NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
दुनिया भर के शिक्षाविदों ने यूरोपीय संघ से इज़रायल के विश्वविद्यालयों की फंडिंग रोकने की अपील की
इस पत्र में हस्ताक्षरकर्ताओं ने यूरोपीय संघ से अपने नियमों का विस्तार करने का आग्रह किया है जो कि क़ब्ज़े वाले फिलीस्तीनी क्षेत्रों में इज़रायली संस्थानों को अनुसंधान निधि देने पर रोक लगाते हैं।
पीपल्स डिस्पैच
28 Jul 2021
शिक्षाविद

दुनिया के कुछ सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों जैसे ऑक्सफोर्ड और एमआईटी के 150 से अधिक शिक्षाविदों ने एक नए पत्र में यूरोपीय संघ से 100 बिलियन डॉलर से अधिक के यूरोपीय संघ के अनुसंधान वित्त पोषण कार्यक्रम के माध्यम से इजरायल के विश्वविद्यालयों द्वारा अनुसंधान के फंडिंग को रोकने का आग्रह किया है। इस पत्र में कहा गया है कि जब तक इजरायल के शैक्षणिक संस्थान अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों के संबंध में यूरोपीय संघ के वित्त पोषण कार्यक्रमों के दिशानिर्देशों और आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं तब तक यूरोपीय संघ को "अपने लाभ उठाने का प्रयोग" करना चाहिए और फंडिंग को रद्द करना चाहिए।

21 विभिन्न देशों के शिक्षाविदों ने कहा कि इजरायली विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थान इजरायली सेना और हथियारों के निर्माण के साथ सक्रिय रूप से भागीदार हैं और सहयोग करते हैं और इसलिए कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में रहने वाले फिलिस्तीनियों के खिलाफ कब्जा, विस्थापन, युद्ध अपराधों और हिंसा के अन्य रूपों में शामिल हैं।

इस पत्र में कहा गया कि "हम मानते हैं कि कुछ सबसे प्रमुख मानवाधिकार संगठनों के बीच उभरती आम सहमति को देखते हुए, समस्या की जड़ कब्जे वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्र से परे है। यूरोपीय अनुसंधान फंड को रोकना महत्वपूर्ण होगा ताकि इजरायल के संस्थानों को इजरायल के फिलिस्तीनी मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल किया जा सके, चाहे वे कहीं भी स्थित हों।

न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय (एनवाईयू) के 400 सहयोगियों द्वारा हस्ताक्षरित इसी तरह के एक पत्र को मई के महीने में प्रकाशित किया गया था। इसने गाजा पर हवाई हमले और वेस्ट बैंक में हिंसा के मद्देनजर तेल अवीव के एनवाईयू के साथ "असहयोग" का भी आह्वान किया था।

अकादमिक और सांस्कृतिक रूप से इजरायल का बहिष्कार करना इजरायल कब्जे को समाप्त करने और फिलिस्तीनी अधिकारों का सम्मान करने के लिए दबाव डालने के लिए हाल के महीनों और वर्षों में एक महत्वपूर्ण तरीका बन गया है जिसमें दुनिया भर के लोग, एक्टिविस्ट और अन्य लोग फिलिस्तीनी मामले का समर्थन करते हैं और फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हैं जो निरंतर जातिवाद, भेदभाव, हिंसा और नस्लीय हत्या के खतरे में जी रहे हैं।

Israel
israeli universities
academics of the world
EU

Related Stories

रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ

90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

मैक्रों की जीत ‘जोशीली’ नहीं रही, क्योंकि धुर-दक्षिणपंथियों ने की थी मज़बूत मोर्चाबंदी

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

बुका हमले के बावजूद रशिया-यूक्रेन के बीच समझौते जारी

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया


बाकी खबरें

  • victory
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बैडमिंटन टूर्नामेंट: 73 साल में पहली बार भारत ने जीता ‘’थॉमस कप’’
    15 May 2022
    बैंकॉक में खेले गए बैडमिंटन के सबसे बड़े टूर्मानेंट थॉमस कप को भारत ने जीत लिया है। भारत ने 73 साल में पहली बार ये कप जीतकर इतिहास रच दिया।
  • President
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: राष्ट्रपति के नाम पर चर्चा से लेकर ख़ाली होते विदेशी मुद्रा भंडार तक
    15 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह एक बार फिर प्रमुख ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता: वक़्त है फ़ैसलाकुन होने का 
    15 May 2022
    “वक़्त कम है/  फ़ैसलाकुन समय की दस्तक / अनसुनी न रह जाए...”  वरिष्ठ कवि शोभा सिंह अपनी कविताओं के जरिये हमें हमारे समय का सच बता रही हैं, चेता रही हैं। वाकई वक़्त कम है... “हिंदुत्व के बुलडोजर की/…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: ...ओह माई गॉड!
    15 May 2022
    सरकार जी जब भी विदेश जाते हैं तो वहां रहने वाले भारतीयों से अवश्य ही मिलते हैं। इससे सरकार जी की खुशहाल भारतीयों से मिलने की इच्छा भी पूरी हो जाती है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेट : कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दूसरे दिन भी सर्वे,  जांच पूरी होने की उम्मीद
    15 May 2022
    सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का सच क्या है? दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे हैं। हालांकि अदालत में अधिकृत जांच रिपोर्ट 17 मई को पेश की जाएगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License