NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अल्जीरियाई वामपंथी पार्टी के नेता फेथी घारेस फ़र्ज़ी आरोपों में गिरफ़्तार
प्रिज़नर्स राइट ग्रुप के अनुसार, सुनवाई का इंतज़ार कर रहे क़रीब 300 राजनीतिक क़ैदी अल्जीरिया में अवैध व मनमाने ढंग से हिरासत में हैं। देश में राजनीतिक विरोधियों के ख़िलाफ़ उत्पीड़न जारी है।
पीपल्स डिस्पैच
02 Jul 2021
अल्जीरियाई वामपंथी पार्टी

अल्जीरिया के विपक्षी नेता और वामपंथी डेमोक्रेटिक एंड सोशल मूवमेंट पार्टी (एमडीएस) के प्रमुख फेथी घारेस को गुरुवार 1 जुलाई को अल्जीरियाई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें कथित तौर पर "राष्ट्रपति का अपमान करने" सहित कई संदिग्ध, राजनीति से प्रेरित आरोपों में गिरफ्तार किया गया है।” इन आरोपों में, "गणतंत्र के राष्ट्रपति के व्यक्ति पर हमला", "उन प्रकाशनों का प्रसार जो राष्ट्रीय हित का उल्लंघन कर सकते हैं", "ऐसी जानकारी का प्रसार जो राष्ट्रीय एकता को कमजोर कर सकते है" और "ऐसी सूचना का प्रसार जो सार्वजनिक व्यवस्था को कमजोर कर सकता है" , शामिल है।

प्रिजनर्स राइट ग्रुप नेशनल कमेटी फॉर द लिबरेशन ऑफ डिटेनीज़ (सीएनएलडी) के अनुसार साधारण कपड़े में पुलिसकर्मियों ने घारेस को राजधानी अल्जीयर्स के दक्षिणी भाग में ग्यू डे कॉन्सटेंटाइन उपनगर में उनके घर से गिरफ्तार किया और उन्हें बाब एल कुएद में पांचवी पुलिस स्टेशन ले गए।

एमडीएस के प्रमुख के रूप में उनकी भूमिका के साथ साथ घारेस क्रांतिकारी हिरक आंदोलन में भी एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं। इस आंदोलन ने दो साल पहले लंबे समय तक तानाशाह राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बुउटेफ्लिका को सफलतापूर्वक उखाड़ फेंका था। इस क्रांति के बाद की सरकारों ने विरोध, आलोचना और विपक्षी राजनीतिक और नागरिक समाज समूहों की आवाज़ों को दबाना और उन्हें दंडित करना जारी रखे हुए है।

अल्जीरिया को अधिक स्वतंत्र, समान, लोकतांत्रिक देश और अच्छी तरह से प्रदर्शन करने वाली भ्रष्टाचार मुक्त अर्थव्यवस्था के साथ साथ एक स्थिर देश के रुप में बदलने के उद्देश्य से हिरक आंदोलन अपनी निरंतर सत्ता विरोधी और राजनीतिक और आर्थिक सुधार की अपनी दीर्घकालिक मांगों के लिए नेताओं का प्राथमिक निशाना रहा है। सीएनएलडी के अनुसार, फरवरी 2019 में आंदोलन शुरू होने के बाद से हजारों हिरक नेताओं और कार्यकर्ताओं, विपक्षी नेताओं और सरकारी आलोचकों को गिरफ्तार किया गया और कानूनी रूप से सताया गया। इसके अनुसार लगभग 300 अल्जीरियाई लोगों को अवैध, मनमाने ढंग से प्री-ट्रायल डिटेंशन में रखा गया।

अन्य विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ-साथ अल्जीरियाई मानवाधिकार समूहों द्वारा घारेस की गिरफ्तारी और अन्य लोगों की हिरासत की निंदा की गई है।

Algeria
fethi ghares
algerian communist party

Related Stories

प्रसिद्ध अल्जीरियाई पत्रकार मोहम्मद मौलौद्ज को आतंकवाद के आरोप में हिरासत में लिया गया

अल्जीरिया में 100 से अधिक हिरक प्रदर्शनकारी रिहा

अल्जीरियाई स्वतंत्रता दिवस पर जेल में बंद हिरक आंदोलन के 18 कार्यकर्ता रिहा

वित्त मंत्री अयमन बेनअब्दर्रह्मान अल्जीरिया के नए प्रधानमंत्री

अल्जीरियाई पुलिस ने प्रमुख मानवाधिकार और अत्याचार-विरोधी कार्यकर्ता फ़ातिहा ब्रिकी को हिरासत में लिया

सत्ता-समर्थक दल अल्जीरियाई चुनावों में आगे

यूएन ने अल्जीरिया से हिरक प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मानवाधिकारों के हनन को रोकने का आह्वान किया

अल्जीरिया के हिरक आंदोलन ने प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फ़ैसले की निंदा की

अल्जीरिया : हिरक आंदोलन के नेता संदिग्ध आरोपों में गिरफ़्तार

सीमा क्षेत्र को बंद करने के अल्जीरिया के फ़ैसले के ख़िलाफ़ मोरक्को के किसानों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License