वो भी बेकार है।”
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
01 Jun 2020
संकट दर संकट
प्रतीकात्मक तस्वीर

देशभर में कोरोना का कहर अपने चरम पर है तो वहीं उत्तर प्रदेश में आंधी और बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में शनिवार, 30 मई को आई आंधी-बारिश और ओलाबारी से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में 43 लोगों की मौत हो गई। राजधानी लखनऊ समेत विभिन्न क्षेत्रों में घर ढहने से लेकर आकाशीय बिजली गिरने की तमाम घटनाएं सामने आई हैं।

उन्नाव में 8 लोगों की मौत

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक उन्नाव में आए भीषण आंधी-तूफान ने जान-माल को भारी नुकसान पहुंचाया है। उन्नाव के बीघापुर, हसनगंज, पुरवा और बांगरमऊ क्षेत्र में सबसे ज्यादा तबाही मची है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले के विभिन्‍न तहसील क्षेत्रों में शनिवार शाम आंधी, बिजली गिरने और भारी बारिश से अलग-अलग घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो गई है। करीब 6 लोग घायल हुए हैं।

तूफान के बाद उन्नाव जिला प्रशासन ने सभी तहसील के एसडीएम को निर्देश दिया है कि वे रिपोर्ट सौंपें, जिससे प्राकृतिक आपदा में सहायता राशि दी जा सके।

उन्नाव के डीएम रविन्द्र कुमार ने कहा है कि हादसे में मारे गए सभी लोगों का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। पीड़ित परिवारों तक 24 घंटे के भीतर सहायता राशि पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।

शनिवार रात कानपुर-रायबरेली राजमार्ग पर रावतपुर गांव के सामने तेज़ आंधी के चलते 11,000 हाईटेंशन लाइन का पोल उखड़ कर गिर जाने से आवागमन बाधित हो गया। इस दौरान करीब 1 घंटे तक मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं।

कन्नौज में 5 लोगों की मौत

उन्नाव के बाद सबसे प्रभावित जिला कन्नौज रहा। यहां ठठिया क्षेत्र में शनिवार दोपहर आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से जुड़े हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई।

अपर जिलाधिकारी गजेंद्र कुमार ने बताया कि छतरपुर गांव मे बने इंडेन गैस सर्विस की गोदाम की छत ढहने से वाहन चालक विद्यासागर (45) की मौत हो गयी। वहीं दूसरी घटना ठठिया थाना क्षेत्र के सुरसा गांव मे हुई। यहां तूफान और बारिश से दिनेश पाल (30) के घर की दीवार गिर गयी जिसमें दिनेश पाल की मौके पर ही मौत हो गयी।

गजेंद्र कुमार के अनुसार तीसरी घटना ठठिया के ही भिखनीपुरवा में हुई। यहां रामआसरे (80) के सिर पर भारी ओला गिरने से उनकी मौत हो गई। तूफान के कारण तिजलापुर गांव मे चंदन कठेरिया और उनके आठ साल का पुत्र अभिषेक की मौत टैक्टर के ट्राली पलट जाने से हो गई।

कुमार ने बताया कि पांचवीं घटना रमईपुर में हुई जहां नीलू (18) यूकेलिप्टस के पेड़ के नीचे खड़ा था। इसी दौरान आंधी के कारण पेड़ गिर गया और वह उसके नीचे दब गया जिससे उसकी मौत हो गयी।

ठठिया थानाध्यक्ष विजय बहादुर वर्मा ने बताया कि क्षेत्र में दर्जनों पेड़ गिरे हैं तथा सैकड़ों घरों को नुकसान हुआ है। प्रशासन राहत-बचाव कार्य कर रहा है। अभी मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है।

क्या कहना है स्थानीय लोगों का?

उन्नाव और कन्नौज के स्थानीय लोगों ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा कि ऐसा दुखद और भयानक मंज़र उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। तूफान के कारण जगह-जगह बड़े पेड़ उखड़ गए हैं, बिजली के खंभे गिर गए हैं। खेती को भारी नुकसान तो हुआ ही है साथ ही कई घर और वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

उन्नाव के परशुराम पुरवा गांव के निवासी राम कृष्ण ने बताया, “हमारे ही गांव के 22 साल का लड़का गुड्डू अपने खेत से वापस आ रहा था, तभी आंधी और बारिश के कारण एक नीम के पेड़ के नीचे खड़ा हो गया। उसी वक्‍त पेड़ की डाल उस पर जा गिरी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।”

