NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सभी राजनीतिक दल सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के साथ, सौहार्द कायम रखने की अपील
लेफ्ट-राइट-सेंटर सभी राजनैतिक दलों ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के सम्मान की बात कही है और देश में सौहार्द कायम रखने की बात पर ज़ोर दिया है। इसी के साथ वाम दलों ने ये भी कहा है कि अब मस्जिद गिराने के मामले का भी फ़ैसला जल्द सुनाया जाना चाहिये जिससे कानून तोड़ने वाले दोषियों को सजा मिल सके।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
09 Nov 2019
ayodhya
Image courtesy: Patrika

अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि अदालत के फैसले को किसी की हार या जीत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की भी अपील की।

उन्होंने कहा, ‘राम भक्ति हो या रहीम भक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारत भक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।’ मोदी ने कहा, ‘देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि ‘न्याय के मंदिर’ (उच्चतम न्यायालय) ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया। उन्होंने कहा, ‘आज के फैसले को लेकर 130 करोड़ भारतीयों का शांति और संयम का परिचय देना भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देता है। एकजुटता की यह भावना हमारे राष्ट्र के विकास पथ को शक्ति प्रदान कर सकती है। हर भारतीय को सशक्त बनाया जा सकता है।’

मोदी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है। यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है। हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। यह (फैसला) हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता, पारदर्शिता और दूरदर्शिता की पुन:पुष्टि करता है। शांति और सद्भाव बना रहे।’

सभी पक्ष सौहार्द कायम रखें: वामदल

न्यायालय का फैसला सुनाये जाने के बाद माकपा पोलित ब्यूरो द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि देश में वर्षों से चल रहे इस विवाद का सर्वोच्च अदालत के निर्णायक फैसले से अंत हुआ है।

पोलित ब्यूरो ने कहा कि अदालत ने अयोध्या में हिंदू पक्ष को एक ट्रस्ट के माध्यम से मंदिर निर्माण के लिये विवादित 2.77 एकड़ जमीन दी है, साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिये पांच एकड़ जमीन दिए जाने का फैसला दिया है।

पार्टी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इस विवाद को खत्म करने की स्वागतयोग्य पहल की है ताकि इस मामले को ढाल बनाकर व्यापक पैमाने पर हिंसा फैलाने वाली ताकतें जनधन की हानि न कर सकें।

पोलित ब्यूरो ने कहा कि माकपा का शुरू से ही मानना रहा है कि इस विवाद का सर्वमान्य हल सभी पक्षों के बीच आपसी सहमति से नहीं हो पाने की स्थिति में न्यायिक प्रक्रिया से ही निकाला जाना चाहिये। पार्टी ने कहा कि अदालत के फैसले में भी बाबरी मस्जिद को 1992 में ढहाये जाने को कानून का उल्लंघन बताया है। पार्टी ने कहा कि मस्जिद गिराने के मामले का भी फैसला जल्द सुनाया जाना चाहिये जिससे कानून तोड़ने वाले दोषियों को सजा मिल सके।

पोलित ब्यूरो ने सभी पक्षों से इस फैसले के परिप्रेक्ष्य में ऐसा कोई भड़काऊ काम नहीं करने की अपील की है जिससे देश में सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित हो। इस मामले में भाकपा के राष्ट्रीय सचिवालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि देश में विवादों के निपटारा करने वाली संवैधानिक संस्था के रूप में उच्चतम न्यायालय ने सालों से चले आ रहे विवाद में बहुप्रतीक्षित फैसला सुना दिया है। इससे इस मामले में दशकों से चल रही कानूनी लड़ाई का अंत हुआ।

भाकपा ने कहा, ‘सर्वोच्च अदालत के अपने फैसले में सभी आस्थाओं को समान बताते हुये सभी पक्षों के लिये संतोषप्रद फैसला सुनाया है। इसे सभी पक्षों द्वारा नैतिक मूल्यों, न्याय और सांप्रदायिक सौहार्द के व्यापक फलक पर उदार मन से स्वीकार किया जाना चाहिये।’
 
पार्टी ने कहा कि किसी भी पक्ष को यह फैसला हार जीत के रूप में नहीं देखना चाहिये और ना ही मौजूदा स्थिति में किसी प्रकार की भड़काऊ गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहिये। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, ‘अदालत का फैसला सभी पक्षों के लिये स्वीकार्य होना चाहिये। समाज के सभी वर्गों की जिम्मेदारी है कि वे शांति और सौहार्द बनाये रखें, जो कि भारतीय संस्कृति के मूल में है और यही वक्त की पुकार है।’

