NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
8 लाख भारतीयों को छोड़ना पड़ सकता है कुवैत!
ख़बरों के मुताबिक कुवैत की नेशनल असेंबली की विधि एवं विधायिका समिति पहले ही विदेशियों का देशों के आधार पर कोटा तय करने के विधेयक को संवैधानिक करार दे चुकी है।
भाषा
06 Jul 2020
Kuwait
image courtesy : The Tribune India

दुबई: कुवैत में विदेशी कामगारों की संख्या में कटौती के लिए तैयार विधेयक के मसौदे को अगर संसदीय समिति मंजूरी दे देती है तो करीब आठ लाख भारतीयों को खाड़ी का यह देश को छोड़ना पड़ सकता है।

मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक नेशनल असेंबली की विधि एवं विधायिका समिति पहले ही विदेशियों का देशों के आधार पर कोटा तय करने के इस विधेयक को संवैधानिक करार दे चुकी है।

विधेयक के मुताबिक कुवैत की कुल आबादी में भारतीयों की संख्या 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। ‘गल्फ न्यूज’ ने एक कुवैती अखबार के हवाले से बताया कि अगर इस कानून को मंजूरी मिल जाती है तो करीब आठ लाख भारतीयों को कुवैत छोड़ना पड़ सकता है क्योंकि विदेशी नागरिकों में सबसे अधिक तादाद 14.5 लाख भारतीयों की है।

कुवैत की मौजूदा आबादी 43 लाख है जिसमें से कुवैती नागरिकों की संख्या करीब 13 लाख है जबकि विदेशियों की आबादी 30 लाख है।

तेल की कीमतों में गिरावट और कोरोना वायरस की महामारी के चलते विदेशी कामगारों का विरोध बढ़ा है और यहां की विधायिका और सरकारी अधिकारियों से कुवैत से विदेशी कामगारों को कम करने की मांग की जा रही है।

खबर के मुताबिक पिछले महीने कुवैत के प्रधानमंत्री शेख सबाह अल खालिद अल सबाह ने कुल आबादी में विदेशियों की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया था।

नेशनल असेंबली के अध्यक्ष मरज़ूक अल गनम ने कुवैत टीवी से कहा कि सांसदों का एक समूह कुवैत से विदेशी कामगारों की संख्या में चरणबद्ध तरीके से कटौती करने के लिए विधेयक का विस्तृत मसौदा पेश करेगा।

कुवैत टाइम्स ने उनके हवाले से कहा कि कुवैत की वास्तविक समस्या आबादी की संरचना है जहां 70 प्रतिशत आबादी विदेशी कामगारों की है। इससे भी गंभीर बात यह है कि 33.5 लाख विदेशियों में 13 लाख ‘‘या तो अनपढ़ हैं या मुश्किल से लिख-पढ़ सकते हैं।’’

गनम ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि हम डॉक्टर और कुशल कामगारों की भर्ती कर सकते हैं न कि अकुशल मजदूरों की। यह विकृति का संकेत है और वीजा कारोबारियों ने इस संख्या के बढ़ने में योगदान किया है।’’

असेंबली अध्यक्ष ने कहा कि मसौदा कानून में उनकी कोशिश विदेशी कामगारों की अधिकतम संख्या तय करने की है। उनकी संख्या में चरणबद्ध तरीके से कमी लाई जाएगी जैसे इस साल 70 प्रतिशत है, अगले साल 65 प्रतिशत और इसी तरह आने वाले वर्षों में कमी आएगी।

अरब न्यूज़ की खबर के मुताबिक विदेशी कोटा विधेयक को संबंधित समिति को विचार करने के लिए भेजा जाएगा। इसमें कहा गया है कि भारतीय की संख्या राष्ट्रीय जनसंख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए जिसका मतलब है कि आठ लाख भारतीयों को कुवैत छोड़ना पड़ेगा।

कुवैत स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक करीब 28 हजार भारतीय कुवैती सरकार में नर्स, राष्ट्रीय तेल कंपनियों में इंजीनियर और कुछ वैज्ञानिक के तौर पर काम करते हैं।

दूतावास के मुताबिक अधिकतर भारतीय (करीब 5.23 लाख) निजी क्षेत्र में काम करते हैं। इनके अलावा 1.6 लाख लोग वहां काम कर रहे भारतीयों के आश्रित हैं जिनमें से 60,000 भारतीय छात्र हैं जो कुवैत में 23 भारतीय स्कूलों में पढ़ते हैं।

विधेयक को संबंधित समिति को सौंपा जाएगा ताकि विस्तृत योजना बनाई जा सके। विधेयक में इसी तरह का प्रस्ताव अन्य देशों के नागरिकों के लिए भी है। उल्लेखनीय है कि कुवैत भारतीयों द्वारा देश भेजे जाने वाली राशि का सबसे बड़ा केंद्र है। वर्ष 2018 में कुवैत में रह रहे लोगों ने करीब 4.8 अरब डॉलर भारत भेजा था।

उल्लेखनीय है कि कुवैत में कोविड-19 के अधिकतर मरीज विदेशी कामगार हैं जो भीड़-भाड़ वाले घरों में रहते हैं। जॉन हापकिंस विश्वविद्यालय के मुताबिक कुवैत में अबतक करीब 49 हजार लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।

Dubai
Kuwait
NRI
Indian in Kuwait
Gulf country
Quota bill

Related Stories

तिरछी नज़र: ...ओह माई गॉड!

किसान आंदोलन की जीत का जश्न कैसे मना रहे हैं प्रवासी भारतीय?

नया प्रवासी विधेयक : देर से लाया गया कमज़ोर बिल

विपक्ष ने कुवैत के संसदीय चुनावों में बड़ी जीत हासिल की

एक वक़्त था जब कुवैत भारत का अहम साझेदार था

कुवैत एयरवेज़ में होगी 1500 विदेशी कर्मचारियों की छंटनी

कोविड-19 : यूएई की मदद के लिए भारत से 88 नर्सों का पहला समूह दुबई पहुंचा

कुवैत : पुलिस ने ईजिप्ट के मज़दूरों के विरोध प्रदर्शन को दबाया

कमलेश की तरह फिर न लौटाया जाए किसी बेटे का शव, ये तय करे सरकार

मोदी को एलीट एनआरआई स्वदेशी प्रवासियों से ज़्यादा पसंद हैं


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License