NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
कृषि
भारत
राजनीति
अजय मिश्रा टेनी भारत सरकार के मंत्रिपरिषद का हिस्सा नहीं रह सकते : एसकेएम
एसकेएम की मांग है कि अजय मिश्रा को तुरंत बर्ख़ास्त और गिरफ़्तार किया जाए, और ऐसा न करने पर लखीमपुर खीरी हत्याकांड में न्याय के लिए आंदोलन तेज़ किया जाएगा
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Oct 2021
अजय मिश्रा टेनी भारत सरकार के मंत्रिपरिषद का हिस्सा नहीं रह सकते : एसकेएम

किसान आंदोलन अपने 328वें दिन में प्रवेश कर गया है। और सरकार और किसानों के बीच बने गतिरोध का अभी कोई हल होता नहीं दिख रहा है। बल्कि सरकार और उसके समर्थकों का दमन किसानों पर बढ़ता ही जा रहा है। लखीमपुर की घटना और उसके बाद प्रशासन की लेट लतीफ़ कार्रवाई इसका उदाहरण है। इस घटना के बाद लखीमपुर खीरी में वापस आए अजय मिश्रा टेनी ने लखीमपुर खीरी हत्याकांड का दोष यूपी पुलिस की विफलता पर लगाया है। जिसको लेकर किसान संगठनों ने इसे मंत्री द्वारा पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास बताया है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि लखीमपुर खीरी नरसंहार के लिए यूपी पुलिस को जिम्मेदार ठहराने वाले बयान उनके द्वारा बनाए जा रहे दबाव का प्रमाण हैं। एसकेएम इस नेता के शर्मनाक व्यवहार पर आश्चर्यचकित है, और यह साफ करता है कि एक मंत्री द्वारा दिए जा रहे ऐसे बयानों से पुलिस और जांच एजेंसियों पर दबाव बढ़ेगा।
 

एसकेएम ने यह भी नोट किया कि सुमित जायसवाल जैसे सह-आरोपियों को हत्याकांड के लगभग तीन सप्ताह बाद सोमवार को पकड़ा गया। एसकेएम की मांग है कि अजय मिश्रा को तुरंत बर्खास्त और गिरफ्तार किया जाए, और ऐसा न करने पर लखीमपुर खीरी हत्याकांड में न्याय के लिए आंदोलन तेज किया जाएगा।
मंत्री की बर्खस्तगी को लेकर एसकेएम द्वारा सोमवार को किए गए रेल रोको आंदोलन को देश भर से व्यापक समर्थन मिला है। किसान समूहों द्वारा विभिन्न स्थानों पर आयोजित रेल रोको कार्रवाई को लेकर मंगलवार तक अलग-अलग जगहों से रिपोर्ट आती रही है। गौरतलब है कि रेल रोको आंदोलन दिल्ली में भी बिजवासन रेलवे स्टेशन पर किया गया था। उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों में आयोजित कार्रवाई की हुई थी। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पुलिस के ज्यादती की भी खबरें भी आई हैं।  

किसान नेताओं ने कहा कि एसकेएम के रेल रोको ने मोदी सरकार पर निश्चित दबाव बढ़ाया है - हजारों प्रदर्शनकारी किसानों ने सुनिश्चित किया कि उनके गुस्से का संदेश हर जगह भाजपा नेताओं तक पहुंचे; भाजपा के भीतर से भी कुछ आवाजें तेज हो रही हैं, जो अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं।

जुलाई 2021 के महीने में केंद्रीय कृषि मंत्री और कृषि राज्य मंत्री द्वारा निहंग सिख समूह के नेता से मुलाकात के बारे में नई रिपोर्टें सामने आई हैं, प्रत्यक्ष रूप से किसानों के आंदोलन के 'समाधान' के लिए। यह निहंग सिख नेता उसी समूह से हैं जो 15 अक्टूबर को सिंघु मोर्चा पर क्रूर यातना और हत्या में शामिल था।

संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर दोहराया है कि सिंघु मोर्चा हत्याकांड, भाजपा और उसकी सरकारों द्वारा महसूस किए जा रहे लखीमपुर खीरी नरसंहार के दबाव से ध्यान भटकाने की साजिश में डूबी हुई प्रतीत होता है, और इसकी तत्काल और गहराई से जांच की आवश्यकता है।

एसकेएम के मुताबिक हालांकि किसी भी धर्म और आस्था की बेअदबी अस्वीकार्य है, और इसकी निंदा की जानी चाहिए और वह किसान आंदोलन में शामिल सभी नागरिकों से अपील करता है, कि वे आंदोलन में भटकाव पैदा करने के उद्देश्य से की जा रही साजिशों का शिकार न हों, और आंदोलन की प्रमुख मांगों को मनवाने के लिए अपना प्रतिरोध तेज करते रहें।

 

Ajay Mishra Teni
GOVERNMENT OF INDIA
SKM
kisan andolan

Related Stories

क्यों मिला मजदूरों की हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन

पूर्वांचल में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बीच सड़कों पर उतरे मज़दूर

देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में दिखा व्यापक असर

बिहार में आम हड़ताल का दिखा असर, किसान-मज़दूर-कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता

"जनता और देश को बचाने" के संकल्प के साथ मज़दूर-वर्ग का यह लड़ाकू तेवर हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ है

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

एमएसपी पर फिर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा

बंगाल: बीरभूम के किसानों की ज़मीन हड़पने के ख़िलाफ़ साथ आया SKM, कहा- आजीविका छोड़ने के लिए मजबूर न किया जाए

कृषि बजट में कटौती करके, ‘किसान आंदोलन’ का बदला ले रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा


बाकी खबरें

  • ghazipur
    भाषा
    गाजीपुर अग्निकांडः राय ने ईडीएमसी पर 50 लाख का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया
    30 Mar 2022
    दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दो दिन पहले गाजीपुर लैंडफिल साइट (कूड़ा एकत्र करने वाले स्थान) पर भीषण आगजनी के लिये बुधवार को डीपीसीसी को ईडीएमसी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाने और घटना के…
  • paper leak
    भाषा
    उत्तर प्रदेश: इंटर अंग्रेजी का प्रश्न पत्र लीक, परीक्षा निरस्त, जिला विद्यालय निरीक्षक निलंबित
    30 Mar 2022
    सूत्रों के अनुसार सोशल मीडिया पर परीक्षा का प्रश्न पत्र और हल किया गया पत्र वायरल हो गया था और बाजार में 500 रुपए में हल किया गया पत्र बिकने की सूचना मिली थी।
  • potato
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहार: कोल्ड स्टोरेज के अभाव में कम कीमत पर फसल बेचने को मजबूर आलू किसान
    30 Mar 2022
    पटनाः बिहार के कटिहार जिले के किसान राजेंद्र मंडल, नौशाद अली, मनोज सिंह, अब्दुल रहमान और संजय यादव इस बार आलू की बम्पर पैदावार होने के बावजूद परेशान हैं और चिंतित हैं। जि
  • east west
    शारिब अहमद खान
    रूस और यूक्रेन युद्ध: पश्चिमी और गैर पश्चिमी देशों के बीच “सभ्य-असभ्य” की बहस
    30 Mar 2022
    “किसी भी अत्याचार की शुरुआत अमानवीयकरण जैसे शब्दों के इस्तेमाल से शुरू होती है। पश्चिमी देशों द्वारा जिन मध्य-पूर्वी देशों के तानाशाहों को सुधारवादी कहा गया, उन्होंने लाखों लोगों की ज़िंदगियाँ बरबाद…
  • Parliament
    सत्यम श्रीवास्तव
    17वीं लोकसभा की दो सालों की उपलब्धियां: एक भ्रामक दस्तावेज़
    30 Mar 2022
    हमें यह भी महसूस होता है कि संसदीय लोकतंत्र के चुनिंदा आंकड़ों के बेहतर होने के बावजूद समग्रता में लोकतंत्र कमजोर हो सकता है। यह हमें संसदीय या निर्वाचन पर आधारित लोकतंत्र और सांवैधानिक लोकतंत्र के…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License