NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
गोरखपुर में हुई मौतों पर योगी के आंकड़े मनगढ़ंत : सीएम के पूर्व सहयोगी
न्यूज़क्लिक ने सुनील सिंह से बात की जो अब समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं – अन्य मुद्दों के अलावा, उनके और योगी आदित्यनाथ के रिश्तों में आई खटास पर भी चर्चा हुई। 
सौरभ शर्मा
23 Jan 2020
Translated by महेश कुमार
Yogi Adityanath
Image Courtesy : Scroll

सुनील सिंह, वह व्यक्ति हैं जिन्हें कभी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दाहिना  हाथ माना जाता था - जिन्हें सीएम का हनुमान भी कहा जाता था – वे हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं और योगी के जानी दुश्मन की तरह बन गए हैं।

सिंह, जिन्हें 2016 तक योगी आदित्यनाथ के साथ देखा जाता था, 2017 में उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कई आपराधिक आरोप लगे और इसके लिए उन्हें कई महीनों तक जेल में भी रहना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आदित्यनाथ के आदेश पर उन्हें इन केसों में फंसाया गया है।

हिंदू युवा वाहिनी, जो एक कट्टरपंथी हिंदू संगठन है; के संस्थापक होने के नाते उन पर  बुलंदशहर में एक व्यक्ति को लिंचिंग के ज़रिये मारने, गोरखपुर में घरों को तोड़ने, मोहब्बत करने के जुर्म में एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई करने के आरोप हैं। अब उन्होंने इस संगठन का समाजवादी पार्टी में विलय कर दिया है।

न्यूज़क्लिक ने उनसे कई मुद्दों पर बात की, जिसमें आदित्यनाथ के साथ उनके रिश्ते में आई खटास भी शामिल है।

सुनील ने बताया कि उनके गोरक्षापीठ के अनुयायी और गोरखनाथ मंदिर के शिष्य होने के नाते, वे हमेशा मंदिर के लिए समर्पित रहे हैं, जिसके कारण 1995 में वे आदित्यनाथ के पक्के गुर्गे बन गए थे। उन्होंने कहा, "मैंने देखा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ने के लिए टिकट लेने के लिए ख़ासी मेहनत कर रहे हैं और यह तब कर रहे थे जब उन्हें गोरखनाथ मंदिर का मुख्य पुजारी नियुक्त कर दिया गया था।

जब मैंने देखा कि मुख्यमंत्री अपने गुरू महंत अवैद्यनाथ के सामने रो रहे हैं तो मुझे बहुत बुरा लगा। वास्तव में, मुझे आज भी उनके इस तरह से रोने का बुरा लगता है क्योंकि प्रधान पुजारी होने के बावजूद, उन्हें अपमानित किया गया था। हालाँकि उनके गुरू की वकालत करने के बाद उन्हें टिकट मिल गया था।”

सिंह ने आगे कहा, “उस दिन मैंने संकल्प लिया था कि योगी जी को इतना शक्तिशाली बनाऊँगा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी उनके सामने झुक जाएगी। मैंने इसे संभव बनाया और हिंदू युवा वाहिनी की बदौलत आज वे मुख्यमंत्री हैं। मैंने 36 विधान सभा सीटों पर अपने लोगों को मैदान में उतार दिया था, जिन्होंने अपने चुनाव का ख़र्च ख़ुद इसलिए उठाया ताकि योगी आदित्यनाथ को राज्य में प्रमुख पद मिल सके और तब भाजपा उनके पास आएगी। अन्यथा, चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव से पहले लगाए गए पोस्टरों तक पर योगी जी की कोई तस्वीर नहीं थी। मैंने योगी जी से कहा था कि यह ग़लत है और मैं इसका विरोध करने जा रहा हूं। योगी जी ने तब उम्मीदवारों को चुनाव में उतारने के मेरे विचार से सहमति व्यक्त की थी, लेकिन बाद में वे मुकर गए थे। हमने उम्मीदवारों को मैदान में यह सोच कर उतार दिया था कि नई दिल्ली में उनके राजनीतिक आकाओं को यह बात परेशान कर सकती थी।"

सिंह चाहते हैं कि लोगों को यह बात पता चले कि योगी आदित्यनाथ को शक्तिशाली बनाने के इरादे से ही हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया गया था। वो कहते हैं, "क्योंकि कोई भी योगी को नहीं जानता था, एक तो वे उत्तराखंड से आए थे और दूसरे वे गोरखपुर की संस्कृति और भूगोल या पूर्वी उत्तर प्रदेश के बारे में कुछ नहीं जानते थे। युवा वाहिनी युवाओं का एक संगठन था जिसके सामने गुरू अवैद्यनाथ ने 'हिंदू' उपसर्ग दिया था। ये योगी आदित्यनाथ थे जिन्होंने इस संगठन को  कट्टरपंथी बनाया क्योंकि उन्होंने हमारे दिमाग में इस्लामोफोबिया पैदा किया था। वह कहते थे कि अगर हम एकजुट नहीं हुए तो मुसलमान भविष्य में हमारे ऊपर शासन करेंगे।"

जब उनसे पूछा गया कि एनएसए के तहत उनकी गिरफ़्तारी क्यों हुई और उन पर क्या आरोप हैं, तो सिंह ने जवाब दिया, “योगी आदित्यनाथ मुझसे डरते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि मैं उनके बारे में बहुत सी बातें जानता हूँ। यही कारण था कि उसने मुझे जेल में अन्य धर्मों के कट्टर अपराधियों के साथ रखकर मुझे मरवाने की योजना बनाई थी। मुझे जेल में यातना दी गई, तन्हा कोठरी (अलगाव) में रखा गया। लेकिन इस सबने मुझे और मज़बूत बना दिया और अब, आने वाले दिनों में, मैं धीरे-धीरे इस भिक्षु के चेहरे से नकाब हटा दूंगा जो सिर्फ़ जुमलेबाज़ी कर रहा है और राज्य की मासूम जनता को चाँद का वादा कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि यूपी के सीएम ने हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों का दिमागी मिज़ाज बदला है। सुनील कहते हैं, ''योगी जी उस बीजेपी के ख़िलाफ़ एक विद्रोही रहे हैं, जिसने पूर्व में इन्हें कई बार प्रमुख पद दिए हैं।'' उन्होंने कहा कि वे राज्य के नागरिकों के सामने हर बात पर ग़लत और मनगढ़ंत आंकड़े पेश करते रहे हैं। सिंह ने दावा किया कि गोरखपुर में मौतों का आंकड़ा पूरी तरह से गढ़ा गया है और बच्चे अभी भी इंसेफेलाइटिस के कारण मर रहे हैं।

सुनील ने अब अपने संगठन को समाजवादी पार्टी में विलय कर लिया है, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि संगठन के ख़िलाफ़ दर्जनों मामले लंबित हैं और पुलिस ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में संगठन को दंगा करने वाला क़रार दिया है।

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

Adityanath’s Data on Gorakhpur Deaths Fabricated: Former CM Aide

Hindu yuva vahini
Sunil Singh
Gorakhpur
Gorakshapeeth
SAMAJWADI PARTY
BJP
Yogi Adityanath
National Security Act

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License