NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
सरकार की जीत की घोषणा के एक दिन बाद टिग्रे सैनिकों का संघर्ष फिर तेज़
लड़ाई तेज़ हो गई है जिससे मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ रही है। रेड क्रॉस ने खराब स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और आवश्यक चिकित्सा की कमी पर चिंता जताई है।
पीपल्स डिस्पैच
30 Nov 2020
टिग्रे सैनिकों

टीपीएलएफ के सैनिकों ने रविवार 30 नवंबर को दावा किया कि संघीय सैनिकों से मीकेले से 200 किलोमीटर उत्तर इरिट्रिया की सीमा के करीब अकसुन शहर को फिर से हासिल कर लिया है। मीकेले पर इथियोपियन नेशनल डीफेंस फोर्स (ईएनडीएफ) के आक्रामक होने से पहले इस संघीय सैनिकों ने शुक्रवार को राजधानी शहर के आसपास रणनीतिक रूप से कई महत्वपूर्ण शहरों पर नियंत्रण करने का दावा किया था।

शनिवार की देर शाम हमले शुरू करने के कुछ घंटों बाद ईएनडीएफ ने टिग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (टीपीएलएफ) से मीकेले शहर पर नियंत्रण हासिल करने का दावा किया था। प्रधानमंत्री अबी अहमद ने एक बयान में घोषणा करते हुए जीत का दावा किया कि “इस संघीय सरकार का अब पूरी तरह से मीकेले शहर पर नियंत्रण है। क्षेत्रीय राजधानी की पूरी कमान के साथ यह ईएनडीएफ के अंतिम चरण का समापन है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि संघीय सरकार के सैनिकों ने उत्तरी कमान के हज़ारों सेना अधिकारियों को रिहा कर दिया है जिस पर 4 नवंबर को टीपीएलएफ की सेना ने हमला किया था और क़ब्ज़े में कर लिया था। इसके चलते सैन्य संघर्ष छिड़ गया था।

अबी के अनुसार संघीय सरकार ने "हवाई अड्डे, सार्वजनिक संस्थानों, क्षेत्रीय प्रशासन कार्यालय और अन्य महत्वपूर्ण परिसरों पर नियंत्रण" कर लिया है जो अब तक टीपीएलएफ के नियंत्रण में था, जिसने टिग्रे के क्षेत्रीय राज्य सरकार का नेतृत्व किया था।

1990 के दशक के बाद से देश में प्रमुख राजनीतिक शक्ति टीपीएलएफ सैन्य रूप से शक्तिशाली बनी हुई है। यह साल 2018 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में सुधारवादी के रूप में अबी अहमद के सत्ता में आने के बाद एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में हाशिए पर रहने के बाद भी शक्तिशाली बनी रही।

शनिवार रात को जब संघीय बल द्वारा मीकेले में विद्रोही क्षेत्रीय सैनिकों पर जीत का दावा करने के तुरंत बाद इरीट्रिया की राजधानी आसमरा में कम से कम छह विस्फोट हुए। ये शहर टिग्रे की उत्तरी सीमा के पास है।

इस बीच मीकेले का अस्पताल घायल रोगियों से भर गया और रेड क्रॉस के अनुसार बुनियादी सुविधाओं की कमी और आवश्यक चिकित्सा की कमी के कारण सीमित चिकित्सा कर्मचारियों के लिए सभी रोगियों का इलाज करना मुश्किल है।

Tigray soldiers
indonesia
Ethiopian National Defense Force
ENDF

Related Stories

पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है

इथियोपिया : फिर सशस्त्र संघर्ष, फिर महिलाएं सबसे आसान शिकार

राजनीतिक क़ैदियों की रिहाई और हिंसा को समाप्त करने की मांग करते हुए पश्चिमी पापुआ में विरोध प्रदर्शन

इंडोनेशिया में "ऑम्निबस कानून" के हटने के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन, पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए सैकड़ों लोग

चिंता : दिल्ली के निज़ामुद्दीन में तबलीगी जमात के 24 लोग कोरोना संक्रमित

इन्डोनेशिया : बच्चों के सुधार और पुनर्वास की कोशिशें जारी


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License