NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
9 जनवरी के बिहार बंद को लेकर वाम दलों ने अन्य पार्टियों से समर्थन मांगा
8-9 जनवरी की आम हड़ताल के समर्थन में वाम दलों ने 9 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
04 Jan 2019
सांकेतिक तस्वीर। (फाइल फोटो)

दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व अन्य स्वतंत्र कर्मचारियों के महासंघों के संयुक्त आह्वान पर 8-9 जनवरी की आम हड़ताल के समर्थन में वाम दलों ने 9 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है।

बंद के व्यापक समर्थन के लिए शुक्रवार को वाम नेताओं ने अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की और मोदी सरकार की कॉरपोरेट परस्त नीतियों के खिलाफ बिहार बंद को सक्रिय समर्थन देने की अपील की।

भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता केडी यादव व राजाराम, सीपीआईएम के राज्य सचिव मंडल के सदस्य अरूण मिश्रा और सीपीआई के वरिष्ठ नेता विजय नारायण मिश्रा ने संयुक्त रूप से विभिन्न विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की। मुख्य रूप से राष्ट्रीय जनता दल, हम, समाजवादी पार्टी, एनसीपी, लोकतांत्रिक जनता दल, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को पत्र के जरिए 9 जनवरी के बंद को समर्थन देने की अपील की।

ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, इनौस के बिहार राज्य सचिव नवीन कुमार व आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष मोख्तार ने भी संयुक्त प्रेस बयान जारी करके 8-9 जनवरी की हड़ताल व 9 जनवरी को आहूत बिहार बंद को अपना सक्रिय समर्थन देने की घोषणा की है। ऐपवा की महासचिव ने कहा है कि श्रम शक्ति की लूट में सबसे ज्यादा लूट महिला श्रम की ही हो रहा है। आशा-आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका-ममता-रसोइया आदि स्कीम वर्करों के प्रति सरकार का रवैया बहुत ही नकारात्मक है। ऐपवा उनकी मांगों का पुरजोर समर्थन करती है और बिहार की महिलाओं से बंद को सफल बनाने की अपील करती है। 

छात्र-युवा संगठनों ने बंद के समर्थन में छात्र-नौजवानों से एकजुटता प्रकट करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आज वक्त की मांग है कि जनता के सभी हिस्से अपने व्यापक एकता का निर्माण करें और कॉरपोरेट परस्त मोदी सरकार पर निर्णायक प्रहार करें।

इसके अलावा भाकपा-माले ने आंदोलनरत आशाकर्मियों पर बिहार सरकार द्वारा दमनात्मक कार्रवाईयों से संबंधित आदेश की कड़ी निंदा की है। भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि आज नीतीश कुमार पूरी तरह मोदी के नक्शे कदम पर चल रहे हैं और एक तानाशाह की बोली बोल रहे हैं। जनता के सवालों के प्रति वे हद दर्जे की संवेदनहीनता दिखला रहे हैं।

आपको बता दें कि बिहार में पिछले 1 महीने से आशाकर्मियों की हड़ताल चल रही है। आशाकर्मी अपने को सरकारी सेवक व 18000 रुपये मासिक मानदेय की मांग कर रही हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार अनसुना कर रही है। कई राज्यों में आशा को मानेदय मिल भी रहा है लेकिन बिहार में आशाओं से लगभग 10 साल पूर्व निर्धारित प्रोत्साहन राशि पर ही काम लिया जा रहा है।  

ये भी पढ़ें : 8-9 जनवरी की ऐतिहासिक हड़ताल के लिए उद्योग और ग्रामीण क्षेत्र तैयार

 

#WorkersStrikeBack
Workers Strike
workers protest
left parties
Bihar
bihar band
Left unity
CPI
CPI(M)
CPI(ML)

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?


बाकी खबरें

  • तो इतना आसान था धर्म संसद को रोकना? : रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट
    सत्यम् तिवारी
    तो इतना आसान था धर्म संसद को रोकना? : रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट
    27 Apr 2022
    डाडा जलालपुर में महापंचायत/धर्म संसद नहीं हुई, एक तरफ़ वह हिन्दू हैं जो प्रशासन पर हिन्दू विरोधी होने का इल्ज़ाम लगा रहे हैं, दूसरी तरफ़ वह मुसलमान हैं जो सोचते हैं कि यह तेज़ी प्रशासन ने 10 दिन पहले…
  • Taliban
    स्टीफन नेस्टलर
    तालिबान: महिला खिलाड़ियों के लिए जेल जैसे हालात, एथलीटों को मिल रहीं धमकियाँ
    27 Apr 2022
    तालिबान को अफ़गानिस्तान पर नियंत्रण किए हुए आठ महीने बीत चुके हैं और इतने समय में ही ये देश समाचारों से बाहर हो गया है। ओलिंपिक में भाग लेने वाली पहली अफ़गान महिला फ्रिबा रेज़ाई बड़े दुख के साथ कहती हैं…
  • modi
    न्यूज़क्लिक टीम
    100 राजनयिकों की अपील: "खामोशी से बात नहीं बनेगी मोदी जी!"
    27 Apr 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार डिप्लोमैट्स द्वारा प्रधानमंत्री को लिखी गयी चिट्ठी पर बात कर रहे हैं।
  • Stan swamy
    अनिल अंशुमन
    ‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण
    27 Apr 2022
    ‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’ पुस्तक इस लिहाज से बेहद प्रासंगिक है क्योंकि इसमें फ़ादर स्टैन स्वामी द्वारा सरकारों की जन-विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ लिखे गए चर्चित निबंधों का महत्वपूर्ण संग्रह किया गया है…
  • SHOOTING RANGE
    रवि शंकर दुबे
    लखनऊ: अतंर्राष्ट्रीय शूटिंग रेंज बना आवारा कुत्तों की नसबंदी का अड्डा
    27 Apr 2022
    राजधानी लखनऊ में बने अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग रेंज को इन दिनों आवारा कुत्तों की नसबंदी का केंद्र बना दिया गया है, जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License