वो आगे कहते हैं कि जिनके कच्चे घर थे वो पूरी तरह से तबाह हो गए हैं, कई घरों की टीन शेड उड़ गए, बिजली के तार जहां-तहां बिखरे पड़े हैं। कई लोगों के जानवर यहां-वहां भटक गए हैं। इलाके में बहुत नुकसान हुआ है जिससे गरीबों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है, आज-कल हर जगह भुगतना पड़ रहा है।

कन्नौज के ठठिया क्षेत्र के निवासी लक्ष्मण सिंह का कहना है कि खतों में लगी सब्जियों को भारी नुकसान पहुंचा है, इसके अलावा प्याज की रुपाई के लिए जो बीज लगाए थे वो भी बर्बाद हो गए हैं। आम, जामुन और अमरूद तो आंधी में टूट ही गए, उनके कई पेड़ भी जड़ों से उखड़ गए हैं।

लक्ष्मण बताते हैं, “पहले करोना ने बहुत नुकसान कर दिया अब रही-सही कसर ये आंधी-तूफान पूरी कर रहा है। इस साल क्या खाएंगे और क्या बचाएंगे पता नहीं। थोड़ा बहुत फल और सब्जी से उम्मीद थी क्योंकि लॉकडाउन अब खुल रहा है लेकिन अब वो भी बेकार है।”

सरकार का क्या कहना है?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, राहत आयुक्त ने सूचित किया है कि 30 मई को बारिश, आंधी-तूफान की वजह से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 43 लोगों की मौत हुई है। उन्नाव में 8 और कन्नौज में पांच लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ में घर गिरने से दो लोगों की मौत हुई है और अलग-अलग जगहों पर 6 लोग घायल भी हुए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन मृत्यु पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने दिवंगतों के परिवारीजन को चार-चार लाख रुपये की राहत राशि तत्काल वितरित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के शोकसंतप्त परिवारीजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

विपक्ष का सवाल

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए आंधी-बारिश और ओलावृष्टि से हुई लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को जल्द मुआवज़ा देने की बात कही है।

राजस्थान पत्रिका के मुताबिक अखिलेश यादव ने रविवार, 31 मई को प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी को बताना चाहिए कि कितने किसानों को फ़सल बीमा का कितना भुगतान किया है? सरकार को यह ब्यौरा भी सार्वजनिक करना चाहिए कि पीड़ित किसान परिवारों की कहाँ और कितनी मदद की है?

उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों, कामगारों की जान की इस सरकार में कोई कीमत नहीं है। उनके प्रति संवेदना भी शून्य है। प्राकृतिक आपदा के शिकार किसानों को 10 लाख रूपये की आर्थिक मदद दी जानी चाहिए।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग के अधिकारी ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, “प्रदेश सरकार को पहले ही शनिवार के तेज़ आंधी और बारिश की चेतावनी दे दी गई थी। इसके साथ ही रविवार के लिए भी चेताया गया था कि अगले 24 घंटे में राज्य के अलग-अलग इलाकों में 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है। आने वाले कुछ दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम कई तरह की करवट ले सकता है।”

गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 13 लोगों की मौत हो गई थी। तेज हवाओं के कारण आगरा स्थित विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल के एक दरवाजे को भी नुकसान पहुंचा था।

UttarPradesh
Heavy rain and storm
Crops ruined
weather department
Coronavirus
Lockdown

Related Stories

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

बनारस: आग लगने से साड़ी फिनिशिंग का काम करने वाले 4 लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में सड़क दुर्घटना में 15 लोगों की मौत

बसों में जानवरों की तरह ठुस कर जोखिम भरा लंबा सफ़र करने को मजबूर बिहार के मज़दूर?

महाराष्ट्र में भूस्खलन और बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 149 हुई

यूपी: आज़मगढ़ में पुलिस पर दलितों के घर तोड़ने, महिलाओं को प्रताड़ित करने का आरोप; परिवार घर छोड़ कर भागे

मुंबई : चार मंजिला इमारत ढही, आठ बच्चों सहित 11 की मौत,सात लोग घायल, मकान मालिक व ठेकेदार पर दर्ज हुआ केस

गैस सिलिंडर फटने से दोमंजिला मकान ढहा, आठ लोगों की मौत

यूपी: ‘135 शिक्षक, शिक्षा मित्रों की पंचायत चुनावों में तैनाती के बाद कोविड जैसे लक्षणों से मौत'

नासिक के अस्पताल में आंखों में आंसू लिए जवाब मांग रहे हैं परिजन, मामले में प्राथमिकी दर्ज


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License