NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका ने डेनमार्क की गुप्त एजेंसी की मदद से जर्मनी, फ़्रांस सहित यूरोप में अपने क़रीबी सहयोगियों की जासूसी की
2013 में किए गए व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन के खुलासे की पुष्टि रविवार को प्रकाशित एक विस्तृत रिपोर्ट कर रहा है।
पीपल्स डिस्पैच
03 Jun 2021
अमेरिका ने डेनमार्क की गुप्त एजेंसी की मदद से जर्मनी, फ़्रांस सहित यूरोप में अपने क़रीबी सहयोगियों की जासूसी की

रविवार 30 मई को यूरोपीय मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार डेनमार्क की गुप्त एजेंसी ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर सहित यूरोप में अपने करीबी सहयोगियों के नेताओं की जासूसी करने में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) की मदद की। ये रिपोर्ट 2013 में व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन द्वारा किए गए खुलासे की पुष्टि करता है। यह नाटो सहयोगियों के बीच बढ़ती दरार की भी पुष्टि करता है।

डेनमार्क के सरकारी प्रसारक डीआर, फ्रांस के ले मोंडे और जर्मनी के सरकारी प्रसारकों सहित कई यूरोपीय मीडिया संगठनों ने गुप्त सेवा स्रोतों द्वारा उन्हें प्रस्तुत जांच रिपोर्ट को प्रकाशित किया।

ये रिपोर्ट इस तथ्य की पुष्टि करता है कि अमेरिका अपने करीबी सहयोगियों की जासूसी कर रहा है जिसका पूर्व एनएसए कर्मचारी से व्हिसलब्लोअर बने एडवर्ड स्नोडेन ने 2013 में खुलासा किया था।

जर्मनी के डीडब्ल्यू के अनुसार अमेरिका ने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) के चांसलर पद के पूर्व उम्मीदवार पीर स्टीनब्रुक जैसे विपक्षी नेताओं की भी जासूसी की। उन्होंने इस प्रकरण को पॉलिटिकल स्कैंडल बताया। चांसलर मर्केल और राष्ट्रपति स्टीनमीयर दोनों ने सार्वजनिक रूप से इस खबर पर प्रतिक्रिया नहीं दी।

इन रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि डेनमार्क की गुप्त एजेंसी ने विदेश और वित्त मंत्रियों सहित डेनमार्क के अधिकारियों की जासूसी करने में अमेरिका की मदद की। इस रिपोर्ट में कहा गया कि एनएसए ने डेनमार्क के कुछ हथियार निर्माताओं की भी जासूसी की।

यूरोपीय मीडिया रिपोर्टों ने भी अमेरिका द्वारा नीदरलैंड और फ्रांस जैसे अन्य करीबी सहयोगियों की इसी तरह की जासूसी का संकेत दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, एनएसए ने शीर्ष नेताओं की फोन पर बातचीत सुनी और उनके टेक्स्ट मैसेज पढ़े।

डेनमार्क जर्मनी का करीबी सहयोगी और पड़ोसी है और जर्मनी तथा डेनमार्क दोनों अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो के सदस्य हैं और इसे 2013 से जासूसी के बारे में पता था। इसने 2020 में डेनमार्क की इंटेलिजेंस सर्विसेज (ईएफ) के अधिकारियों के खिलाफ तब कार्रवाई की जब इसने इसके पूरे नेतृत्व को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। इस रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद डेनमार्क के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि "करीबी सहयोगियों की प्रणालीगत बगावत अस्वीकार्य है"। डीडब्ल्यू ने इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया।

नॉर्वे के प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग और फ्रांस के यूरोपियन मिनिस्टर क्लेमेंट ब्यूने सहित कई अन्य नेताओं ने इस खुलासे को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। हालांकि, जर्मन चांसलर मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने केवल यह कहते हुए स्पष्टीकरण मांगा कि कोपेनहेगन और वाशिंगटन से जवाब की आवश्यकता है।

America
Denmark
germany
France

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

यूक्रेन की स्थिति पर भारत, जर्मनी ने बनाया तालमेल

फ्रांस में मैक्राँ की जीत से दुनियाभर में राहत की सांस

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

लखनऊ में नागरिक प्रदर्शन: रूस युद्ध रोके और नेटो-अमेरिका अपनी दख़लअंदाज़ी बंद करें

यूक्रेन युद्ध की राजनीतिक अर्थव्यवस्था

यूक्रेन पर रूस के हमले से जुड़ा अहम घटनाक्रम

यूक्रेन की बर्बादी का कारण रूस नहीं अमेरिका है!


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पत्रकारिता की पढ़ाई के नाम पर महाविद्यालय की अवैध वसूली
    21 Apr 2022
    शाहजहांपुर के एक महाविद्यालय में पत्रकारिता पढ़ाने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है, मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई।
  • मुकुंद झा
    दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, कोर्ट ने पूछे कई गंभीर सवाल
    21 Apr 2022
    दुष्यंत दवे ने कहा कि दिल्ली में 15 लाख लोगों के साथ 731 अनधिकृत कॉलोनियां हैं। आप केवल एक इलाके को निशाना बनाते हैं क्योंकि आप (एमसीडी) केवल एक समुदाय को टारगेट करना चाहते हैं।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    एमपी में सरकार की असफलताओं को छिपाने और सत्ता को बचाने के लिए धार्मिक उन्माद भड़काया जा रहा है : संयुक्त विपक्ष 
    21 Apr 2022
    गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान असंवैधानिक, आपराधिक, उकसावे वाले तथा सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ाने और सांप्रदायिक तत्वों को शह देने वाले होते हैं।"
  • सबरंग इंडिया
    पीएम मोदी के खिलाफ ट्वीट करने पर जिग्नेश मेवाणी गिरफ्तार
    21 Apr 2022
    वडगाम विधायक को गुजरात के बनासकांठा से गिरफ्तार कर उन्हें असम ले जाया जाएगा
  • सबरंग इंडिया
    जब जहांगीरपुरी में बुलडोज़र के सामने खड़ी हो गईं बृंदा करात...
    21 Apr 2022
    74 वर्षीय सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो सदस्य से नेतृत्व का सबक लेने की जरूरत, जिनके साहसिक कार्य ने एक अस्थिर स्थिति को बढ़ने से रोकने में मदद की
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License