NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अल्जीरिया के हिरक आंदोलन ने प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फ़ैसले की निंदा की
12 जून को निर्धारित विधायी चुनावों से ठीक एक महीने पहले अनधिकृत विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है।
पीपल्स डिस्पैच
10 May 2021
अल्जीरिया के हिरक आंदोलन ने प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फ़ैसले की निंदा की

अल्जीरिया के हिरक आंदोलन ने सरकार के नए निर्णय की निंदा की है जिसका उद्देश्य देश में गैरकानूनी विरोध प्रदर्शन और रैलियों पर प्रतिबंध लगाना है। ये रिपोर्ट 9 मई को अल जज़ीरा ने प्रकाशित किया। आंतरिक मंत्रालय ने रविवार को सरकार के निर्णय की घोषणा की जो कई एक्टिविस्टों और सरकार के आलोचकों के अनुसार फिर से शुरु होने वाले सरकार-विरोधी प्रदर्शन को देखते हुए लिया गया है। ये विरोध प्रदर्शन कोरोनावायरस-संबंधी प्रतिबंधों के कारण कई महीनों के अंतराल के बाद देश भर में फिर से शुरु हो गया है।

रिपोर्ट के अनुसार सरकार को भय है कि हिरक विरोध प्रदर्शन जून महीने में निर्धारित आम चुनावों को लेकर लामबंद होगा और पिछले चुनावों की तरह जनता को प्रभावित करेगा। इसके परिणामस्वरूप पिछली बार ऐतिहासिक रूप से 40% से कम मतदाता शामिल हुए थे।

अल्जीरियाई आंतरिक मंत्रालय का कहना है कि अब से देश में होने वाले सभी विरोध प्रदर्शनों को  अधिकारियों से परमिट लेना होगा जिसमें निर्धारित प्रदर्शन के शुरु होने से लेकर समाप्त होने के समय के साथ साथ आयोजकों और प्रतिभागियों के नाम के संबंध में अग्रिम रुप से सूचना शामिल होगी। एक बयान में, आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि “इन प्रक्रियाओं का अनुपालन करने में विफल होना कानून और संविधान का उल्लंघन होगा।” रविवार को घोषित किए गए नियम देश के नए संविधान के एक खंड का हिस्सा है जिसे हाल ही में राष्ट्रव्यापी जनमत संग्रह के जरिए पारित किया गया था जिसमें बेहद कम 25 फीसदी मतदाता शामिल हुए थे।

तत्कालीन अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बाउटेफ्लिका द्वारा साल 2019 में अपने पांचवें कार्यकाल और राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा करने के बाद फरवरी 2019 में हिरक विरोध प्रदर्शन हुआ। बाउटेफ्लिका को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने के बाद हिरक आंदोलन ने पूर्ववर्ती सरकार के सभी लोगों को हटाने और अन्य मांगों के साथ सामान्य अल्जीरियाईयों की बेहतरी के लिए देश में कट्टरपंथी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सुधार की मांग की। 

Algeria
Hirak movement
COVID-19
Abdelaziz Bouteflika

Related Stories

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप

कोरोना अपडेट: देश में एक हफ्ते बाद कोरोना के तीन हज़ार से कम मामले दर्ज किए गए

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

WHO और भारत सरकार की कोरोना रिपोर्ट में अंतर क्य़ों?


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License