NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 May 2022
protest

नई दिल्ली: मुंडका समेत दिल्ली के अन्य हिस्सों में लगातार हो रही दुर्घटनाओं के विरोध में 'आल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू)' ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया। ऐक्टू के नेतृत्व में दिल्ली के विभिन्न इलाकों से आए मज़दूरों ने सुश्रुत ट्रामा सेंटर से मार्च निकालते हुए मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय के पास विरोध सभा की। प्रदर्शन में छात्र संगठन 'आइसा' ने भी भागीदारी की। कुछ दिन पहले, 17 मई को भी ऐक्टू और अन्य ट्रेड यूनियन संगठनों द्वारा दिल्ली के श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास के बाहर, मुंडका अग्निकांड के संबंध में प्रदर्शन किया गया था।

‘’मुंडका अग्निकांड, दुर्घटना नहीं बल्कि सरकारी संरक्षण में हो रहा जनसंहार’’

दिल्ली के बवाना, नरेला, पीरागढ़ी, करोल बाग़, सुल्तानपुरी, झिलमिल, अनाज मंडी से लेकर मुंडका तक मज़दूरों के जिंदा जल जाने की घटनाएं लगातार जारी हैं। सभी घटनाओं का कारण दिल्ली सरकार के श्रम विभाग,  एमसीडी, स्थानीय पुलिस-प्रशासन व अन्य सरकारी एजेंसियों की आपराधिक मिलीभगत है। दिल्ली के फैक्ट्री मालिकों को मुनाफ़ा कमाने के लिए सरकार ने पूरी छूट दे रखी है। इतने मज़दूरों के मारे जाने के बावजूद भी दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र की मोदी सरकार मज़दूरों की सुध लेने को तैयार नहीं हैं। सभा को संबोधित करते हुए ऐक्टू के राज्य अध्यक्ष संतोष राय ने कहा कि कई धरने-प्रदर्शनों के बाद भी कार्यस्थल पर मज़दूरों की सुरक्षा को लेकर सरकार बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अन्य राज्यों में जाकर झूठे वादे कर रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी विदेश-यात्राओं में ही व्यस्त हैं। मज़दूरों गरीबों के रोज़ी-रोटी-रोज़गार-सुरक्षा पर दोनों सरकारें चुप हैं।

‘’फैक्ट्री, सीवर, निर्माण स्थलों से लेकर घरों तक मे मारे जा रहे हैं मज़दूर’’

दिल्ली में हर रोज़ मज़दूर या तो किसी सीवर में मारे जाते हैं या फैक्ट्रियों के अंदर काम करते हुए। अभी-अभी दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके में एक घरेलू कामगार महिला के साथ हिंसा-उत्पीड़न का मामला सामने आया है। अगर राज्य और केंद्र की सरकारें, देश की राजधानी में भी मज़दूरों की सुरक्षा की गारंटी नही कर सकती तो इससे बड़े दुख की बात और क्या होगी।

मज़दूरों की हत्या पर मौन हैं संसद और विधानसभा: 'ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस' के नाम पर मालिकों को दी जा रही है पूरी छूट

ऐक्टू ने प्रदर्शन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय को ज्ञापन सौंपते हुए ये मांग उठाई कि प्रत्येक मृत मज़दूर के परिवार को 50 लाख का मुआवजा और आश्रितों को नौकरी दी जाए। घटना में 27 से ज़्यादा मज़दूरों के मारे जाने की संभावना को देखते हुए मृतकों-घायलों की संख्या के जांच की मांग भी उठाई गई। ऐक्टू की राज्य सचिव श्वेता ने यह कहा कि दिल्ली के मज़दूरों के पास पेट की आग से भूखे मरने और फैक्ट्री की आग में जलने के अलावा और कोई विकल्प नही है। संसद और विधानसभा के अंदर मज़दूरों के मुद्दों को लेकर कोई बातचीत नहीं हो रही। आने वाले दिनों में मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे मज़दूर-विरोधी श्रम कोड कानूनों के चलते ऐसी घटनाएं और बढ़ेगी। ऐक्टू कार्यस्थल पर मज़दूरों की सुरक्षा को लेकर आगे भी मज़दूरों का पक्ष मुखर रूप से उठाता रहेगा। दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में इस मुद्दे को लेकर संयुक्त अभियान भी चलाया जाएगा।

Mundka
Mundka Fire
AICCTU
Protest

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!

बिजली संकट को लेकर आंदोलनों का दौर शुरू

दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे

नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज

दिल्ली: लेडी हार्डिंग अस्पताल के बाहर स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, छंटनी के ख़िलाफ़ निकाला कैंडल मार्च


बाकी खबरें

  • रवि शंकर दुबे
    बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'
    17 May 2022
    आज की तारीख़ में जब पूरा देश सांप्रादायिक हिंसा की आग में जल रहा है तो हर साल मनाया जाने वाला बड़ा मंगल लखनऊ की एक अलग ही छवि पेश करता है, जिसका अंदाज़ा आप इस पर्व के इतिहास को जानकर लगा सकते हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    यूपी : 10 लाख मनरेगा श्रमिकों को तीन-चार महीने से नहीं मिली मज़दूरी!
    17 May 2022
    यूपी में मनरेगा में सौ दिन काम करने के बाद भी श्रमिकों को तीन-चार महीने से मज़दूरी नहीं मिली है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • सोन्या एंजेलिका डेन
    माहवारी अवकाश : वरदान या अभिशाप?
    17 May 2022
    स्पेन पहला यूरोपीय देश बन सकता है जो गंभीर माहवारी से निपटने के लिए विशेष अवकाश की घोषणा कर सकता है। जिन जगहों पर पहले ही इस तरह की छुट्टियां दी जा रही हैं, वहां महिलाओं का कहना है कि इनसे मदद मिलती…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध
    17 May 2022
    कॉपी जांच कर रहे शिक्षकों व उनके संगठनों ने, जैक के इस नए फ़रमान को तुगलकी फ़ैसला करार देकर इसके खिलाफ़ पूरे राज्य में विरोध का मोर्चा खोल रखा है। 
  • अजय कुमार
    वित्त मंत्री जी आप बिल्कुल गलत हैं! महंगाई की मार ग़रीबों पर पड़ती है, अमीरों पर नहीं
    17 May 2022
    निर्मला सीतारमण ने कहा कि महंगाई की मार उच्च आय वर्ग पर ज्यादा पड़ रही है और निम्न आय वर्ग पर कम। यानी महंगाई की मार अमीरों पर ज्यादा पड़ रही है और गरीबों पर कम। यह ऐसी बात है, जिसे सामान्य समझ से भी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License