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा, ‘निर्णय उस मुद्दे पर आया है, जिसके कारण इस देश में बहुत खूनखराबा हुआ था। अदालत ने राम की मूर्ति को स्थापित करने पर सहमति दी और बाबरी मस्जिद गिराए जाने को अवैध बताया।’

उन्होंने कहा, ‘मैं उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया देने में सभी से संयम बरतने की अपील करना चाहूंगा। प्रतिक्रियाओं से लोगों की शांतिपूर्ण जिंदगी बाधित नहीं होनी चाहिए। किसी भी प्रतिक्रिया से राज्य का सौहार्द्र नहीं बिगड़ना चाहिए।’

हम राम मंदिर के निर्माण के पक्षधर हैं: कांग्रेस

अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने के बाद कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि वह राम मंदिर के निर्माण की पक्षधर है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि अब इस फैसले से आस्था के नाम पर राजनीति करने वालों के लिए दरवाजे हमेशा लिए बंद हो गए हैं।

बैठक के बाद सुरजेवाला ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘निर्णय आ चुका है। कांग्रेस भगवान राम के मंदिर के निर्माण की पक्षधर है।’ उन्होंने कहा, ‘वर्षों बाद उच्चतम न्यायालय ने इस मामले का पटाक्षेप कर दिया है। यह मामला किसी व्यक्ति विशेष, समूह या दल को श्रेय देने का नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने आस्था और विश्वास का सम्मान किया है।’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘उच्च्तम न्यायालय ने अयोध्या मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हुए हम सब को आपसी सद्भाव बनाए रखना है। ये वक्त हम सभी भारतीयों के बीच बन्धुत्व,विश्वास और प्रेम का है।’

वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक फैसला है और हम शांति एवं सद्भाव की अपील करते हैं।’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘अयोध्या मुद्दे पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया है। सभी पक्षों, समुदायों और नागरिकों को इस फ़ैसले का सम्मान करते हुए हमारी सदियों से चली आ रही मेलजोल की संस्कृति को बनाए रखना चाहिए। हम सबको एक होकर आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करना होगा।’

फैसले से पहले उन्होंने कहा था, ‘यह महात्मा गांधी का देश है। अमन और अहिंसा के संदेश पर क़ायम रहना हमारा कर्तव्य है।’

नीतीश कुमार और राम विलास पासवान ने फैसले का स्वागत किया

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को अयोध्या पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया और लोगों से फैसले को स्वीकार करने तथा इसका सम्मान करने की अपील की।

कुमार ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने (अयोध्या मामले में) अपना निर्णय सुना दिया है। हम सभी को फैसले को स्वीकार करना चाहिए और इसका स्वागत करना चाहिए। निर्णय का हर किसी को सम्मान करना चाहिए। यह मामले का हल है।’

उन्होंने कहा, ‘हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और शीर्ष अदालत के निर्णय को पूरी तरह स्वीकार करना चाहिए जो स्पष्ट और सर्वसम्मति वाला है। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला हुआ है। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि मामले में कोई विवाद खड़ा न करें और समाज में सौहार्द बनाए रखें।’

वहीं, केंद्र में भाजपा के गठबंधन सहयोगी और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा, “उच्चतम न्यायालय ने एक बेहद स्पष्ट और सर्वसम्मत फैसला किया है। एकमत से दिये गए इस फैसले में सभी पक्षों की भावनाओं का सम्मान किया गया। इससे उस विवाद का हल हो गया जो सदियों से अटका हुआ था।”

सौहार्दपूर्ण वातावरण में ही आगे का काम होना चाहिए: मायावती

अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने इस फैसले का सम्मान करते हुये कहा कि अब इस संबंध में सौहार्दपूर्ण वातावरण में आगे का काम होना चाहिए।

मायावती ने शनिवार दोपहर को फैसले के बाद ट्वीट किया, ‘परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के धर्मनिरपेक्ष संविधान के तहत माननीय उच्चतम न्यायालाय द्वारा रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के सम्बंध में आज आम सहमति से दिए गए ऐतिहासिक फैसले का सभी को सम्मान करते हुए अब इस पर सौहार्दपूर्ण वातावरण में आगे काम करनी चाहिए, ऐसी अपील और सलाह है।'

