NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मीडियाकर्मियों पर चौतरफ़ा हमला : डीयूजे
आजकल असहिष्णुता का एक बढ़ता हुआ माहौल है जिसमें ट्वीट्स, फेसबुक पोस्ट और मीडिया के लोगों द्वारा रिपोर्ट पर उनके खिलाफ मनमानी आरोप दायर किए जा रहे हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
19 Jun 2021
मीडियाकर्मियों पर चौतरफ़ा हमला : डीयूजे

दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स(डीयूजे) ने 18 जून को एक बयान जारी कर कई सरकारों द्वारा मीडियाकर्मियों को बार-बार निशाना बनाए जाने की निंदा की है। यूनियन ने इसे "चौतरफ़ा" हमला करार देते हुए कई घटनाओं पर प्रकाश डाला है, जहां मीडियाकर्मियों पर हमले हुए हैं।

सबसे पहले, यूनियन  ने द हिंदू समूह द्वारा बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बर्खास्त करने की निंदा की, जिसने इस कदम के पीछे वित्तीय कठिनाइयों का हवाला दिया है। डीयूजे के अनुसार, यह उसी पैटर्न का अनुसरण  है जो पहली बार 2020 में  कोरोना के  कारण लॉकडाउन के दौरान मीडिया समूहों में हुई छंटनी की गई थी।  

उनमें से कई मीडियाकर्मियों को अभी तक कोई वैकल्पिक रोज़गार और आय का साधन नहीं मिला  है, जबकि कुछ फ्रीलांसिंग का काम कर रहे हैं।

डीयूजे के अनुसार, एकतरफ  महामारी के कारण जहां बर्खास्तगी और वेतन में कटौती हुई है। वहीं इस दौरान जो सच की रिपोर्ट करने का साहस करते हैं, उन पत्रकारों के जीवन के लिए भी खतरा बढ़ रहा है। उदाहरण के लिए एबीपी न्यूज के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की 13 जून को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में हत्या कर दी गई थी। कथित तौर पर अवैध शराब के धंधे पर रिपोर्ट करने के कुछ दिनों बाद शराब माफिया ने उनकी हत्या कर दी थी।

प्रयागराज पुलिस में शिकायत करने और सुरक्षा की गुहार लगाने के बावजूद, पत्रकार को उनसे कोई सुरक्षा नहीं मिली। अगले दिन उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई।

डीयूजे ने संबंधित अधिकारियों से इस मुद्दे को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ उठाने और हत्यारों को सजा सुनिश्चित करने के लिए मामले को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है। इसके अलावा, इसने एबीपी न्यूज प्रबंधन से उनके परिवार को पर्याप्त मुआवजा प्रदान करने का भी अनुरोध किया है।

बयान में कहा गया है कि सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए और अधिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि मीडियाकर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि वे बिना किसी डर के सच्चाई रिपोर्ट कर सकें। इतना ही नहीं, डीयूजे ने इस तरह के मामलों में समाचार प्रबंधन की भूमिका में अधिक पारदर्शिता की भी मांग की है।

पत्रकार संघ ने आश्चर्य व्यक्त किया है कि गाजियाबाद पुलिस ने "एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति पर हमले के बारे में ट्वीट करने" के लिए चुनिंदा पत्रकारों और राजनेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। जिन लोगों को निशाना बनाया गया उनमें प्रमुख पत्रकार सबा नकवी, राणा अय्यूब और मो. जुबैर है ।


एक अन्य घटना में, पत्रकार नेहा दीक्षित के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ बाल तस्करी के आरोप लगाए थे।

बयान में कहा गया है, "आजकल असहिष्णुता का एक बढ़ता हुआ माहौल है जिसमें ट्वीट्स, फेसबुक पोस्ट और मीडिया के लोगों द्वारा रिपोर्ट पर  उनके खिलाफ मनमानी आरोप दायर किए जा रहे है।"

बयान में कहा गया है कि द वायर, ट्विटर आईएनसी  और ट्विटर  इंडिया को भी विभिन्न समूहों के बीच कथित तौर पर दंगे और दुश्मनी को भड़काने और आईपीसी की धारा 153, 153ए, 295ए, 505, 120बी और 34 के तहत भी नामजद किए गए हैं।

