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भारत
राजनीति
एयरलाइंस संकट: इंडिगो में 10% कर्मचारियों के छँटनी का ऐलान, एयर इंडिया बिना वेतन छुट्टी पर भेजने को तैयार
कोरोना के नाम पर एक बार फिर आम कर्मचारियों पर गाज गिर रही है। इंडिगो ने अपने 10 फीसदी कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है, जबकि एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों बिना वेतन के छुट्टी पर भेजने की योजना बनाई है जिसका कर्मचारी संयुक्त रूप से विरोध कर रहे हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Jul 2020
एयरलाइंस संकट

कोरोना और लॉकडाउन के कारण गंभीर आर्थिक संकट का दावा करते हुए देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो ने अपने 10 फीसदी कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है यानी लगभग 2200 लोगों की नौकरी जाएगी। लेकिन यह सिर्फ इंडिगो एयरलाइंस का संकट नहीं बल्कि एयरलाइंस क्षेत्र में काम करने वाली सभी कंपनियों का मामला है। कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेजा दिया था। यहाँ तक की सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया ने भी अपने कर्मचारियों बिना वेतन के छुट्टी पर भेजने की योजना बनाई है जिसका वहां के कर्मचारी संयुक्त रूप से विरोध कर रहे हैं।

क्या कहना है इंडिगो का

इंडिगो एयरलाइंस कंपनी के सीईओ रणजय दत्ता ने एक बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि'कंपनी इस समय गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रही है और अपना कारोबार जारी रखने के लिए उसे कुछ त्याग करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी संभावित परिस्थितियों पर विचार करने के बाद यह साफ है कि हमें अपने 10 फीसदी कर्मचारियों को निकालना होगा।"

इंडिगो के सीईओ ने कहा कि यह पहला मौका है "जब कंपनी को ऐसी मुश्किल कदम उठाना पड़ रहा है। 31 मार्च, 2019 तक कंपनी के कुल 23,531 कर्मचारी थे। कोरोना महामारी और इससे जुड़े लॉकडाउन के कारण एविएशन सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है। देश में करीब दो महीने तक उड़ानों का संचालन पूरी तरह बंद रहा। हालांकि 25 मई से सीमित संख्या में घरेलू उड़ानों की अनुमति दे दी गई। लेकिन इस पूरी तरह पटरी पर लौटने में अभी लंबा समय लगेगा"

लोगो ने कहा- 10% कर्मचारियों को निकलने के बजाय उच्च अधिकारियों के वेतन में 1% की कटौती करे

सोशल मीडिया पर लोगों ने इंडिगो के इस फैसले के बाद उसकी आलोचना की। साथ ही कई लोगों ने सवाल किया की कंपनी के सीईओ रणजय दत्ता के वेतन में कितनी कटौती हुई है।

कई लोगो ने कहा कि 10% कर्मचारियों को निकलने के बजाय उच्च अधिकारियो के वेतन में 1% की कटौती की जाए।

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इसके साथ ही कई यूजर ने कंपनी से कर्मचारियों को न निकलने को कहा और कहा एक कर्मचारी का मतलब एक परिवार होता है। ऐसे में अगर एक कर्मचारी को निकला जाएगा तो एक परिवार पर इसका असर पड़ेगा।

एयर इंडिया की भी अपने कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेजने की योजना, कर्मचारियों का विरोध

कोरोना महामारी के कारण हुई नुकसान की भरपाई करने के लिए सरकारी नियंत्रण वाली एयरलाइंस एयर इंडिया अपने कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेजने का मन बना रही है। इसके माध्यम से वो अपनी लागत में कमी करना चाह रही है परन्तु कर्मचारयों ने इसका विरोध किया है। इसका विरोध करते हुए 20 जुलाई को कर्मचारियों के संयुक्त मंच जॉइंट एक्शन फोरम ऑफ़ एयरइंडिया यूनियन ने नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी को पत्र लिखा है। इस योजना का पूर्णत विरोध किया और इसे असंवैधनिक बताया।

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आपको बता दें 7 जुलाई को, एयरलाइन के बोर्ड ने अपने स्थायी कार्यबल के लिए बिना वेतन के छुट्टी की योजना को मंजूरी दी, जिसकी अवधि छह महीने से लेकर पांच साल तक है।

इसे पढ़ें : एयर इंडिया के पायलट के वेतन में कमी से हालात भड़क सकते हैं: पायलट संघ

भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (ICPA) के महासचिव प्रवीण कीर्थी ने एयर इंडिया प्रबंधन पर कोरोना संकट के कारण आए बोझ को साझा नहीं करने का आरोप लगाया, जिसका खामियाजा कर्मचारियों के कुछ वर्गों को भुगतना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा “ प्रबंधन को योजना को पूरे बोर्ड में लागू करना चाहिए। यह कर्मचारियों के एक हिस्से के लिए उचित नहीं होगा कि उन्हें छुट्टी पर भेजा जाए, जबकि शीर्ष मालिकों और उनके वेतन पूरी तरह सुरक्षित रहें।"

अखिल भारतीय सेवा अभियंता संघ के विलास गिरधर ने भी इसी तरह की चिंताओं को उजागर किया। “जब तक यह स्वैच्छिक आधार पर संचालित होता है, तब तक हमें योजना पर आपत्ति नहीं है। हालांकि, इसे अनिवार्य बनाने से स्वाभाविक रूप से कर्मचारियों का उत्पीड़न होगा।

14 जुलाई को भेजे गए कर्मचारी नोटिस के अनुसार, छुट्टी पर भेजे जाने वाले कर्मचारियों को मूल या महंगाई भत्ते या पेंशन, ग्रेच्युटी, भविष्य निधि और वेतन वृद्धि सहित किसी भी अन्य लाभ के हकदार नहीं होंगे। इन कर्मचारियों को बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, स्टाफ क्वार्टर खाली करना होगा या एयरलाइन से बाजार की कीमतों पर वापस किराये पर लेना होगा ।

इस योजना को निजीकरण से पहले कर्मचारी की ताकत को कम करने के लिए एक प्रक्रिया के हिस्से के रूप में भी देखा जा रहा है। एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की आखिरी तारीख 31 अगस्त है।

हालंकि मार्च में लॉकडाउन में एयर इंडिया ने घोषणा की थी कि उसने तीन महीने के लिए सभी कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया है। जोकि केंद्र सरकार उस निर्णय के खिलाफ था जिसमें उसने लॉकडाउन में किसी भी तरह के वेतन कटौती या छँटनी करने से मना किया था।

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