वहीं, राकांपा के प्रमुख प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि पार्टी का रुख रहा है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले को स्वीकार किया जाए।

मलिक ने ट्वीट किया, ‘शुरू से हमारा रुख रहा है कि हम उच्चतम न्यायालय के फैसले को स्वीकार करेंगे और सभी को इसे कबूल करना चाहिए। उम्मीद है कि देश में धर्म के नाम पर कोई विवाद नहीं आएगा।’

इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय की पीठ के पांचों न्यायाधीशों ने एकमत से आज अपना निर्णय दिया। हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। कई दशकों के विवाद पर आज उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया। वर्षों पुराना विवाद आज खत्म हुआ। मेरी सभी लोगों से अपील है कि शांति एवं सौहार्द बनाए रखें।’

यह विधिसम्मत और ‘अंतिम निर्णय’ हुआ है: भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि दशकों तक चली लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद यह विधिसम्मत और ‘अंतिम निर्णय’ हुआ है और अब अतीत की बातों को भुलाकर सभी को मिलकर भव्य राममंदिर का निर्माण करना है।

उन्होंने हालांकि काशी और मथुरा के सवाल पर सीधे जवाब नहीं देते हुए कहा, ‘आंदोलन करना संघ का काम नहीं है।’

भागवत ने कहा, ‘रामजन्मभूमि के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस देश की जनभावना , आस्था और श्रद्धा को न्याय देने वाले निर्णय का संघ स्वागत करता है। दशकों तक चली लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद यह विधिसम्मत अंतिम निर्णय हुआ है।’

‘अगर गांधी की हत्या मामले में आज फैसला आता है तो गोडसे हत्यारे लेकिन देशभक्त होंगे’

सुप्रीम कोर्ट फैसले पर महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर महात्मा गांधी की मौत के मामले में उच्चतम न्यायालय में आज फिर से सुनवाई होती है तो फैसला यही होगा कि नाथूराम गोड्से ‘एक हत्यारे लेकिन देशभक्त थे।’

 तुषार गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, ‘अगर गांधी की हत्या मामले में उच्चतम न्यायालय आज फिर से सुनवाई करे तो फैसला यही होगा कि नाथूराम गोड्से एक हत्यारे थे लेकिन वह देशभक्त भी थे।’

उन्होंने एक और ट्वीट किया, ‘हर किसी को खुश करना न्याय नहीं होता है, हर किसी को खुश करना राजनीति होती है।’

तुषार ने ट्वीट किया, ‘जब अयोध्या का फैसला सुना दिया गया है तो क्या हम उन वास्तविक मुद्दों की ओर लौट सकते हैं जिनसे हमारा देश त्रस्त है।’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

Ayodhya Case
Ayodhya Dispute
Ayodhya verdict
Narendera Modi
BJP
Congress
CPI(M)
BSP
SP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में क़रीब 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई
    04 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,205 नए मामले सामने आए हैं। जबकि कल 3 मई को कुल 2,568 मामले सामने आए थे।
  • mp
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर
    04 May 2022
    माकपा और कांग्रेस ने इस घटना पर शोक और रोष जाहिर किया है। माकपा ने कहा है कि बजरंग दल के इस आतंक और हत्यारी मुहिम के खिलाफ आदिवासी समुदाय एकजुट होकर विरोध कर रहा है, मगर इसके बाद भी पुलिस मुख्य…
  • hasdev arnay
    सत्यम श्रीवास्तव
    कोर्पोरेट्स द्वारा अपहृत लोकतन्त्र में उम्मीद की किरण बनीं हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं
    04 May 2022
    हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं, लोहिया के शब्दों में ‘निराशा के अंतिम कर्तव्य’ निभा रही हैं। इन्हें ज़रूरत है देशव्यापी समर्थन की और उन तमाम नागरिकों के साथ की जिनका भरोसा अभी भी संविधान और उसमें लिखी…
  • CPI(M) expresses concern over Jodhpur incident, demands strict action from Gehlot government
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग
    04 May 2022
    माकपा के राज्य सचिव अमराराम ने इसे भाजपा-आरएसएस द्वारा साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं अनायास नहीं होती बल्कि इनके पीछे धार्मिक कट्टरपंथी क्षुद्र शरारती तत्वों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन की स्थिति पर भारत, जर्मनी ने बनाया तालमेल
    04 May 2022
    भारत का विवेक उतना ही स्पष्ट है जितना कि रूस की निंदा करने के प्रति जर्मनी का उत्साह।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License