जबकि एक अन्य पत्रकार सिद्दीकी कप्पन पिछले साल अक्टूबर से जेल में बंद है, कप्पन को पिछले साल पांच अक्टूबर में उत्तर प्रदेश के हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया गया था। हाथरस में एक दलित युवती की कथित रूप से सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी। भले ही पत्रकार को 15 जून, 2021 को मथुरा की एक अदालत द्वारा सीमित राहत प्रदान की गई थी, जिसने उनके और उनके साथ गिरफ्तार किए गए तीन अन्य लोगों के खिलाफ शांति भंग के जमानती आरोपों को हटा दिया था लेकिन उन पर कठोर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया है। जिसके चलते वह अभी भी जेल में बंद है।  

नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, कप्पन की माँ का 18 जून को कप्पन की बीमार मां खदीजाकुट्टी (91) का वेंगरा के निकट उनके घर पर देहांत हो गया। अंतिम समय में वो अपने बेटे से मिल भी नहीं पाई।  

इसके अलावा उन्होंने आगे कहा कि ट्विटर और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के बीच विवाद में पत्रकार फंस गए हैं, डीयूजे ने इसे एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना कहा।

यूनियन ने मीडियाकर्मियों के खिलाफ इन सभी आरोपों को बिना शर्त और तत्काल वापस लेने और इस तरह के झूठे आरोपों के तहत गिरफ्तार किए गए सभी लोगों की रिहाई की मांग की है।

Delhi Union of Journalists
DUJ
Press freedom
journalist
attack on journalists
Modi Govt

Related Stories

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

सरकारी एजेंसियाँ सिर्फ विपक्ष पर हमलावर क्यों, मोदी जी?

भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़

भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन

जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है

मोदी सरकार 'पंचतीर्थ' के बहाने अंबेडकर की विचारधारा पर हमला कर रही है

लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा

ज्ञानवापी, ताज, क़ुतुब पर बहस? महंगाई-बेरोज़गारी से क्यों भटकाया जा रहा ?

धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 


बाकी खबरें

  • ghazipur
    भाषा
    गाजीपुर अग्निकांडः राय ने ईडीएमसी पर 50 लाख का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया
    30 Mar 2022
    दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दो दिन पहले गाजीपुर लैंडफिल साइट (कूड़ा एकत्र करने वाले स्थान) पर भीषण आगजनी के लिये बुधवार को डीपीसीसी को ईडीएमसी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाने और घटना के…
  • paper leak
    भाषा
    उत्तर प्रदेश: इंटर अंग्रेजी का प्रश्न पत्र लीक, परीक्षा निरस्त, जिला विद्यालय निरीक्षक निलंबित
    30 Mar 2022
    सूत्रों के अनुसार सोशल मीडिया पर परीक्षा का प्रश्न पत्र और हल किया गया पत्र वायरल हो गया था और बाजार में 500 रुपए में हल किया गया पत्र बिकने की सूचना मिली थी।
  • potato
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहार: कोल्ड स्टोरेज के अभाव में कम कीमत पर फसल बेचने को मजबूर आलू किसान
    30 Mar 2022
    पटनाः बिहार के कटिहार जिले के किसान राजेंद्र मंडल, नौशाद अली, मनोज सिंह, अब्दुल रहमान और संजय यादव इस बार आलू की बम्पर पैदावार होने के बावजूद परेशान हैं और चिंतित हैं। जि
  • east west
    शारिब अहमद खान
    रूस और यूक्रेन युद्ध: पश्चिमी और गैर पश्चिमी देशों के बीच “सभ्य-असभ्य” की बहस
    30 Mar 2022
    “किसी भी अत्याचार की शुरुआत अमानवीयकरण जैसे शब्दों के इस्तेमाल से शुरू होती है। पश्चिमी देशों द्वारा जिन मध्य-पूर्वी देशों के तानाशाहों को सुधारवादी कहा गया, उन्होंने लाखों लोगों की ज़िंदगियाँ बरबाद…
  • Parliament
    सत्यम श्रीवास्तव
    17वीं लोकसभा की दो सालों की उपलब्धियां: एक भ्रामक दस्तावेज़
    30 Mar 2022
    हमें यह भी महसूस होता है कि संसदीय लोकतंत्र के चुनिंदा आंकड़ों के बेहतर होने के बावजूद समग्रता में लोकतंत्र कमजोर हो सकता है। यह हमें संसदीय या निर्वाचन पर आधारित लोकतंत्र और सांवैधानिक लोकतंत्र के…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License